तब यीशु ने अपने शिष्यों से कहा,“यदि कोई मेरे पीछे आना चाहता है, तो वह अपने आप का इनकार करे, अपना क्रूस उठाए और मेरे पीछे हो ले;
रोमियों 8:17 - नवीन हिंदी बाइबल अब यदि संतान हैं, तो उत्तराधिकारी भी—परमेश्वर के उत्तराधिकारी, और मसीह के सह-उत्तराधिकारी—जबकि हम उसके साथ महिमा पाने के लिए उसके साथ दुःख उठाते हैं। पवित्र बाइबल और क्योंकि हम उसकी संतान हैं, हम भी उत्तराधिकारी हैं, परमेश्वर के उत्तराधिकारी और मसीह के साथ हम उत्तराधिकारी यदि वास्तव में उसके साथ दुःख उठाते हैं तो हमें उसके साथ महिमा मिलेगी ही। Hindi Holy Bible और यदि सन्तान हैं, तो वारिस भी, वरन परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं, जब कि हम उसके साथ दुख उठाएं कि उसके साथ महिमा भी पाएं॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि हम सन्तान हैं, तो हम विरासत के अधिकारी भी हैं—हां, परमेश्वर के उत्तराधिकारी, वरन् मसीह के सह-उत्तराधिकारी। केवल एक शर्त है कि हम मसीह के साथ दु:ख सहें, जिससे हम उनके साथ महिमान्वित भी हों। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और यदि सन्तान हैं तो वारिस भी, वरन् परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं, कि जब हम उसके साथ दु:ख उठाएँ तो उसके साथ महिमा भी पाएँ। सरल हिन्दी बाइबल और जब हम संतान ही हैं तो हम वारिस भी हैं—परमेश्वर के वारिस तथा मसीह येशु के सहवारिस—यदि हम वास्तव में उनके साथ यातनाएं सहते हैं कि हम उनके साथ गौरवान्वित भी हों. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और यदि सन्तान हैं, तो वारिस भी, वरन् परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं, जब हम उसके साथ दुःख उठाए तो उसके साथ महिमा भी पाएँ। |
तब यीशु ने अपने शिष्यों से कहा,“यदि कोई मेरे पीछे आना चाहता है, तो वह अपने आप का इनकार करे, अपना क्रूस उठाए और मेरे पीछे हो ले;
उसके स्वामी ने उससे कहा, ‘शाबाश, भले और विश्वासयोग्य दास! तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा; मैं तुझे बहुत वस्तुओं पर अधिकारी ठहराऊँगा। अपने स्वामी के आनंद में सहभागी हो।’
हे पिता, मैं चाहता हूँ कि जिन्हें तूने मुझे दिया है, वे भी मेरे साथ वहाँ हों जहाँ मैं हूँ, ताकि वे मेरी उस महिमा को देखें जो तूने मुझे दी है क्योंकि जगत की उत्पत्ति से पहले तूने मुझसे प्रेम रखा।
और शिष्यों के मनों को दृढ़ करते और यह कहकर विश्वास में बने रहने के लिए प्रोत्साहित करते रहे, “हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना होगा।”
और अब मैं तुम्हें परमेश्वर और उसके अनुग्रह के उस वचन के हाथ सौंपता हूँ, जो तुम्हारी उन्नति कर सकता है और सब पवित्र किए गए लोगों के साथ तुम्हें उत्तराधिकार दे सकता है।
कि तू उनकी आँखें खोले, ताकि वे अंधकार से ज्योति की ओर और शैतान के अधिकार से परमेश्वर की ओर फिरें,तथा पापों की क्षमा और उन लोगों के साथ उत्तराधिकार प्राप्त करें जो मुझ पर विश्वास करने के द्वारा पवित्र किए गए हैं।’
