वे एक दूसरे से झूठ बोलते हैं; वे चापलूसी भरे होंठों से और धोखा देनेवाले मन से बात करते हैं।
लूका 20:21 - नवीन हिंदी बाइबल उन्होंने उससे पूछा, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू ठीक कहता और सिखाता है, और पक्षपात नहीं करता, बल्कि परमेश्वर का मार्ग सच्चाई से सिखाता है। पवित्र बाइबल सो उन्होंने उससे पूछते हुए कहा, “गुरु, हम जानते हैं कि तू जो उचित है वही कहता है और उसी का उपदेश देता है और न ही तू किसी का पक्ष लेता है। बल्कि तू तो सच्चाई से परमेश्वर के मार्ग की शिक्षा देता है। Hindi Holy Bible उन्होंने उस से यह पूछा, कि हे गुरू, हम जानते हैं कि तू ठीक कहता, और सिखाता भी है, और किसी का पक्षपात नहीं करता; वरन परमेश्वर का मार्ग सच्चाई से बताता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) गुप्तचरों ने येशु से पूछा, “गुरुवर! हम यह जानते हैं कि आप सत्य बोलते और सत्य ही सिखलाते हैं। आप मुँह-देखी नहीं कहते, बल्कि सच्चाई से परमेश्वर के मार्ग की शिक्षा देते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उन्होंने उससे यह पूछा, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू ठीक कहता और सिखाता भी है, और किसी का पक्षपात नहीं करता, वरन् परमेश्वर का मार्ग सच्चाई से बताता है। सरल हिन्दी बाइबल गुप्तचरों ने प्रभु येशु से प्रश्न किया, “गुरुवर, यह तो हम जानते हैं कि आपकी बातें तथा शिक्षाएं सही हैं और आप किसी के प्रति पक्षपाती भी नहीं हैं. आप पूरी सच्चाई में परमेश्वर के विषय में शिक्षा दिया करते हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उन्होंने उससे यह पूछा, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू ठीक कहता, और सिखाता भी है, और किसी का पक्षपात नहीं करता; वरन् परमेश्वर का मार्ग सच्चाई से बताता है। |
वे एक दूसरे से झूठ बोलते हैं; वे चापलूसी भरे होंठों से और धोखा देनेवाले मन से बात करते हैं।
उसकी बातें तो मक्खन सी चिकनी थीं परंतु उसके मन में लड़ाई थी; उसकी बातें तेल से अधिक नरम थीं पर वास्तव में वे नंगी तलवारें थीं।
फिर उन्होंने अपने शिष्यों को हेरोदियों के साथ उसके पास यह कहने को भेजा, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू सच्चा है और परमेश्वर का मार्ग सच्चाई से सिखाता है, और तू किसी की भी परवाह नहीं करता, क्योंकि तू किसी का पक्षपात नहीं करता।
उन्होंने उसके पास आकर कहा, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू सच्चा है और तू किसी की भी परवाह नहीं करता; क्योंकि तू किसी का पक्षपात नहीं करता, बल्कि परमेश्वर का मार्ग सच्चाई से सिखाता है। कैसर को कर देना उचित है या नहीं? हम दें या न दें?”
वे उसकी ताक में थे और उन्होंने धर्मियों का स्वाँग रचनेवाले भेदियों को भेजा, ताकि उसे उसी की बात में पकड़ें और राज्यपाल के हाथ और अधिकार में सौंप दें।
वह रात को यीशु के पास आया और उससे कहा, “हे रब्बी, हम जानते हैं कि तू परमेश्वर की ओर से आया हुआ गुरु है, क्योंकि जिन चिह्नों को तू दिखाता है उन्हें जब तक परमेश्वर साथ न हो, कोई दिखा नहीं सकता।”
क्योंकि हम उन बहुतों के समान नहीं जो परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं, बल्कि हम सच्चाई के साथ और परमेश्वर के भेजे हुओं के रूप में परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं।
अब क्या मैं मनुष्यों की कृपा पाने का प्रयास कर रहा हूँ या परमेश्वर की? या फिर, क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता हूँ? यदि मैं अब तक मनुष्यों को प्रसन्न करता रहता तो मसीह का दास न होता।
परंतु जो प्रतिष्ठित समझे जाते थे (वे जो भी थे, मेरे लिए इसका कोई महत्त्व नहीं, परमेश्वर किसी का पक्षपात नहीं करता), उन्होंने मुझे और कोई निर्देश नहीं दिया।