उत्पत्ति 2:1 - पवित्र बाइबल इस तरह पृथ्वी, आकाश और उसकी प्रत्येक वस्तु की रचना पूरी हुई। Hindi Holy Bible यों आकाश और पृथ्वी और उनकी सारी सेना का बनाना समाप्त हो गया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस प्रकार आकाश और पृथ्वी एवं जो कुछ उनमें है, इन सबकी रचना पूर्ण हुई। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यों आकाश और पृथ्वी और उनकी सारी सेना का बनाना समाप्त हो गया। नवीन हिंदी बाइबल इस प्रकार आकाश और पृथ्वी तथा जो कुछ उनमें है, सब की रचना पूर्ण हुई। सरल हिन्दी बाइबल इस प्रकार परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी के लिए सब कुछ बनाकर अपना काम पूरा किया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस तरह आकाश और पृथ्वी और उनकी सारी सेना का बनाना समाप्त हो गया। |
परमेश्वर ने सूखी भूमि का नाम “पृथ्वी” रखा और जो पानी इकट्ठा हुआ था, उसे “समुद्र” का नाम दिया। परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है।
यह पृथ्वी और आकाश का इतिहास है। यह कथा उन चीज़ों की है, जो परमेश्वर द्वारा पृथ्वी और आकाश बनाते समय, घटित हुईं।
हिजकिय्याह ने यहोवा के सामने प्रार्थना की और कहा, “यहोवा इस्राएल का परमेश्वर! तू करूब (स्वर्गदूतों) पर सम्राट की तरह बैठता है। तू ही केवल सारी पृथ्वी के राज्यों का परमेश्वर है। तूने पृथ्वी और आकाश को बनाया।
हूराम ने यह भी कहा, “इस्राएल के यहोवा, परमेश्वर की प्रशंसा करो! उसने धरती और आकाश बनाया। उसने राजा दाऊद को बुद्धिमान पुत्र दिया। सुलैमान, तुम्हें बुद्धि और समझ है। तुम एक मन्दिर यहोवा के लिये बना रहे हो। तुम अपने लिये भी एक राजमहल बना रहे हो।
तू तो परमेश्वर है! यहोवा, बस तू ही परमेश्वर है! आकाश को तूने बनाया है! सर्वोच्च आकाशों की रचना की तूने, और जो कुछ है उनमें सब तेरा बनाया है! धरती की रचना की तूने ही, और जो कुछ धरती पर है! सागर को, और जो कुछ है सागर में! तूने बनाया है हर किसी वस्तु को जीवन तू देता है! सितारे सारे आकाश के, झुकते हैं सामने तेरे और उपासना करते हैं तेरी!
यहोवा ने स्वर्ग और धरती को बनाया है। यहोवा ने सागर और उसमें की हर वस्तु बनाई है। यहोवा उनको सदा रक्षा करेगा।
यहोवा ने आदेश दिया और सृष्टि तुरंत अस्तित्व में आई। परमेश्वर के श्वास ने धरती पर हर वस्तु रची।
क्योंकि परमेश्वर को केवल बात भर कहनी है, और वह बात तुरंत घट जाती है। यदि वह किसी को रुकने का आदेश दे, तो वह तुरंत थम दाती है।
क्यों? क्योंकि यहोवा ने छ: दिन काम किया और आकाश, धरती, सागर और उनकी हर चीज़ें बनाईं। और सातवें दिन परमेश्वर ने आराम किया। इस प्रकार यहोवा ने शनिवार को वरदान दिया कि उसे आराम के पवित्र दिन के रूप में मनाया जाएगा। यहोवा ने उसे बहुत ही विशेष दिन के रूप में स्थापित किया।
सब्त का दिन मेरे और इस्राएल के लोगों के बीच सदा के लिए प्रतीक रहेगा।’” (यहोवा ने छः दिन काम किया तथा आकाश एवं धरती को बनाया। सातवें दिन उसने अपने को विश्राम दिया।)
आकाश चर्म पत्र के समान लपेट कर मूंद दिये जायेंगे। ग्रह—तारे मर कर किसी अँगूर की बेल या अंजीर के पत्तों के समान गिरने लगेंगे। आकाश के सभी तारे पिघल जायेंगे।
सच्चे परमेश्वर यहोवा ने ये बातें कही हैं: (यहोवा ने आकाशों को बनाया है। यहोवा ने आकाश को धरती पर ताना है। धरती पर जो कुछ है वह भी उसी ने बनाया है। धरती पर सभी लोगों में वही प्राण फूँकता है। धरती पर जो भी लोग चल फिर रहे हैं, उन सब को वही जीवन प्रदान करता है।)
