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रोमियों 10:17 - नवीन हिंदी बाइबल

अतः विश्‍वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन के द्वारा होता है।

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पवित्र बाइबल

सो उपदेश के सुनने से विश्वास उपजता है और उपदेश तब सुना जाता है जब कोई मसीह के विषय में उपदेश देता है।

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Hindi Holy Bible

सो विश्वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन से होता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

इस प्रकार हम देखते हैं कि संदेश सुनने से विश्‍वास उत्‍पन्न होता है और जो सुनाया जाता है, वह मसीह का वचन है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

अत: विश्‍वास सुनने से और सुनना मसीह के वचन से होता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

इसलिये स्पष्ट है कि विश्वास की उत्पत्ति होती है सुनने के माध्यम से तथा सुनना मसीह के वचन के माध्यम से.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

इसलिए विश्वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन से होता है।

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रोमियों 10:17
24 क्रॉस रेफरेंस  

तब उसने उनसे कहा,“सावधान रहो कि क्या सुनते हो। तुम जिस नाप से नापते हो उसी से तुम्हारे लिए भी नापा जाएगा औरतुम्हें और अधिक दिया जाएगा;


उसने कहा,“हाँ, बल्कि अधिक धन्य वे हैं जो परमेश्‍वर का वचन सुनते और उसका पालन करते हैं।”


“इस दृष्‍टांत का अर्थ यह है : बीज परमेश्‍वर का वचन है।


इस पर उसने उनसे कहा,“मेरी माता और मेरे भाई ये हैं जो परमेश्‍वर का वचन सुनते और उसका पालन करते हैं।”


जब दोनों शिष्यों ने उसे यह कहते सुना, तो वे यीशु के पीछे हो लिए।


मैं सुसमाचार से लज्‍जित नहीं होता, क्योंकि यह प्रत्येक विश्‍वास करनेवाले के लिए—पहले यहूदी और फिर यूनानी के लिए—उद्धार के निमित्त परमेश्‍वर का सामर्थ्य है।


परंतु जिस पर उन्होंने विश्‍वास नहीं किया उसे वे कैसे पुकारें? और जिसके विषय में उन्होंने सुना नहीं उस पर वे कैसे विश्‍वास करें? और बिना प्रचार करनेवाले के वे कैसे सुनें?


क्योंकि हम उन बहुतों के समान नहीं जो परमेश्‍वर के वचन में मिलावट करते हैं, बल्कि हम सच्‍चाई के साथ और परमेश्‍वर के भेजे हुओं के रूप में परमेश्‍वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं।


मैं तुमसे केवल यही जानना चाहता हूँ कि तुमने आत्मा को क्या व्यवस्था के कार्यों से पाया था, या विश्‍वास सहित सुनने से?


अतः जो तुम्हें आत्मा प्रदान करता है और तुममें सामर्थ्य के कार्य करता है, क्या वह व्यवस्था के कार्यों से ऐसा करता है या तुम्हारे विश्‍वास सहित सुनने से?


मसीह का वचन तुममें बहुतायत से वास करे। सारी बुद्धि के साथ तुम एक दूसरे को सिखाते और चेतावनी देते रहो और धन्यवाद के साथ अपने-अपने मनों में परमेश्‍वर के लिए भजन, स्तुति और आत्मिक गीत गाते रहो।


इसी कारण हम भी निरंतर परमेश्‍वर का धन्यवाद करते हैं कि जब हमारे द्वारा तुम्हें परमेश्‍वर के वचन का संदेश मिला, तो तुमने उसे मनुष्यों का नहीं, बल्कि परमेश्‍वर का वचन समझकर ग्रहण किया (सचमुच वह है भी) जो तुम विश्‍वास करनेवालों में कार्य भी करता है।


वास्तव में, हमें भी उन्हीं के समान सुसमाचार सुनाया गया है; परंतु जो वचन उन्होंने सुना, उससे उन्हें कुछ लाभ न हुआ, क्योंकि जब उन्होंने उसे सुना तो विश्‍वास के साथ ग्रहण नहीं किया।


तुमने नाशवान नहीं बल्कि अविनाशी बीज से, अर्थात् परमेश्‍वर के जीवित और अटल रहनेवाले वचन के द्वारा नया जन्म प्राप्‍त किया है;


मैं यूहन्‍ना तुम्हारा भाई और उस क्लेश, राज्य तथा धीरज में तुम्हारा सहभागी हूँ जो यीशु में है। मैं परमेश्‍वर के वचन और यीशु की गवाही देने के कारण पतमुस नामक द्वीप पर था।