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भजन संहिता 29:4 - पवित्र बाइबल

यहोवा की वाणी उसकी शक्ति को दिखाती है। उसकी ध्वनि उसके महिमा को प्रकट करती है।

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Hindi Holy Bible

यहोवा की वाणी शक्तिशाली है, यहोवा की वाणी प्रतापमय है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

प्रभु की वाणी शक्‍तिशाली है; प्रभु की वाणी तेजस्‍वी है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

यहोवा की वाणी शक्‍तिशाली है, यहोवा की वाणी प्रतापमय है।

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नवीन हिंदी बाइबल

यहोवा की वाणी शक्‍तिशाली है, यहोवा की वाणी प्रतापमय है।

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सरल हिन्दी बाइबल

शक्तिशाली है याहवेह का स्वर; भव्य है याहवेह का स्वर.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

यहोवा की वाणी शक्तिशाली है, यहोवा की वाणी प्रतापमय है।

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भजन संहिता 29:4
13 क्रॉस रेफरेंस  

क्योंकि परमेश्वर को केवल बात भर कहनी है, और वह बात तुरंत घट जाती है। यदि वह किसी को रुकने का आदेश दे, तो वह तुरंत थम दाती है।


परमेश्वर के लिए गाओ! वह रथ पर चढ़कर सनातन आकाशों से निकलता है। तुम उसके शक्तिशाली स्वर को सुनों!


इस्राएल का परमेश्वर तुम्हारे किसी भी देवों से अधिक बलशाली है। वह जो निज भक्तों को सुदृढ़ बनाता।


समुद्र की पछाड़ खाती लहरे गरजती हैं, और वे शक्तिशाली हैं। किन्तु ऊपर वाला यहोवा अधिक शक्तिशाली है।


यहोवा सभी लोगों को अपनी महान वाणी सुनने को विवश करेगा। यहोवा लोगों को क्रोध के साथ नीचे आती हुई अपनी शक्तिशाली भुजा देखने को विवश करेगा। यह भुजा उस महा अग्नि के समान होगी जो सब कुछ भस्म कर डालती है। यहोवा की शक्ति उस आंधी के जैसी होगी जो तेज़ वर्षा और ओलों के साथ आती है।


सुनो तो, नगर और मन्दिर से एक ऊँची आवाज़ सुनाई दे रही है। यहोवा द्वारा अपने विरोधियों को, जो दण्ड दिया जा रहा है। वह आवाज उसी की है। यहोवा उन्हें वही दण्ड दे रहा है जो उन्हें मिलना चाहिये।


तब मैंने करूब (स्वर्गदूतों) के पंखों की फड़फड़ाहट पूरे बाहरी आँगन में सुनी जा सकती थी। बाहरी आँगन में फड़फड़ाहट बड़ी प्रचण्ड थी, वैसी ही जैसी सर्वशक्तिमान परमेश्वर की गरजती वाणी होती है, जब वह बातें करता है।


आमोस ने कहा: “यहोवा सिय्योन में सिंह की तरह दहाड़ेगा। यहोवा की दहाड़ यरूशलेम से होगी। गड़ेरियों के हरे मैदान सूख जायेंगे। यहाँ तक कि कर्म्मेल पर्वत भी सूखेगा।”


सभी लोग चकित थे। वे एक दूसरे से बात करते हुए बोले, “यह कैसा वचन है? अधिकार और शक्ति के साथ यह दुष्टात्माओं को आज्ञा देता है और वे बाहर निकल आती हैं।”


फिर उसने उनसे पूछा, “कहाँ गया तुम्हारा विश्वास?” किन्तु वे डरे हुए थे और अचरज में पड़ें थे। वे आपस में बोले, “आखिर यह है कौन जो हवा और पानी दोनों को आज्ञा देता है और वे उसे मानते हैं?”