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गलातियों 3:11 - नवीन हिंदी बाइबल

11 अब स्पष्‍ट है कि व्यवस्था के द्वारा परमेश्‍वर की दृष्‍टि में कोई भी धर्मी नहीं ठहरता, क्योंकि धर्मी जन विश्‍वास से जीवित रहेगा।

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पवित्र बाइबल

11 अब यह स्पष्ट है कि व्यवस्था के विधान के द्वारा परमेश्वर के सामने कोई भी नेक नहीं ठहरता है। क्योंकि शास्त्र के अनुसार “धर्मी व्यक्ति विश्वास के सहारे जीयेगा।”

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Hindi Holy Bible

11 पर यह बात प्रगट है, कि व्यवस्था के द्वारा परमेश्वर के यहां कोई धर्मी नहीं ठहरता क्योंकि धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

11 यह तो स्‍पष्‍ट है कि कोई भी व्यक्‍ति व्‍यवस्‍था के कारण परमेश्‍वर की दृष्‍टि में धार्मिक नहीं ठहरता; क्‍योंकि धर्मग्रन्‍थ में लिखा है: “धार्मिक मनुष्‍य विश्‍वास के द्वारा जीवन प्राप्‍त करेगा।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

11 पर यह बात प्रगट है कि व्यवस्था के द्वारा परमेश्‍वर के यहाँ कोई धर्मी नहीं ठहरता, क्योंकि धर्मी जन विश्‍वास से जीवित रहेगा।

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सरल हिन्दी बाइबल

11 यह स्पष्ट है कि व्यवस्था के द्वारा परमेश्वर के सामने कोई भी धर्मी नहीं ठहरता; क्योंकि लिखा है: “वह, जो धर्मी है, विश्वास से जीवित रहेगा.”

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गलातियों 3:11
20 क्रॉस रेफरेंस  

अपने दास को दोषी न ठहरा, क्योंकि तेरी दृष्‍टि में कोई भी मनुष्य धर्मी नहीं है।


अपनी भूल को कौन समझ सकता है? मेरे गुप्‍त पापों से मुझे शुद्ध कर।


निस्संदेह पृथ्वी पर कोई ऐसा धर्मी मनुष्य नहीं है जो निरंतर भलाई ही करता है और कभी पाप नहीं करता।


क्योंकि इसमें परमेश्‍वर की धार्मिकता प्रकट होती है जो विश्‍वास से है और विश्‍वास के लिए है, जैसा लिखा है : धर्मी जन विश्‍वास से जीवित रहेगा।


फिर भी यह जानकर कि मनुष्य व्यवस्था के कार्यों से नहीं परंतु केवल यीशु मसीह पर विश्‍वास करने के द्वारा धर्मी ठहराया जाता है, हमने भी मसीह यीशु पर विश्‍वास किया है, ताकि हम व्यवस्था के कार्यों से नहीं परंतु मसीह पर विश्‍वास करने से धर्मी ठहराए जाएँ, क्योंकि व्यवस्था के कार्यों से कोई भी मनुष्य धर्मी नहीं ठहराया जाएगा।


परंतु मेरा धर्मी जन विश्‍वास से जीवित रहेगा, और यदि वह पीछे हटे, तो मेरा मन उससे प्रसन्‍न न होगा।


हमारे परमेश्‍वर और पिता की दृष्‍टि में शुद्ध और निर्मल भक्‍ति यह है कि अनाथों और विधवाओं के दुःख में उनकी सुधि लें, और अपने आपको इस संसार से निष्कलंक रखें।


क्योंकि हम सब बहुत सी बातों में चूक जाते हैं। यदि कोई अपनी बातों में नहीं चूकता तो वह सिद्ध मनुष्य है, और अपनी सारी देह पर भी नियंत्रण रख सकता है।


तब वे यह नया गीत गाने लगे : तू ही इस पुस्तक को लेने और इसकी मुहरों को खोलने के योग्य है, क्योंकि तूने वध होकर अपने लहू से परमेश्‍वर के लिए प्रत्येक कुल, भाषा, राष्‍‍ट्र और जाति में से लोगों को खरीद लिया,


हमारे पर का पालन करें:

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