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रोमियों 4:14 - नवीन हिंदी बाइबल

इसलिए यदि व्यवस्थावाले उत्तराधिकारी हैं, तो विश्‍वास व्यर्थ ठहरा और प्रतिज्ञा निष्फल हुई;

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पवित्र बाइबल

यदि जो व्यवस्था को मानते है, वे जगत के उत्तराधिकारी हैं तो विश्वास का कोई अर्थ नहीं रहता और वचन भी बेकार हो जाता है।

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Hindi Holy Bible

क्योंकि यदि व्यवस्था वाले वारिस हैं, तो विश्वास व्यर्थ और प्रतिज्ञा निष्फल ठहरी।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

यदि व्‍यवस्‍था के अधीन रहने वाले ही उत्तराधिकारी बनते हैं, तो विश्‍वास व्‍यर्थ है और प्रतिज्ञा रद्द हो जाती है;

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

क्योंकि यदि व्यवस्थावाले वारिस हैं, तो विश्‍वास व्यर्थ और प्रतिज्ञा निष्फल ठहरी।

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सरल हिन्दी बाइबल

यदि व्यवस्था का पालन करने से उन्हें मीरास प्राप्‍त होती है तो विश्वास खोखला और प्रतिज्ञा बेअसर साबित हो गई है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

क्योंकि यदि व्यवस्थावाले वारिस हैं, तो विश्वास व्यर्थ और प्रतिज्ञा निष्फल ठहरी।

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रोमियों 4:14
14 क्रॉस रेफरेंस  

यह समय है कि यहोवा कार्य करे, क्योंकि लोगों ने तेरी व्यवस्था का उल्‍लंघन किया है।


तो क्या विश्‍वास के द्वारा हम व्यवस्था को व्यर्थ ठहराते हैं? कदापि नहीं! बल्कि हम व्यवस्था को सुदृढ़ करते हैं।


इस कारण, प्रतिज्ञा विश्‍वास पर आधारित है, ताकि वह अनुग्रह के अनुसार हो और सभी वंशजों के लिए निश्‍चित हो, केवल उनके लिए ही नहीं जो व्यवस्थावाले हैं बल्कि उनके लिए भी जो अब्राहम के समान विश्‍वासवाले हैं; जो हम सब का पिता है


क्या मसीह बँट गया है? क्या पौलुस तुम्हारे लिए क्रूस पर चढ़ाया गया है? या तुम्हें पौलुस के नाम से बपतिस्मा दिया गया है?


मैं परमेश्‍वर के अनुग्रह को व्यर्थ नहीं ठहराता; क्योंकि यदि धार्मिकता व्यवस्था के द्वारा होती, तो मसीह का मरना व्यर्थ होता।


तुम जो व्यवस्था के द्वारा धर्मी ठहरना चाहते हो, मसीह से अलग और अनुग्रह से वंचित हो गए हो।


और उसी में पाया जाऊँ—यह अपनी उस धार्मिकता के कारण नहीं जो व्यवस्था से प्राप्‍त होती है, बल्कि उस धार्मिकता के कारण है जो मसीह पर विश्‍वास करने से है, अर्थात् वह धार्मिकता जो विश्‍वास के आधार पर परमेश्‍वर से प्राप्‍त होती है—


क्योंकि व्यवस्था ने किसी को सिद्ध नहीं किया—वहीं दूसरी ओर एक उत्तम आशा रखी गई जिसके द्वारा हम परमेश्‍वर के निकट आते हैं।


व्यवस्था तो निर्बल मनुष्यों को महायाजक नियुक्‍त करती है, परंतु शपथ का वह वचन, जो व्यवस्था के बाद आया, उस पुत्र को नियुक्‍त करता है जो सदा के लिए सिद्ध किया गया है।