जो कंगाल पर अंधेर करता है, वह उसके सृजनहार की निंदा करता है; परंतु जो दरिद्र पर दया करता है, वह परमेश्वर का आदर करता है।
लूका 14:13 - नवीन हिंदी बाइबल बल्कि जब तू भोज दे तो कंगालों, अपंगों, लंगड़ों और अंधों को आमंत्रित कर; पवित्र बाइबल बल्कि जब तू कोई भोज दे तो दीन दुखियों, अपाहिजों, लँगड़ों और अंधों को बुला। Hindi Holy Bible परन्तु जब तू भोज करे, तो कंगालों, टुण्डों, लंगड़ों और अन्धों को बुला। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पर जब तुम भोज दो, तो गरीबों, लूलों, लंगड़ों और अन्धों को बुलाओ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु जब तू भोज करे तो कंगालों, टुण्डों, लंगड़ों और अन्धों को बुला। सरल हिन्दी बाइबल किंतु जब तुम भोज का आयोजन करो तो निर्धनों, अपंगों, लंगड़ों तथा अंधों को आमंत्रित करो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु जब तू भोज करे, तो कंगालों, टुण्डों, लँगड़ों और अंधों को बुला। |
जो कंगाल पर अंधेर करता है, वह उसके सृजनहार की निंदा करता है; परंतु जो दरिद्र पर दया करता है, वह परमेश्वर का आदर करता है।
तब बहुत से लोग लंगड़े, अंधे, लूले, गूँगे और अन्य बहुतों को अपने साथ लेकर यीशु के पास आए और उन्हें उसके चरणों पर डाल दिया, और उसने उन्हें स्वस्थ किया;
अतः उन दासों ने मार्गों पर जाकर जितने भी बुरे या भले मिले, सब को इकट्ठा किया; और विवाह का घर अतिथियों से भर गया।
फिर यीशु अपने आमंत्रित करनेवाले से भी कहने लगा,“जब तू दिन या रात का भोजन करे, तो न अपने मित्रों को, न अपने भाइयों को, न अपने संबंधियों को और न ही धनी पड़ोसियों को बुला, कहीं ऐसा न हो कि वे भी तुझे आमंत्रित करके बदला चुका दें।
तब तू धन्य होगा, क्योंकि उनके पास तुझे बदले में देने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए इसका प्रतिफल तुझे धर्मियों के पुनरुत्थान पर दिया जाएगा।”
अतः उस दास ने आकर अपने स्वामी को ये बातें बताईं। तब घर के स्वामी ने क्रोधित होकर अपने दास से कहा, ‘तू शीघ्र नगर की सड़कों और गलियों में जा, और कंगालों, अपंगों, अंधों और लंगड़ों को यहाँ ले आ।’
पतरस उठकर उनके साथ चल दिया; जब वह वहाँ पहुँचा तो वे उसे अटारी पर ले गए। तब सब विधवाएँ रोती हुई उसके पास खड़ी हो गईं, और जो कुरते और वस्त्र दोरकास ने उनके साथ रहते हुए बनाए थे, दिखाने लगीं।
इसलिए आवश्यक है कि अध्यक्ष निर्दोष, एक ही पत्नी का पति, संयमी, समझदार, सम्माननीय, अतिथि-सत्कार करनेवाला और सिखाने में निपुण हो;
वह अच्छे कार्यों के लिए जानी जाती हो, अर्थात् जिसने बच्चों का पालन-पोषण किया हो, अतिथि सेवा की हो, पवित्र लोगों के पैर धोए हों, दुखियों की सहायता की हो, और जो हर भले कार्य में लगी रही हो।
बल्कि अतिथि-सत्कार करनेवाला, भलाई का चाहनेवाला, समझदार, न्यायप्रिय, पवित्र और संयमी हो,
हे भाई, तेरे प्रेम से मुझे बहुत आनंद और प्रोत्साहन मिला है, क्योंकि तेरे द्वारा पवित्र लोगों के हृदय हरे-भरे हो गए हैं।
अतिथि-सत्कार करना न भूलो, क्योंकि इसके द्वारा कुछ लोगों ने अनजाने में ही स्वर्गदूतों का स्वागत-सत्कार किया है।