सो देख, मैंने धरती बनायी और वे सभी लोग जो इस पर रहते हैं, मेरे बनाये हुए हैं। मैंने स्वयं अपने हाथों से आकाशों की रचना की, और मैं आकाश के सितारों को आदेश देता हूँ।
यहोवा ही परमेश्वर है। उसने आकाश रचे हैं, और उसी ने धरती बनायी है। यहोवा ही ने धरती को अपने स्थान पर स्थापित किया है। जब यहोवा ने धरती बनाई उसने ये नहीं चाहा कि धरती खाली रहे। उसने इसको रचा ताकि इसमें जीवन रहे। मैं यहोवा हूँ। मेरे सिवा कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है।
मैंने स्वयं अपने हाथों से धरती की रचना की। मेरे दाहिने हाथ ने आकाश को बनाया। यदि मैं उन्हें पुकारूँ तो दोनों साथ—साथ मेरे सामने आयेंगे।
जैसे धरती से ऊँचे स्वर्ग हैं वैसे ही तुम्हारी राहों से मेरी राहें ऊँची हैं और मेरे विचार तुम्हारे विचारों से ऊँचे हैं।” ये बातें स्वयं यहोवा ने ही कहीं हैं।
“देखो, मैं एक नये स्वर्ग और नयी धरती की रचना करूँगा। लोग मेरे लोगों की पिछली बात याद नहीं रखेंगे। उनमें से कोई बात याद में नहीं रहेगी।
वह परमेश्वर एक ही है जिसने अपनी शक्ति से पृथ्वी बनाई। परमेश्वर ने अपने बुद्धि का उपयोग किया और संसार की रचना कर डाली। अपनी समझ के अनुसार परमेश्वर ने पृथ्वी के ऊपर आकाश को फैलाया।
किन्तु याकूब का परमेश्वर उन देवमूर्तियों के समान नहीं है। परमेश्वर ने सभी वस्तुओं की सृष्टि की, और इस्राएल वह परिवार है जिसे परमेश्वर ने अपने लोग के रूप में चुना। परमेश्वर का नाम “सर्वशक्तिमान यहोवा” है।
वे लोग उन हड्डियों को सूर्य, चन्द्र और तारों की पूजा के लिये नीचे जमीन पर फैलायेंगे। यरूशलेम के लोग सूर्य, चन्द्र और तारों की पूजा से प्रेम करते हैं। कोई भी व्यक्ति उन हड्डियाँ को इकट्ठा नहीं करेगा और न ही उन्हें फिर दफनायेगा। अत: उन लोगों की हड्डियाँ गोबर की तरह जमीन पर पड़ी रहेंगी।
इस्राइल के बारे में यहोवा का दु:ख सन्देश। यहोवा ने पृथ्वी और आकाश को बनाया। उसने मनुष्य की आत्मा को रचा और यहोवा ने ये बातें कहीं,
उसी समय अचानक उस स्वर्गदूत के साथ बहुत से और स्वर्गदूत वहाँ उपस्थित हुए। वे यह कहते हुए प्रभु की स्तुति कर रहे थे,
जब उन्होंने यह सुना तो मिल कर ऊँचे स्वर में वे परमेश्वर को पुकारते हुए बोले, “स्वामी, तूने ही आकाश, धरती, समुद्र और उनके अन्दर जो कुछ है, उसकी रचना की है।
किन्तु परमेश्वर ने उनसे मुँह मोड़ लिया था। उन्हें आकाश के ग्रह-नक्षत्रों की उपासना के लिये छोड़ दिया गया था। जैसा कि नबियों की पुस्तक में लिखा है: ‘हे इस्राएल के परिवार के लोगो, क्या तुम पशुबलि और अन्य बलियाँ वीराने में मुझे नहीं चढ़ाते रहे चालीस वर्ष तक?
अर्थात् उन्होंने दूसरे देवताओं की पूजा की है। या यह हो सकता है कि उन्होंने सूर्य, चन्द्रमा या तारों की पूजा की हो। यह यहोवा के आदेश के विरुद्ध है जिसे मैंने तुम्हें दिया है।
जब तुम आकाश की ओर दृष्टि डालो और सूरज, चाँद, तारे और बहुत कुछ तुम जो कभी आकाश में देखो, उससे सावधान रहो कि तुम में उनकी पूजा या सेवा के लिए प्रलोभन न उत्पन्न हो। यहोवा तुम्हारे परमेशवर ने इन सभी चीजों को संसार के दूसरे लोगों को दिया है।
अब देखो, हमने, जो विश्वासी हैं, उस विश्राम में प्रवेश पाया है। जैसा कि परमेश्वर ने कहा भी है: “मैंने क्रोध में इसी से तब शपथ लेकर कहा था, ‘वे कभी मेरे विश्राम में सम्मिलित नहीं होंगे।’” जब संसार की सृष्टि करने के बाद उसका काम पूरा हो गया था।