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1 तीमुथियुस 5:5 - पवित्र बाइबल

वह स्त्री जो वास्तव में विधवा है और जिसका ध्यान रखने वाला कोई नहीं है, तथा परमेश्वर ही जिसकी आशाओं का सहारा है वह दिन रात विनती तथा प्रार्थना में लगी रहती है।

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Hindi Holy Bible

जो सचमुच विधवा है, और उसका कोई नहीं; वह परमेश्वर पर आशा रखती है, और रात दिन बिनती और प्रार्थना में लौलीन रहती है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जो सचमुच विधवा है, जिसका कोई भी नहीं है, वह परमेश्‍वर पर भरोसा रख कर रात-दिन प्रार्थना तथा उपासना में लगी रहती है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जो सचमुच विधवा है, और उसका कोई नहीं, वह परमेश्‍वर पर आशा रखती है, और रात दिन विनती और प्रार्थना में लौलीन रहती है;

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नवीन हिंदी बाइबल

जो वास्तव में विधवा है और अकेली है, वह परमेश्‍वर पर ही आशा रखती है, तथा रात और दिन प्रार्थना और विनती में लगी रहती है;

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सरल हिन्दी बाइबल

वह, जो वास्तव में विधवा है तथा जो अकेली रह गई है, परमेश्वर पर ही आश्रित रहती है और दिन-रात परमेश्वर से विनती तथा प्रार्थना करने में लवलीन रहती है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जो सचमुच विधवा है, और उसका कोई नहीं; वह परमेश्वर पर आशा रखती है, और रात-दिन विनती और प्रार्थना में लौलीन रहती है। (यिर्म. 49:11)

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1 तीमुथियुस 5:5
27 क्रॉस रेफरेंस  

तुम परमेश्वर की शरण में संरक्षण पाने को जा सकते हो। और वह तुम्हारी ऐसे रक्षा करेगा जैसे एक पक्षी अपने पंख फैला कर अपने बच्चों की रक्षा करता है। परमेश्वर तुम्हारे लिये ढाल और दीवार सा तुम्हारी रक्षा करेगा।


परमेश्वर मेरी रक्षा करता है। मुझे उसका भरोसा है। मुझे कोई भय नहीं है। वह मेरी रक्षा करता है। यहोवा याह मेरी शक्ति है। वह मुझको बचाता है, और मैं उसका स्तुति गीत गाता हूँ।


नगर द्वार के निकट सभा स्थलों में रोना बिलखना और दुःख ही फैला होगा। यरूशलेम उस स्त्री के समान हर वस्तु से वंचित हो जायेगी जिसका सब कुछ चोर और लुटेरे लूट गये हों। वह धरती पर बैठेगी और बिलखेगी।


फिर तू स्वयं अपने आप से कहेगा, ‘इन सभी बच्चों को मेरे लिये किसने जन्माया यह तो बहुत अच्छा है। मैं दु:खी था और अकेला था। मैं हारा हुआ था। मैं अपने लोगों से दूर था। सो ये बच्चे मेरे लिये किसने पाले हैं देखो जरा, मैं अकेला छोड़ा गया। ये इतने सब बच्चे कहाँ से आ गये?’”


जो व्यक्ति यहोवा का आदर करता है उसे उसके सेवक की भी सुननी चाहिये। वह सेवक, आगे क्या होगा, इसे जाने बिना ही परमेश्वर में पूरा विश्वास रखते हुए अपना जीवन बिताता है। वह सचमुच यहोवा के नाम में विश्वास रखता है और वह सेवक अपने परमेश्वर के भरोसे रहता है।


हे स्त्री, तू प्रसन्न से हो जा! तूने बच्चों को जन्म नहीं दिया किन्तु फिर भी तुझे अति प्रसन्न होना है। यहोवा ने कहा, “जो स्त्री अकेली है, उसकी बहुत सन्तानें होंगी निस्बत उस स्त्री के जिस के पास उसका पति है।”


यहोवा ने ऊपर से आग को भेज दिया और वह आग मेरी हड्डियों के भीतर उतरी। उसने मेरे पैरों के लिये एक फंदा फेंका। उसने मुझे दूसरी दिशा में मोड़ दिया है। उसने मुझे वीरान कर डाला है। सारे दिन मैं रोती रहती हूँ।


फिर उसने उन्हें यह बताने के लिए कि वे निरन्तर प्रार्थना करते रहें और निराश न हों, यह दृष्टान्त कथा सुनाई:


सो क्या परमेश्वर अपने चुने हुए लोगों पर ध्यान नहीं देगा कि उन्हें, जो उसे रात दिन पुकारते रहते हैं, न्याय मिले? क्या वह उनकी सहायता करने में देर लगायेगा?


