महाराजा क्षयर्ष के राज्य के बारहवें वर्ष में नीसान नाम के पहले महीने में विशेष दिन और विशेष महीने चुनने के लिये हामान ने पासे फेंके और इस तरह अदार नाम का बारहवाँ महीना चुन लिया गया। (उन दिनों लाटरी निकालने के ये पासे, “पुर” कहलाया करते थे।)
एस्तेर 9:26 - पवित्र बाइबल इसलिये ये दिन “पूरीम” कहलाये। “पूरीम” नाम “पूर” शब्द से बना है (जिसका अर्थ है लाटरी) और इसलिए यहूदियों ने हर वर्ष इन दो दिनों को उत्सव के रूप में मनाने की शुरुआत करने का निश्चय किया। उन्होंने यह इसलिए किया ताकि अपने साथ होते हुए जो बातें उन्होंने देखी थीं, उन्हें याद रखने में उनको मदद मिले। यहूदियों और उन दूसरे सभी लोगों को, जो यहूदियों में आ मिले थे, हर साल इन दो दिनों को ठीक उसी रीति और उसी समय मनाना था जिसका निर्देश मोर्दकै ने अपने आदेशपत्र में किया था। Hindi Holy Bible इस कारण उन दिनों का नाम पूर शब्द से पूरीम रखा गया। इस चिट्ठी की सब बातों के कारण, और जो कुछ उन्होंने इस विषय में देखा और जो कुछ उन पर बीता था, उसके कारण भी पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यहूदियों ने ‘पूर’ शब्द के अनुसार इन दिनों का नाम ‘पूरीम’ रखा। इस पत्र की बातों के कारण और इसके अतिरिक्त यहूदियों ने स्वयं अपनी आंखों से जो देखा था, उसके कारण, एवं यहूदियों को जो अनुभव हुआ था, उसके कारण पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस कारण उन दिनों का नाम पूर शब्द से पूरीम रखा गया। इस चिट्ठी की सब बातों के कारण, और जो कुछ उन्होंने इस विषय में देखा और जो कुछ उन पर बीता था, उसके कारण भी सरल हिन्दी बाइबल यही कारण है कि इन दो दिनों को पुर शब्द के आधार पर पुरीम कहना प्रचलित हो गया. इस राजाज्ञा के कारण तथा इसके अलावा संपूर्ण घटना में उनके साथ जो कुछ घटित हुआ तथा जो कुछ स्वयं उन्होंने देखा, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस कारण उन दिनों का नाम पूर शब्द से पूरीम रखा गया। इस चिट्ठी की सब बातों के कारण, और जो कुछ उन्होंने इस विषय में देखा और जो कुछ उन पर बीता था, उसके कारण भी |
महाराजा क्षयर्ष के राज्य के बारहवें वर्ष में नीसान नाम के पहले महीने में विशेष दिन और विशेष महीने चुनने के लिये हामान ने पासे फेंके और इस तरह अदार नाम का बारहवाँ महीना चुन लिया गया। (उन दिनों लाटरी निकालने के ये पासे, “पुर” कहलाया करते थे।)
जो कुछ घटा था, उसकी हर बात को मोर्दकै ने लिख लिया और फिर उसे महाराजा क्षयर्ष के सभी प्रांतों में बसे यहूदियों को एक पत्र के रूप में भेज दिया। दूर पास सब कहीं उसने पत्र भेजे।
एस्तेर के पत्र ने पूरीम के विषय में इन नियमों की स्थापना की और पूरीम के इन नियमों को पुस्तकों में लिख दिया गया।
परमेश्वर ने कहा, “उस समय में गोग को दफनाने के लिये इस्राएल में एक स्थान चुनूँगा। वह मृत सागर के पूर्व में यात्रियों की घाटी में दफनाया जाएगा। यह यात्रियों के मार्ग को रोकेगा। क्यों क्योंकि गोग और उसकी सारी सेना उस स्थान में दफनायी जाएगी। लोग इसे ‘गोग की सेना की घाटी’ कहेंगे।
उसने इसे वैसे ही किया जैसा यहोवा ने मूसा के द्वारा आदेश दिया था। यह संकेत था कि जिससे इस्राएल के लोग याद रख सकें कि केवल हारून के परिवार के व्यक्ति को यहोवा के सामने सुगन्धि भेंट करने का अधिकार है। यदि कोई अन्य व्यक्ति यहोवा के सामने सुगन्धि जलाता है तो वह व्यक्ति कोरह और उसके अनुयायियों की तरह हो जाएगा।