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जकर्याह 7:9 - पवित्र बाइबल

“सर्वशक्तिमान यहोवा ने ये बातें कहीं, ‘तुम्हें जो सत्य और उचित हो, करना चाहिये। तम्हें हर एक को एक दुसरे के प्रति दयालु और करूणापूर्ण होना चाहिये।

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Hindi Holy Bible

खराई से न्याय चुकाना, और एक दूसरे के साथ कृपा और दया से काम करना,

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

‘स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: “प्रत्‍येक व्यक्‍ति अपने जाति-भाई के साथ सच्‍चाई से न्‍याय करे, उसके प्रति करुणा और दया का व्‍यवहार करे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

खराई से न्याय चुकाना, और एक दूसरे के साथ कृपा और दया से काम करना,

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सरल हिन्दी बाइबल

“सर्वशक्तिमान याहवेह ने यह कहा है: ‘निष्पक्ष न्याय करो; एक दूसरे के प्रति दया और सहानुभूति दिखाओ.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

खराई से न्याय चुकाना, और एक दूसरे के साथ कृपा और दया से काम करना,

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जकर्याह 7:9
30 क्रॉस रेफरेंस  

दाऊद ने मेपीबोशेत से कहा, “डरो नहीं। मैं तुम्हारे प्रति दयालु रहूँगा। मैं यह तुम्हारे पिता योनातन के लिये करूँगा। मैं तुम्हारे पितामह शाऊल की सारी भूमि तुमको दूँगा, और तुम सदा मेरी मेज पर भोजन कर सकोगे।”


तो मैं सदा उन लोगों को वस्त्र देता रहा, मैंने उन्हें गर्म रखने को मैंने स्वयं अपनी भेड़ों के ऊन का उपयोग किया, तो वे मुझे अपने समूचे मन से आशीष दिया करते थे।


“क्योंकि वह जो अपने मित्रों के प्रति निष्ठा दिखाने से इन्कार करता है। वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर का भी अपमान करता है।


तेरा उस कर्म का करना जो उचित और नेक है यहोवा को अधिक चढ़ावा चढ़ाने से ग्राह्य है।


दाऊद के परिवार यहोवा यह कहता है: “‘तुम्हें प्रतिदिन लोगों का निष्पक्ष न्याय करना चाहिए। अपराधियों से उनके शिकारों की रक्षा करो। यदि तुम ऐसा नहीं करते तो मैं बहुत क्रोधित होऊँगा। मेरा क्रोध ऐसे आग की तरह होगा जिसे कोई व्यक्ति बुझा नहीं सकता। यह घटित होगा क्योंकि तुमने बुरे काम किये हैं।’


यहोवा कहता है: वे काम करो जो अच्छे और न्यायपूर्ण हों। उस व्यक्ति की रक्षा जिसकी चोरी की गई हो उस व्यक्ति से करो जिसने चोरी की है। विदेशी अनाथ बच्चों और विधवाओं को मत मारो।


मैंने उन्हें केवल यह आदेश दिया, ‘मेरी आज्ञा का पालन करो और मैं तुम्हारा परमेश्वर रहूँगा तथा तुम मेरे लोग होगे। जो मैं आदेश देता हूँ वह करो, और तुम्हारे लिए सब अच्छा होगा।’


यदि तुम अपना जीवन बदलोगे और अच्छा काम करोगे, तो मैं तुम्हें इस स्थान पर रहने दूँगा। तुम्हें एक दूसरे के प्रति निष्ठावान होना चाहिए।


यदि कोई मुद्रा ऋण लेना चाहता है तो भला व्यक्ति उसे ऋण देता है। वह उस ऋण का ब्याज नहीं लेता। भला व्यक्ति कुटिल होने से इन्कार करता है। वह हर व्यक्ति के प्रति सदा भला रहता है। लोग उस पर विश्वास कर सकते हैं।


मेरे स्वामी यहोवा ने यह कहा, “इस्राएल के शासकों बहुत हो चुका! क्रूर होना और लोगों से चीजें चुराना, छोड़ो! न्यायी बनो और अच्छे काम करो। हमारे लोगों को अपने घरों से बाहर जाने के लिये बलपूर्वक विवश न करो!” मेरे स्वामी यहोवा ने यह कहा।


“याकूब एक सचमुच का व्यापारी है। वह अपने मित्रों तक को छलता है! उसकी तराजू तक झूठी है।


“तुम्हें न्याय करने मै ईमानदार होना चाहिए। न तो तुम्हें ग़रीब के साथ विशेष पक्षपात करना चाहिए और न ही बड़े एवं धनी लोगों के प्रति कोई आदर दिखाना चाहिए। तुम्हें अपने पड़ोसी के साथ न्याय करते समय ईमानदार होना चाहिए।


तुम्हें अपने सारे देश में न्याय को नदी की तरह बहने देना चाहिये। अच्छाई को सदा सरिता की धारा की तरह बहने दो जो कभी सूखती नहीं।


हे मनुष्य, यहोवा ने तुझे वह बातें बतायीं हैं जो उत्तम हैं। ये वे बातें हैं, जिनकी यहोवा को तुझ से अपेक्षा है। ये वे बातें हैं—तू दुसरे लोगों के साथ में सच्चा रह; तू दूसरों से दया के साथ प्रेम कर, और अपने जीवन नम्रता से परमेश्वर के प्रति बिना उपहारों से तुम उसे प्रभावित करने का जतन मत करो।


परमेश्वर ने प्रथम नबियों का उपयोग बहुत पहले यही बात तब कही थी, जब यरूशलेम मनुष्यों से भरा—पूरा सम्पत्तिशाली था। परमेश्वर ने यह बातें तब कहीं थीं, जब यरूशलेम के चारों ओर के नगरों में तथा नेगव एवं पश्चिंमी पहाङियों की तराईयों में लोग शान्तिपूर्वक रहते थे।”


जकर्याह को यहोवा का यह सन्दोशहै:


“अरे कपटी यहूदी धर्मशास्त्रियों और फरीसियों! तुम्हारा जो कुछ है, तुम उसका दसवाँ भाग, यहाँ तक कि अपने पुदीने, सौंफ और जीरे तक के दसवें भाग को परमेश्वर को देते हो। फिर भी तुम व्यवस्था की महत्वपूर्ण बातों यानी न्याय, दया और विश्वास का तिरस्कार करते हो। तुम्हें उन बातों की उपेक्षा किये बिना इनका पालन करना चाहिये था।


“ओ फरीसियों! तुम्हें धिक्कार है क्योंकि तुम अपने पुदीने और सुदाब बूटी और हर किसी जड़ी बूटी का दसवाँ हिस्सा तो अर्पित करते हो किन्तु परमेश्वर के लिये प्रेम और न्याय की उपेक्षा करते हो। किन्तु इन बातों को तुम्हें उन बातों की उपेक्षा किये बिना करना चाहिये था।


बातें जैसी दिखती हैं, उसी आधार पर उनका न्याय मत करो बल्कि जो वास्तव में उचित है उसी के आधार पर न्याय करो।”


“हमारी व्यवस्था का विधान किसी को तब तक दोषी नहीं ठहराता जब तक उसकी सुन नहीं लेता और यह पता नहीं लगा लेता कि उसने क्या किया है।”


“यदि तुम देखो कि तुम्हारे पड़ोसी की गाय या भेड़ खुली है, तो तुम्हें इससे लापरवाह नहीं होना चाहिए। तुम्हें निश्चय ही इसे मालिक के पास पहुँचा देना चाहिए।