यहोवा की युक्ति सर्वदा स्थिर रहती है, उसके हृदय की योजनाएँ पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती हैं।
सभोपदेशक 3:14 - नवीन हिंदी बाइबल मैं जानता हूँ कि परमेश्वर जो कुछ करता है वह सदा स्थिर रहता है; उसमें न तो कुछ जोड़ा जा सकता है और न उसमें से कुछ घटाया जा सकता है। परमेश्वर ने ऐसा इसलिए किया है कि मनुष्य उसका भय माने। पवित्र बाइबल मैं जानता हूँ कि परमेश्वर जो कुछ भी घटित करता है वह सदा घटेगा ही। लोग परमेश्वर के काम में से कुछ घटी भी वृद्धि नहीं कर सकते और इसी तरह लोग परमेस्शवर के काम में से कुछ घटी भी नहीं कर सकते हैं। परमेश्वर ने ऐसा इसलिए किया कि लोग उसका आदर करें। Hindi Holy Bible मैं जानता हूं कि जो कुछ परमेश्वर करता है वह सदा स्थिर रहेगा; न तो उस में कुछ बढ़ाया जा सकता है और न कुछ घटाया जा सकता है; परमेश्वर ऐसा इसलिये करता है कि लोग उसका भय मानें। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं यह जानता हूं कि जो कुछ परमेश्वर करता है, वह सदा बना रहेगा; उसमें न कुछ जोड़ा जा सकता है, और न उससे कुछ घटाया जा सकता है। परमेश्वर ने यह इसलिए किया है ताकि मनुष्य उससे डरे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं जानता हूँ कि जो कुछ परमेश्वर करता है वह सदा स्थिर रहेगा; न तो उसमें कुछ बढ़ाया जा सकता है और न कुछ घटाया जा सकता है; परमेश्वर ऐसा इसलिये करता है कि लोग उसका भय मानें। सरल हिन्दी बाइबल मुझे मालूम है कि परमेश्वर द्वारा किया गया-हर-एक काम सदा बना रहेगा; ऐसा कुछ भी नहीं कि इसमें जोड़ा नहीं जा सकता या इससे अलग किया जा सके. परमेश्वर ने ऐसा इसलिये किया है कि लोग उनके सामने श्रद्धा और भय में रहें. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं जानता हूँ कि जो कुछ परमेश्वर करता है वह सदा स्थिर रहेगा; न तो उसमें कुछ बढ़ाया जा सकता है और न कुछ घटाया जा सकता है; परमेश्वर ऐसा इसलिए करता है कि लोग उसका भय मानें। |
यहोवा की युक्ति सर्वदा स्थिर रहती है, उसके हृदय की योजनाएँ पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती हैं।
तब सब लोग डर जाएँगे और परमेश्वर के कार्य का वर्णन करेंगे, और जो कुछ उसने किया है उस पर ध्यान देंगे।
मनुष्य के मन में बहुत सी योजनाएँ होती हैं, परंतु जो यहोवा का उद्देश्य होता है वही पूरा होता है।
जब सब कुछ सुन लिया गया है तो निष्कर्ष यह है : परमेश्वर का भय मान और उसकी आज्ञाओं का पालन कर, क्योंकि यही मनुष्य का संपूर्ण कर्त्तव्य है।
तू अपनी बातों के कारण पाप में न फँसना, और न परमेश्वर के दूत के सामने कहना कि यह भूल से हुआ; परमेश्वर तेरी बातों से क्यों अप्रसन्न हो, और तेरे हाथ के कार्यों को नष्ट करे?
क्योंकि बहुत स्वप्नों और बहुत शब्दों का होना भी व्यर्थ है। परंतु तू परमेश्वर का भय मान।
यह अच्छा है कि तू एक बात को तो पकड़े रहे, और दूसरी बात को भी अपने हाथ से जाने न दे, क्योंकि जो परमेश्वर का भय मानता है वह सब कठिनाइयों से पार हो जाता है।
उसी यीशु को जो परमेश्वर की निर्धारित योजना और पूर्वज्ञान के अनुसार पकड़वाया गया था, तुमने अधर्मियों के हाथों क्रूस पर चढ़ाकर मार डाला।
परंतु यदि परमेश्वर की ओर से है, तो तुम उन्हें नष्ट नहीं कर सकोगे; कहीं ऐसा न हो कि तुम परमेश्वर से भी लड़नेवाले ठहरो।” तब उन्होंने उसकी मान ली,
क्योंकि सब कुछ उसी की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिए है। उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।
उस अनंत जीवन की आशा में जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्वर ने, जो झूठ नहीं बोल सकता, सनातन काल से की है,
प्रत्येक भला दान और प्रत्येक उत्तम वरदान ऊपर से उस ज्योतियों के पिता की ओर से आता है जिसमें न तो कोई परिवर्तन होता है और न ही वह ऐसी छाया है जो बदलती रहती है।
हे प्रभु! कौन तुझसे न डरेगा और तेरे नाम की महिमा न करेगा? क्योंकि केवल तू ही पवित्र है। सब जातियाँ आएँगी और तेरे सामने दंडवत् करेंगी, क्योंकि तेरे न्याय के कार्य प्रकट हो गए हैं।”