जब एक मनुष्य के अपराध के कारण मृत्यु ने उसी एक मनुष्य के द्वारा राज्य किया, तो जो बहुतायत से अनुग्रह और धार्मिकता का वरदान प्राप्त करते हैं, वे एक ही मनुष्य, अर्थात् यीशु मसीह के द्वारा जीवन में निश्चय ही राज्य करेंगे।
जो कार्य शरीर के दुर्बल होने के कारण व्यवस्था से असंभव था, उसे परमेश्वर ने किया अर्थात् अपने पुत्र को पापमय शरीर की समानता में और पापबलि होने के लिए भेजकर शरीर में पाप को दोषी ठहराया,
परंतु जैसा लिखा है : जो बातें आँख ने नहीं देखीं, कान ने नहीं सुनीं और न ही मनुष्य के मन में आईं, उन्हीं को परमेश्वर ने उससे प्रेम रखनेवालों के लिए तैयार किया है।
क्योंकि जैसे मसीह के दुःख हममें बहुतायत से हैं वैसे ही हमारी शांति भी मसीह के द्वारा बहुतायत से है।
तुम्हारे विषय में हमारी आशा दृढ़ है, क्योंकि हम जानते हैं कि जिस प्रकार तुम हमारे दुःखों में सहभागी हो, उसी प्रकार हमारी शांति में भी सहभागी हो।
अतः अब तू दास नहीं बल्कि पुत्र है, और यदि पुत्र है तो परमेश्वर के द्वारा उत्तराधिकारी भी है।
भेद यह है कि मसीह यीशु में उस सुसमाचार के द्वारा गैरयहूदी भी सह-उत्तराधिकारी, एक ही देह के अंग और प्रतिज्ञा में सहभागी हैं,
क्योंकि मसीह की ओर से तुम पर यह अनुग्रह हुआ कि न केवल उस पर विश्वास करो बल्कि उसके लिए दुःख भी उठाओ;
जिससे कि मैं उसको और उसके पुनरुत्थान के सामर्थ्य को और उसके दुःखों की सहभागिता को जानूँ, और उसकी मृत्यु की समानता को प्राप्त करूँ,
अब मैं तुम्हारे लिए अपने दुःखों में आनंदित हूँ और अपने शरीर में मसीह के कष्टों को सहने में जो घटी रहती है, उसे उसकी देह अर्थात् कलीसिया के लिए पूरी कर रहा हूँ,
ताकि हम उसके अनुग्रह से धर्मी ठहराए जाकर, अनंत जीवन की आशा के अनुसार उत्तराधिकारी बन जाएँ।
क्या वे सब सेवा करनेवाली आत्माएँ नहीं, जिन्हें उद्धार पानेवालों की सेवा के लिए भेजा गया है?
पर इन अंतिम दिनों में उसने अपने पुत्र के द्वारा हमसे बातें कीं, जिसे उसने सब वस्तुओं का उत्तराधिकारी ठहराया, और उसी के द्वारा उसने सृष्टि की भी रचना की है।
इसलिए जब परमेश्वर ने प्रतिज्ञा के उत्तराधिकारियों पर अपने अटल उद्देश्य को और भी अधिक प्रकट करना चाहा, तो उसने शपथ का उपयोग किया,
हे मेरे प्रिय भाइयो, सुनो! क्या परमेश्वर ने इस जगत के कंगालों को नहीं चुना कि वे विश्वास में धनी और उस राज्य के उत्तराधिकारी हों जिसकी प्रतिज्ञा उसने अपने प्रेम करनेवालों से की है?
कि हम उस उत्तराधिकार को प्राप्त करें जो अविनाशी, निष्कलंक और अमिट है और तुम्हारे लिए स्वर्ग में रखा गया है।
बल्कि जब तुम मसीह के दुःखों में सहभागी होते हो, तो आनंदित रहो, ताकि उसकी महिमा के प्रकट होने के समय भी तुम आनंदित और मगन हो सको।
जो जय पाए वही इन वस्तुओं का उत्तराधिकारी होगा और मैं उसका परमेश्वर होऊँगा और वह मेरा पुत्र होगा।
“जो जय पाए उसे मैं अपने साथ अपने सिंहासन पर बैठाऊँगा, जैसे मैं भी जय पाकर अपने पिता के साथ उसके सिंहासन पर बैठा हूँ।