रोमियों 14:17 - नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाना और पीना नहीं बल्कि धार्मिकता, मेल और पवित्र आत्मा में आनंद है। पवित्र बाइबल क्योंकि परमेश्वर का राज्य बस खाना-पीना नहीं है बल्कि वह तो धार्मिकता है, शांति है और पवित्र आत्मा से प्राप्त आनन्द है। Hindi Holy Bible क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाना पीना नहीं; परन्तु धर्म और मिलाप और वह आनन्द है; पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाने-पीने का नहीं, बल्कि वह धार्मिकता, शान्ति और आनन्द का विषय है, जो पवित्र आत्मा से प्राप्त होते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाना–पीना नहीं, परन्तु धर्म और मेलमिलाप और वह आनन्द है जो पवित्र आत्मा से होता है। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि परमेश्वर का राज्य मात्र खान-पान के विषय में नहीं परंतु पवित्र आत्मा में धार्मिकता, शांति तथा आनंद में है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाना-पीना नहीं; परन्तु धार्मिकता और मिलाप और वह आनन्द है जो पवित्र आत्मा से होता है। |
इसलिए पहले परमेश्वर के राज्य और उसकी धार्मिकता की खोज करो, और ये सब वस्तुएँ तुम्हें मिल जाएँगी।
ये बातें सुनकर उसके साथ भोजन करनेवालों में से एक ने उससे कहा, “धन्य है वह जो परमेश्वर के राज्य में रोटी खाएगा।”
मैंने ये बातें तुमसे इसलिए कही हैं कि तुम मुझमें शांति पाओ। संसार में तुम्हें क्लेश होता है, परंतु साहस रखो! मैंने संसार को जीत लिया है।”
इस पर यीशु ने उससे कहा,“मैं तुझसे सच-सच कहता हूँ, जब तक कोई नए सिरे से जन्म न ले, वह परमेश्वर के राज्य को नहीं देख सकता।”
यीशु ने उत्तर दिया,“मैं तुझसे सच-सच कहता हूँ, जब तक कोई जल और आत्मा से जन्म न ले, वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता।
इस प्रकार सारे यहूदिया और गलील और सामरिया की कलीसिया को शांति मिली, और वह प्रभु के भय में चलते और उन्नति करते हुए पवित्र आत्मा के प्रोत्साहन में बढ़ती गई।
अब जो आशा का परमेश्वर है, वह तुम्हारे विश्वास करने में तुम्हें संपूर्ण आनंद और शांति से भर दे, जिससे तुम पवित्र आत्मा के सामर्थ्य के द्वारा आशा से भरपूर हो जाओ।
परमेश्वर के कारण ही तुम मसीह यीशु में हो, जो हमारे लिए परमेश्वर की ओर से ज्ञान ठहरा, और साथ ही धार्मिकता और पवित्रता और छुटकारा भी,
या क्या तुम नहीं जानते कि अधर्मी लोग परमेश्वर के राज्य के उत्तराधिकारी नहीं होंगे? धोखा न खाओ : न व्यभिचारी, न मूर्तिपूजक, न परस्त्रीगामी, न किसी भी प्रकार के समलैंगिक,
परंतु भोजन हमें परमेश्वर के पास नहीं पहुँचाएगा; यदि हम न खाएँ तो हमारी कुछ हानि नहीं, और यदि खाएँ तो कोई लाभ भी नहीं।
वह जो पाप से अनजान था, उसे परमेश्वर ने हमारे लिए पाप ठहराया कि हम उसमें परमेश्वर की धार्मिकता बन जाएँ।
अतः यदि मसीह में कुछ प्रोत्साहन है, प्रेम का ढाढ़स है, आत्मा की सहभागिता है, स्नेह और करुणा है,
वास्तविक ख़तनावाले तो हम हैं, जो परमेश्वर के आत्मा में आराधना करते और मसीह यीशु पर गर्व करते हैं, और शरीर पर भरोसा नहीं रखते।
और उसी में पाया जाऊँ—यह अपनी उस धार्मिकता के कारण नहीं जो व्यवस्था से प्राप्त होती है, बल्कि उस धार्मिकता के कारण है जो मसीह पर विश्वास करने से है, अर्थात् वह धार्मिकता जो विश्वास के आधार पर परमेश्वर से प्राप्त होती है—
तब परमेश्वर की शांति जो सारी समझ से परे है, मसीह यीशु में तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को सुरक्षित रखेगी।
और उसकी महिमा की शक्ति के अनुसार हर प्रकार के सामर्थ्य से बलवंत होते जाओ ताकि तुम हर प्रकार का धीरज और सहनशीलता प्राप्त करो, और आनंद के साथ
तुम बड़े क्लेश में पवित्र आत्मा के आनंद के साथ वचन को ग्रहण करके हमारे और प्रभु के अनुकरण करनेवाले बन गए,
कि तुम्हारा चाल-चलन उस परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें अपने राज्य और महिमा में बुलाता है।
तुम भिन्न-भिन्न प्रकार की विचित्र शिक्षाओं के द्वारा भरमाए न जाओ; क्योंकि मन का अनुग्रह से दृढ़ रहना भला है, न कि उन भोजन संबंधी नियमों से जिनका पालन करनेवाले लोगों को कुछ लाभ नहीं हुआ।
तुमने उसे नहीं देखा, फिर भी तुम उससे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिना देखे विश्वास करके ऐसे आनंद के साथ मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है,
यीशु मसीह के दास और प्रेरित शमौन पतरस की ओर से, उन लोगों के नाम जिन्होंने हमारे परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की धार्मिकता के द्वारा हमारे समान बहुमूल्य विश्वास प्राप्त किया है :