सभोपदेशक 6:11 - नवीन हिंदी बाइबल जितनी अधिक बातें उतना अधिक व्यर्थ जीवन! फिर मनुष्य को इससे क्या लाभ? Hindi Holy Bible बहुत सी ऐसी बातें हैं जिनके कारण जीवन और भी व्यर्थ होता है तो फिर मनुष्य को क्या लाभ? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जीवन के विषय में जितना विचार करो, उतना ही वह निस्सार लगता है, तो ऐसे जीवन से मनुष्य को क्या लाभ? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) बहुत सी ऐसी बातें हैं जिनके कारण जीवन और भी व्यर्थ होता है तो फिर मनुष्य को क्या लाभ? सरल हिन्दी बाइबल शब्द जितना अधिक है, अर्थ उतना कम होता है. इससे मनुष्य को क्या फायदा? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 बहुत सी ऐसी बातें हैं जिनके कारण जीवन और भी व्यर्थ होता है तो फिर मनुष्य को क्या लाभ? |
तब मैंने अपने मन में कहा, “जैसा मूर्ख का अंत होगा, वैसा मेरा भी होगा; फिर मेरे बुद्धिमान होने का क्या लाभ?” अतः मैंने अपने मन में कहा, “यह भी व्यर्थ है।”
मनुष्यों और पशुओं का अंत तो एक जैसा ही होता है। जैसे एक मरता है वैसे ही दूसरा भी मरता है। उन सब में एक ही श्वास है, तथा मनुष्य किसी बात में पशु से बढ़कर नहीं। सब कुछ व्यर्थ है।
वे सब लोग अनगिनित थे जिन पर वह प्रधान हुआ था। परंतु जो बाद में आए वे उससे आनंदित नहीं हुए। यह भी व्यर्थ और वायु को पकड़ने के समान है।
एक व्यक्ति है जिसका कोई नहीं है; उसका न तो कोई पुत्र है और न भाई, फिर भी उसके परिश्रम का अंत नहीं होता; और उसकी आँखें धन से संतुष्ट नहीं होतीं; और न वह यह सोचता है कि मैं किसके लिए परिश्रम करता हूँ और क्यों अपने को सुख से वंचित रखता हूँ? यह भी व्यर्थ और दुःखद कार्य है।
क्योंकि बहुत स्वप्नों और बहुत शब्दों का होना भी व्यर्थ है। परंतु तू परमेश्वर का भय मान।
जो अस्तित्व में है उसे पहले ही एक नाम दिया जा चुका है, और यह भी ज्ञात है कि मनुष्य क्या है; परंतु वह उससे नहीं लड़ सकता जो उससे अधिक बलवान है।
कौन जानता है कि मनुष्य के व्यर्थ जीवन के थोड़े से दिनों में क्या अच्छा है? वह उसे छाया के समान बिता देगा। मनुष्य को कौन बता सकता है कि उसके बाद इस संसार में क्या होगा?