30 राजा, यहोवा के मन्दिर में गया। यहूदा के सभी लोग, यरूशलेम में रहने वाले लोग, याजक, लेवीवंशी और सभी साधारण व असाधारण लोग योशिय्याह के साथ थे। योशिय्याह ने उन सबके सामने साक्षी की पुस्तक के कथन पढ़े। वह पुस्तक यहोवा के मन्दिर में मिली थी।
30 और राजा यहूदा के सब लोगों और यरूशलेम के सब निवासियों और याजकों और लेवियों वरन छोटे बड़े सारी प्रजा के लोगों को संग ले कर यहोवा के भवन को गया; तब उस न जो वाचा की पुस्तक यहोवा के भवन में मिली थी उस में की सारी बातें उन को पढ़ कर सुनाईं।
30 तत्पश्चात् वह प्रभु के भवन को गया। वह यहूदा प्रदेश के सब पुरुषों, यरूशलेम नगर के समस्त निवासियों, पुरोहितों और उप-पुरोहितों, छोटे-बड़े सब को, पूरी जनता को अपने साथ ले गया। उसने उनके सामने प्रभु के भवन में पाई गई विधान की पुस्तक को पूरा पढ़ा।
30 राजा यहूदा के सब लोगों और यरूशलेम के सब निवासियों और याजकों और लेवियों वरन् छोटे बड़े सारी प्रजा के लोगों को संग लेकर यहोवा के भवन को गया; तब उसने जो वाचा की पुस्तक यहोवा के भवन में मिली थी उसमें की सारी बातें उनको पढ़कर सुनाईं।
30 राजा याहवेह के भवन को गया, उसके साथ यहूदिया और येरूशलेम के सभी पुरुष, पुरोहित और लेवी और साधारण से लेकर विशेष लोग भी थे. उनके सामने उसने वाचा की पुस्तक जो याहवेह के भवन में पाई गई थी, की सारी बातें पढ़ीं, जिसे सभी ने सुना.
30 राजा यहूदा के सब लोगों और यरूशलेम के सब निवासियों और याजकों और लेवियों वरन् छोटे बड़े सारी प्रजा के लोगों को संग लेकर यहोवा के भवन को गया; तब उसने जो वाचा की पुस्तक यहोवा के भवन में मिली थी उसमें की सारी बातें उनको पढ़कर सुनाई।
तब राजा यहोवा के मन्दिर गया। सभी यहूदा के लोग और यरूशलेम में रहने वाले लोग उसके साथ गए। याजक, नबी, और सभी व्यक्ति, सबसे अधिक महत्वपूर्ण से सबसे कम महत्व के सभी उसके साथ गए। तब उसने साक्षीपत्र की पुस्तक पढ़ी। यह वही नियम की पुस्तक थी जो यहोवा के मन्दिर में मिली थी। योशिय्याह ने उस पुस्तक को इस प्रकार पढ़ा कि सभी लोग उसे सुन सकें।
तब राजा योशिय्याह ने सभी लोगों को आदेश दिया। उसने कहा, “यहोवा, अपने परमेश्वर का फसह पर्व मनाओ। इसे उसी प्रकार मनाओ जैसा साक्षीपत्र की पुस्तक में लिखा है।”
अराम के राजा ने अपने रथों के रथपतियों को आदेश दिया। उसने उनसे कहो, “चाहे जितना बड़ा या छोटा कोई व्यक्ति हो उससे युद्ध न करो। किन्तु केवल इस्राएल के राजा अहाब से युद्ध करो।”
यहोवा जो कहता है वह यह है, ‘मैं इस स्थान और यहाँ के निवासियों पर विपत्ति डालूँगा। मैं सभी भंयकर विपत्तियों को जो यहूदा के राजा के सामने पढ़ी पुस्तक में लिखी गई हैं, लाऊँगा।
तब राजा अपने स्थान पर खड़ा हुआ। उसने यहोवा के साथ वाचा की। उसने यहोवा का अनुसरण करने की और यहोवा के आदेशों, विधियों और नियमों का पालन करने की वाचा की। योशिय्याह पूरे हृदय और आत्मा से आज्ञा पालन करने को सहमत हुआ। वह पुस्तक में लिखे वाचा के कथनों का पालन करने को सहमत हुआ।
मूसा ने चर्म पत्र पर लिखे विशेष साक्षीपत्र को पढ़ा। मूसा ने साक्षीपत्र को इसलिए पढ़ा कि सभी लोग उसे सुन सकें और लोगों ने कहा, “हम लोगों ने उन नियमों को जिन्हें यहोवा ने हमें दिया, सुन लिया है और हम सब लोग उनके पालन करने का वचन देते हैं।”
जब तुम फैसला करो तब यह न सोचो कि कोई व्यक्ति दूसरे की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है। तुम्हें हर एक व्यक्ति का फैसला एक समान समझकर करना चाहिए। किसी से डरो नहीं क्योंकि तुम्हारा फैसला परमेश्वर से आया है। किन्तु यदि कोई मुकदमा इतना जटिल हो कि तुम फैसला ही न कर सको तो उसे मेरे पास लाओ और इसका फैसला मैं करूँगा।’