जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनंत जीवन उसका है। परंतु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, बल्कि परमेश्वर का प्रकोप उस पर बना रहता है।
रोमियों 1:17 - नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि इसमें परमेश्वर की धार्मिकता प्रकट होती है जो विश्वास से है और विश्वास के लिए है, जैसा लिखा है : धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा। पवित्र बाइबल क्योंकि सुसमाचार में यह दर्शाया गया है, परमेश्वर मनुष्य को अपने प्रति सही कैसे बनाता है। यह आदि से अंत तक विश्वास पर टिका है जैसा कि शास्त्र में लिखा है, “धर्मी मनुष्य विश्वास से जीवित रहेगा।” Hindi Holy Bible क्योंकि उस में परमेश्वर की धामिर्कता विश्वास से और विश्वास के लिये प्रगट होती है; जैसा लिखा है, कि विश्वास से धर्मी जन जीवित रहेगा॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) शुभ समाचार में परमेश्वर की धार्मिकता, जो आदि से अन्त तक विश्वास पर आधारित है, प्रकट हो रही है, जैसा कि धर्मग्रन्थ में लिखा है : “धार्मिक मनुष्य विश्वास के द्वारा जीवन प्राप्त करेगा” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि उसमें परमेश्वर की धार्मिकता विश्वास से और विश्वास के लिये प्रगट होती है; जैसा लिखा है, “विश्वास से धर्मी जन जीवित रहेगा।” सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि इसमें विश्वास से विश्वास के लिए परमेश्वर की धार्मिकता का प्रकाशन होता है, जैसा कि पवित्र शास्त्र का लेख है: वह, जो विश्वास द्वारा धर्मी है, जीवित रहेगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि उसमें परमेश्वर की धार्मिकता विश्वास से और विश्वास के लिये प्रगट होती है; जैसा लिखा है, “विश्वास से धर्मी जन जीवित रहेगा।” (हब. 2:4, गला. 3:11) |
जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनंत जीवन उसका है। परंतु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, बल्कि परमेश्वर का प्रकोप उस पर बना रहता है।
क्योंकि परमेश्वर की धार्मिकता से अनजान होकर, और अपनी धार्मिकता को स्थापित करने का प्रयत्न करके, वे परमेश्वर की धार्मिकता के अधीन नहीं हुए।
परंतु अब व्यवस्था के बिना परमेश्वर की धार्मिकता प्रकट हुई है, जिसकी साक्षी व्यवस्था और भविष्यवक्ता देते हैं,
अर्थात् परमेश्वर की वह धार्मिकता जो यीशु मसीह पर विश्वास करने के द्वारा सब विश्वास करनेवालों के लिए है। इसमें कोई भेदभाव नहीं है;
यदि कुछ लोगों ने विश्वास नहीं भी किया तो क्या हुआ? क्या उनका अविश्वास परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को व्यर्थ ठहराएगा?
तो हम क्या कहें? यह कि धार्मिकता की खोज न करनेवाले गैरयहूदियों ने धार्मिकता प्राप्त कर ली, अर्थात् वह धार्मिकता जो विश्वास से है;
क्योंकि यदि दोषी ठहरानेवाली वाचा की सेवा तेजोमय थी, तो धर्मी ठहरानेवाली वाचा की सेवा और भी अधिक तेजोमय होगी।
वह जो पाप से अनजान था, उसे परमेश्वर ने हमारे लिए पाप ठहराया कि हम उसमें परमेश्वर की धार्मिकता बन जाएँ।
अब स्पष्ट है कि व्यवस्था के द्वारा परमेश्वर की दृष्टि में कोई भी धर्मी नहीं ठहरता, क्योंकि धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा।
और उसी में पाया जाऊँ—यह अपनी उस धार्मिकता के कारण नहीं जो व्यवस्था से प्राप्त होती है, बल्कि उस धार्मिकता के कारण है जो मसीह पर विश्वास करने से है, अर्थात् वह धार्मिकता जो विश्वास के आधार पर परमेश्वर से प्राप्त होती है—
परंतु मेरा धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा, और यदि वह पीछे हटे, तो मेरा मन उससे प्रसन्न न होगा।