और फिर चौरासी वर्ष तक वह वैसे ही विधवा रही। उसने मन्दिर कभी नहीं छोड़ा। उपवास और प्रार्थना करते हुए वह रात-दिन उपासना करती रहती थी।


यह वही वचन है जिसे हमारी बारहों जातियाँ दिन रात तल्लीनता से परमेश्वर की सेवा करते हुए, प्राप्त करने का भरोसा रखती हैं। हे राजन्, इसी भरोसे के कारण मुझ पर यहूदियों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है।


उन्ही दिनों जब शिष्यों की संख्या बढ़ रही थी, तो यूनानी बोलने वाले और इब्रानी बोलने वाले यहूदियों में एक विवाद उठ खड़ा हुआ क्योंकि वस्तुओं के दैनिक वितरण में उनकी विधवाओं के साथ उपेक्षा बरती जा रही थी।


सो पतरस तैयार होकर उनके साथ चल दिया। जब पतरस वहाँ पहुँचा तो वे उसे सीढ़ियों के ऊपर कमरे में ले गये। वहाँ सभी विधवाएँ विलाप करते हुए और उन कुर्तियों और दूसरे वस्त्रों को जिन्हें दोरकास ने जब वह उनके साथ थी, बनाया था, दिखाते हुए उसके चारों ओर खड़ी हो गयीं।


उसे अपना हाथ देकर पतरस ने खड़ा किया और फिर संतों और विधवाओं को बुलाकर उन्हें उसे जीवित सौंप दिया।


या मुझे कहना चाहिये कि मैं जब तुम्हारे बीच होऊँ, तब एक दूसरे के विश्वास से हम परस्पर प्रोत्साहित हों।


इसी के द्वारा मुझे अनुग्रह और प्रेरिताई मिली, ताकि सभी ग़ैर यहूदियों में, उसके नाम में वह आस्था जो विश्वास से जन्म लेती है, पैदा की जा सके।


मैं चाहता हूँ आप लोग चिंताओं से मुक्त रहें। एक अविवाहित व्यक्ति प्रभु सम्बन्धी विषयों के चिंतन में लगा रहता है कि वह प्रभु को कैसे प्रसन्न करे।


इस प्रकार उसका व्यक्तित्व बँट जाता है। और ऐसे ही किसी अविवाहित स्त्री या कुँवारी कन्या को जिसे बस प्रभु सम्बन्धी विषयों की ही चिंता रहती है। जिससे वह अपने शरीर और अपनी आत्मा से पवित्र हो सके। किन्तु एक विवाहित स्त्री सांसारिक विषयभोगों में इस प्रकार लिप्त रहती है कि वह अपने पति को रिझाती रह सके।


हर प्रकार की प्रार्थना और निवेदन सहित आत्मा की सहायता से हर अवसर पर विनती करते रहो। इस लक्ष्य से सभी प्रकार का यत्न करते हुए सावधान रहो। तथा सभी संतों के लिये प्रार्थना करो।


किसी बात कि चिंता मत करो, बल्कि हर परिस्थिति में धन्यवाद सहित प्रार्थना और विनय के साथ अपनी याचना परमेश्वर के सामने रखते जाओ।


सबसे पहले मेरा विशेष रूप से यह निवेदन है कि सबके लिये आवेदन, प्रार्थनाएँ, अनुरोध और सब व्यक्तियों की ओर से धन्यवाद दिए जाएँ।


यदि किसी विश्वासी महिला के घर में विधवाएँ हैं तो उसे उनकी सहायता स्वयं करनी चाहिए और कलीसिया पर कोई भार नहीं डालना चाहिए ताकि कलीसिया सच्ची विधवाओं की सहायता कर सके।


उन विधवाओं का विशेष ध्यान रखो जो वास्तव में विधवा हैं।


रात दिन अपनी प्रार्थनाओं में निरन्तर तुम्हारी याद करते हुए, मैं उस परमेश्वर का धन्यवाद करता हूँ, और उसकी सेवा अपने पूर्वजों की रीति के अनुसार शुद्ध मन से करता हूँ।


क्योंकि बीते युग की उन पवित्र महिलाओं का, अपने आपको सजाने-सँवारने का यही ढंग था, जिनकी आशाएँ परमेश्वर पर टिकी हैं। वे अपने अपने पति के अधीन वैसे ही रहा करती थीं।


यहोवा तुम्हें उन सभी अच्छे कामों के लिये फल देगा जो तुमने किये हैं। तुम्हें इस्राएल का परमेश्वर, यहोवा भरपूर करेगा। तुम उसके पास सुरक्षा के लिये आई हो और वह तुम्हारी रक्षा करेगा।”