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मत्ती 25:21 - नवीन हिंदी बाइबल

21 उसके स्वामी ने उससे कहा, ‘शाबाश, भले और विश्‍वासयोग्य दास! तू थोड़े में विश्‍वासयोग्य रहा; मैं तुझे बहुत वस्तुओं पर अधिकारी ठहराऊँगा। अपने स्वामी के आनंद में सहभागी हो।’

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पवित्र बाइबल

21 “उसके स्वामी ने उससे कहा, ‘शाबाश! तुम भरोसे के लायक अच्छे दास हो। थोड़ी सी रकम के सम्बन्ध में तुम विश्वास पात्र रहे, मैं तुम्हें और अधिक का अधिकार दूँगा। भीतर जा और अपने स्वामी की प्रसन्नता में शामिल हो।’

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Hindi Holy Bible

21 उसके स्वामी ने उससे कहा, धन्य हे अच्छे और विश्वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा; मैं तुझे बहुत वस्तुओं का अधिकारी बनाऊंगा अपने स्वामी के आनन्द में सम्भागी हो।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

21 उसके स्‍वामी ने उससे कहा, ‘शाबाश, भले और ईमानदार सेवक! तुम थोड़े में ईमानदार रहे, मैं तुम्‍हें बहुत वस्‍तुओं पर अधिकार दूँगा। अपने स्‍वामी के आनन्‍द में सहभागी हो।’

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

21 उसके स्वामी ने उससे कहा, ‘धन्य, हे अच्छे और विश्‍वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्‍वासयोग्य रहा; मैं तुझे बहुत वस्तुओं का अधिकारी बनाऊँगा। अपने स्वामी के आनन्द में सहभागी हो।’

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सरल हिन्दी बाइबल

21 “उसके स्वामी ने उससे कहा, ‘शाबाश, मेरे योग्य तथा विश्वसनीय सेवक! तुम थोड़े धन में विश्वसनीय पाए गए इसलिये मैं तुम्हें अनेक ज़िम्मेदारियां सौंपूंगा. अपने स्वामी के आनंद में सहभागी हो जाओ.’

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मत्ती 25:21
30 क्रॉस रेफरेंस  

जो सेवक बुद्धिमानी से कार्य करता है, राजा उससे प्रसन्‍न‍ होता है; परंतु जो लज्‍जाजनक कार्य करता है, उस पर उसका क्रोध भड़कता है।


विश्‍वासयोग्य मनुष्य बहुत सी आशिषें पाएगा, परंतु जो शीघ्र धनी बनना चाहता है, वह निश्‍चय दंड पाएगा।


“फिर ऐसा विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास कौन है जिसे उसके स्वामी ने अपने नौकरों के ऊपर नियुक्‍त किया कि उन्हें उचित समय पर भोजन दे?


मैं तुमसे सच कहता हूँ कि वह उसे अपनी सारी संपत्ति पर अधिकारी नियुक्‍त करेगा।


उसके स्वामी ने उससे कहा, ‘शाबाश, भले और विश्‍वासयोग्य दास! तू थोड़े में विश्‍वासयोग्य रहा; मैं तुझे बहुत वस्तुओं पर अधिकारी ठहराऊँगा। अपने स्वामी के आनंद में सहभागी हो।’


ये लोग अनंत दंड भोगेंगे, परंतु धर्मी अनंत जीवन में प्रवेश करेंगे।”


मैं तुमसे सच कहता हूँ कि वह उसे अपनी सारी संपत्ति पर अधिकारी नियुक्‍त करेगा।


जो थोड़े से थोड़े में विश्‍वासयोग्य है वह बहुत में भी विश्‍वासयोग्य है, और जो थोड़े से थोड़े में अधर्मी है वह बहुत में भी अधर्मी है।


यदि कोई मेरी सेवा करे तो मेरे पीछे हो ले, और जहाँ मैं हूँ वहाँ मेरा वह सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे तो पिता उसका सम्मान करेगा।


जब मैं जाकर तुम्हारे लिए स्थान तैयार कर लूँ, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊँगा, ताकि जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो।


हे पिता, मैं चाहता हूँ कि जिन्हें तूने मुझे दिया है, वे भी मेरे साथ वहाँ हों जहाँ मैं हूँ, ताकि वे मेरी उस महिमा को देखें जो तूने मुझे दी है क्योंकि जगत की उत्पत्ति से पहले तूने मुझसे प्रेम रखा।


परंतु यहूदी वही है जो मन से यहूदी है, और ख़तना वही है जो आत्मा के द्वारा हृदय का है न कि लेख का। ऐसे व्यक्‍ति की प्रशंसा मनुष्यों की ओर से नहीं बल्कि परमेश्‍वर की ओर से होती है।


इसलिए समय से पहले अर्थात् जब तक प्रभु न आ जाए, किसी बात का न्याय मत करो। वही अंधकार में छिपी बातों को प्रकाशित करेगा और मनों के उद्देश्यों को प्रकट करेगा। तब परमेश्‍वर की ओर से प्रत्येक की प्रशंसा होगी।


क्योंकि जो अपनी प्रशंसा करता है वह नहीं, बल्कि जिसकी प्रशंसा प्रभु करता है, वही ग्रहणयोग्य होता है।


इस कारण हमारी अभिलाषा यह है कि हम चाहे साथ रहें या अलग, उसे भाते रहें।


मैं इन दोनों के बीच अधर में लटका हूँ। अभिलाषा तो यह है कि यहाँ से विदा होकर मसीह के साथ रहूँ, क्योंकि यह और भी अच्छा है;


क्योंकि जिन्होंने अच्छी तरह से सेवाकार्य किया है, वे अपने लिए उच्‍च स्थान और विश्‍वास में उस बड़े साहस को प्राप्‍त करते हैं जो मसीह यीशु में है।


यदि हम धीरज से सहते रहें तो उसके साथ राज्य भी करेंगे। यदि हम उसका इनकार करेंगे, तो वह भी हमारा इनकार करेगा।


और विश्‍वास के कर्ता और सिद्ध करनेवाले यीशु की ओर ताकते रहें, जिसने उस आनंद के लिए जो उसके सामने रखा था, लज्‍जा की चिंता किए बिना क्रूस के दुःख को सह लिया, और परमेश्‍वर के सिंहासन के दाहिनी ओर जा बैठा।


जिन दुःखों को तू भोगने वाला है उनसे मत डर। देख, शैतान तुममें से कुछ को बंदीगृह में डालने पर है कि तुम परखे जाओ; और तुम्हें दस दिन तक क्लेश उठाना होगा। मृत्यु तक विश्‍वासयोग्य बना रह, तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूँगा।


जो जय पाए वही इन वस्तुओं का उत्तराधिकारी होगा और मैं उसका परमेश्‍वर होऊँगा और वह मेरा पुत्र होगा।


“जो जय पाए उसे मैं अपने साथ अपने सिंहासन पर बैठाऊँगा, जैसे मैं भी जय पाकर अपने पिता के साथ उसके सिंहासन पर बैठा हूँ।


क्योंकि मेमना, जो सिंहासन के मध्य है, उनकी रखवाली करेगा और उन्हें जीवन के जल के सोतों के पास ले जाएगा, और परमेश्‍वर उनकी आँखों से सब आँसुओं को पोंछ डालेगा।”


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