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एस्तेर 3:7 - पवित्र बाइबल

7 महाराजा क्षयर्ष के राज्य के बारहवें वर्ष में नीसान नाम के पहले महीने में विशेष दिन और विशेष महीने चुनने के लिये हामान ने पासे फेंके और इस तरह अदार नाम का बारहवाँ महीना चुन लिया गया। (उन दिनों लाटरी निकालने के ये पासे, “पुर” कहलाया करते थे।)

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Hindi Holy Bible

7 राजा क्षयर्ष के बारहवें वर्ष के नीसान नाम पहिले महीने में, हामान ने अदार नाम बारहवें महीने तक के एक एक दिन और एक एक महीने के लिये “पूर” अर्थात चिट्ठी अपने साम्हने डलवाई।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

7 सम्राट क्षयर्ष के शासन-काल के बारहवें वर्ष के प्रथम महीने में, अर्थात् नीसान महीने में, हामान ने अपने सम्‍मुख ‘पूर’ − जिसका अर्थ है ‘चिट्ठी’ − प्रत्‍येक दिन तथा प्रत्‍येक महीने के नाम पर निकलवायी। शकुन विचार करने वालों ने चिट्ठी डाली तो वह बारहवें महीने−अदार के नाम पर और उसके तेरहवें दिन पर निकली।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

7 राजा क्षयर्ष के बारहवें वर्ष के नीसान नामक पहले महीने में, हामान ने अदार नामक बारहवें महीने तक के एक एक दिन और एक एक महीने के लिये “पूर” अर्थात् चिट्ठी अपने सामने डलवाई।

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सरल हिन्दी बाइबल

7 राजा अहषवेरोष के शासन के बारहवें वर्ष के पहले महीने निसान में हामान के सामने दिन-दिन तथा महीने-महीने करके बारहवें महीने के लिए अर्थात् अदार के लिए पुर अर्थात् चिट्ठी डाली गई.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

7 राजा क्षयर्ष के बारहवें वर्ष के नीसान नामक पहले महीने में, हामान ने अदार नामक बारहवें महीने तक के एक-एक दिन और एक-एक महीने के लिये “पूर” अर्थात् चिट्ठी अपने सामने डलवाई।

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एस्तेर 3:7
13 क्रॉस रेफरेंस  

मन्दिर का निर्माण अदर महीने के तीसरे दिन पूरा हुआ। यह राजा दारा के शासन के छठें वर्ष में हुआ।


पासा तो झोली में फेंक दिया जाता है, किन्तु उसका हर निर्णय यहोवा ही करता है।


सो उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ा दिया और उसके वस्त्र पासा फेंक कर आपस में बाँट लिये।


मोर्दकै ने यहूदियों को यह बताने के लिए ऐसा किया कि वे हर साल अदार महीने की चौदहवीं और पन्द्रहवीं तारीख को पूरीम का उत्सव मनाया करें।


यहूदियों ने अपने सभी शत्रुओं को पराजित कर दिया। अपने शत्रुओं को मारने और नष्ट करने के लिए वे तलवारों का प्रयोग किया करते थे। जो लोग यहूदियों से घृणा करते थे, उनके साथ यहूदी जैसा चाहते, वैसा व्यवहार करते।


लोगों को (अदार) नाम के बारहवें महीने की तेरह तारीख को राजा की आज्ञा को पूरा करना था। यह वही दिन था जिस दिन यहूदियों के विरोधियों को उन्हें पराजित करने की आशा थी। किन्तु अब तो स्थिति बदल चुकी थी। अब तो यहूदी अपने उन शत्रुओं से अधिक प्रबल थे जो उन्हें घृणा किया करते थे।


सो एस्तेर को महाराजा क्षयर्ष के महल में ले जाया गया। यह उस समय हुआ जब उसके राज्यकाल के सातवें वर्ष का तेबेत नाम का दसवाँ महीना चल रहा था।


अपने शासन के तीसरे वर्ष क्षयर्ष ने अपने अधिकारियों और मुखियाओं को एक भोज दिया। फारस और मादै के सेना नायक और दूसरे महत्वपूर्ण मुखिया उस भोज में मौजूद थे।


राजा अर्तक्षत्र के बीसवें वर्ष के नीसान नाम के महीने में राजा के लिये थोड़ी दाखमधु लाई गयी। मैंने उस दाखमधु को लिया और राजा को दे दिया। मैं जब पहले राजा के साथ था तो दु:खी नहीं हुआ था किन्तु अब मैं उदास था।


उन शत्रुओं ने यहूदियों को रोकने के लिये प्रयत्न करते हुए फारस के राजा को पत्र भी लिखा। उन्होंने यह पत्र तब लिखा था जब क्षयर्ष फारस का राजा बना।


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