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2 इतिहास 34:15 - पवित्र बाइबल

हिल्किय्याह ने सचिव शापान से कहा, “मैंने यहोवा के मन्दिर में व्यवस्था की पुस्तक पाई है!” हिल्कय्याह ने शापान को पुस्तक दी।

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Hindi Holy Bible

तब हिल्किय्याह ने शापान मंत्री से कहा, मुझे यहोवा के भवन में व्यवस्था की पुस्तक मिली है; तब हिल्किय्याह ने शापान को वह पुस्तक दी।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

हिल्‍कियाह ने महासहायक शाफान से कहा, ‘मुझे प्रभु के भवन में “व्‍यवस्‍था-ग्रंथ” मिला है।’ हिल्‍कियाह ने “व्‍यवस्‍था-ग्रन्‍थ” शाफान को दिया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

तब हिल्किय्याह ने शापान मंत्री से कहा, “मुझे यहोवा के भवन में व्यवस्था की पुस्तक मिली है;” तब हिल्किय्याह ने शापान को वह पुस्तक दी।

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सरल हिन्दी बाइबल

यह देख हिलकियाह ने लेखक शापान से कहा, “याहवेह के भवन में मुझे व्यवस्था की पुस्तक मिली है.” हिलकियाह ने पुस्तक शापान को सौंप दी.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

तब हिल्किय्याह ने शापान मंत्री से कहा, “मुझे यहोवा के भवन में व्यवस्था की पुस्तक मिली है;” तब हिल्किय्याह ने शापान को वह पुस्तक दी।

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2 इतिहास 34:15
8 क्रॉस रेफरेंस  

महायाजक हिलकिय्याह ने शास्त्री शापान से कहा, “देखो! मुझे व्यवस्था की पुस्तक यहोवा के मन्दिर में मिली है।” हिलकिय्याह ने इस पुस्तक को शापान को दिया और शापान ने इसे पढ़ा।


लेवीवंशियों ने उस धन को निकाला जो यहोवा के मन्दिर में था। उस समय याजक हिल्किय्याह ने यहोवा के व्यवस्था की वह पुस्तक प्राप्त की जो मूसा द्वारा दी गई थी।


शापान उस पुस्तक को राजा योशिय्याह के पास लाया। शापान ने राजा को सूचना दी, “तुम्हारे सेवक हर काम कर रहे हैं जो तुमने करने को कहा है।


राजा, यहोवा के मन्दिर में गया। यहूदा के सभी लोग, यरूशलेम में रहने वाले लोग, याजक, लेवीवंशी और सभी साधारण व असाधारण लोग योशिय्याह के साथ थे। योशिय्याह ने उन सबके सामने साक्षी की पुस्तक के कथन पढ़े। वह पुस्तक यहोवा के मन्दिर में मिली थी।


फारस के राजा अर्तक्षत्र के शासनकाल में इन सब बातों के हो जाने के बाद एज्रा बाबेल से यरूशलेम आया। एज्रा सरायाह का पुत्र था। सरायाह अजर्याह का पुत्र था। अजर्याह हिलिकय्याह का पुत्र था।


फिर साल के सातवें महीने में इस्राएल के सभी लोग आपस में इकट्ठे हुए। वे सभी एक थे और इस प्रकार एकमत थे जैसे मानो वे कोई एक व्यक्ति हो। जलद्वार के सामने के खुले चौक में वे आपस में मिले। एज्रा नाम के शिक्षक से उन सभी लोगों ने मूसा की व्यवस्था के विधान की पुस्तक को लाने के लिये कहा। यह वही व्यवस्था का विधान है जिसे इस्राएल के लोगों को यहोवा ने दिया था।


सो उसने यहूदी समाज के सभी प्रमुख याजकों और धर्मशास्त्रियों को इकट्ठा करके उनसे पूछा कि मसीह का जन्म कहाँ होना है।


“और जब राजा शासन करने लगे तो उसे एक पुस्तक में अपने लिए नियमों की नकल कर लेनी चाहिए। उसे याजकों और लेवीवंशियों की पुस्तकों से नकल करनी चाहिए।