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यूहन्ना 3:36 - नवीन हिंदी बाइबल

36 जो पुत्र पर विश्‍वास करता है, अनंत जीवन उसका है। परंतु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, बल्कि परमेश्‍वर का प्रकोप उस पर बना रहता है।

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पवित्र बाइबल

36 इसलिए वह जो उसके पुत्र में विश्वास करता है अनन्त जीवन पाता है पर वह जो परमेश्वर के पुत्र की बात नहीं मानता उसे वह जीवन नहीं मिलेगा। इसके बजाय उस पर परम पिता परमेश्वर का क्रोध बना रहेगा।”

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Hindi Holy Bible

36 जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर रहता है॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

36 जो पुत्र में विश्‍वास करता है, उसे शाश्‍वत जीवन प्राप्‍त है। परन्‍तु जो पुत्र में विश्‍वास करने से इन्‍कार करता है, वह जीवन का दर्शन नहीं करेगा, परन्‍तु परमेश्‍वर का क्रोध उस पर बना रहता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

36 जो पुत्र पर विश्‍वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्‍वर का क्रोध उस पर रहता है।”

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सरल हिन्दी बाइबल

36 वह, जो पुत्र में विश्वास करता है, अनंत काल के जीवन में प्रवेश कर चुका है किंतु जो पुत्र को नहीं मानता है, वह अनंत काल का जीवन प्राप्‍त नहीं करेगा परंतु परमेश्वर का क्रोध उस पर बना रहेगा.

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यूहन्ना 3:36
38 क्रॉस रेफरेंस  

पुत्र का सम्मान करो, ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नष्‍ट हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने पर है। क्या ही धन्य हैं वे सब जो उसकी शरण में आते हैं।


क्योंकि जीवन का सोता तो तेरे ही पास है; तेरे ही प्रकाश से हमें प्रकाश मिलता है।


फिर भी वह अपने उन पूर्वजों के समाज में जा मिलेगा, जो कभी उजियाला न देखेंगे।


ये लोग अनंत दंड भोगेंगे, परंतु धर्मी अनंत जीवन में प्रवेश करेंगे।”


जो विश्‍वास करेगा और बपतिस्मा लेगा उसी का उद्धार होगा, परंतु जो विश्‍वास नहीं करेगा वह दोषी ठहराया जाएगा।


क्योंकि मेरी आँखों ने तेरे उद्धार को देख लिया


और सब प्राणी परमेश्‍वर के उद्धार को देखेंगे।”


परंतु जितनों ने उसे ग्रहण किया, अर्थात् जो उसके नाम पर विश्‍वास करते हैं, उसने उन्हें परमेश्‍वर की संतान होने का अधिकार दिया।


और मैं उन्हें अनंत जीवन देता हूँ; वे कभी भी नाश न होंगी और न कोई उन्हें मेरे हाथ से छीनेगा।


इस पर यीशु ने उससे कहा,“मैं तुझसे सच-सच कहता हूँ, जब तक कोई नए सिरे से जन्म न ले, वह परमेश्‍वर के राज्य को नहीं देख सकता।”


अब काटनेवाले को मज़दूरी मिलती है और वह अनंत जीवन के लिए फल बटोरता है, ताकि बोनेवाला और काटनेवाला एक साथ मिलकर आनंद मनाएँ।


“मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ कि जो मेरे वचन को सुनता और मेरे भेजनेवाले पर विश्‍वास करता है, अनंत जीवन उसका है, और उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, बल्कि वह मृत्यु में से निकलकर जीवन में प्रवेश कर चुका है।


यह वह रोटी है जो स्वर्ग से उतरी है; वैसी नहीं जो पूर्वजों ने खाई फिर भी मर गए। जो इस रोटी को खाएगा वह अनंत काल तक जीवित रहेगा।”


मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ कि यदि कोई मेरे वचन का पालन करेगा तो वह अनंत काल तक मृत्यु को नहीं देखेगा।”


परंतु विश्‍वास न करनेवाले यहूदियों ने गैरयहूदियों को भड़काया और उनके मनों में भाइयों के विरुद्ध कटुता भर दी।


क्योंकि व्यवस्था तो प्रकोप उत्पन्‍न‍ करती है, परंतु जहाँ व्यवस्था नहीं, वहाँ उसका उल्‍लंघन भी नहीं होता।


इसलिए अब जबकि हम उसके लहू के द्वारा धर्मी ठहराए गए हैं, तो निश्‍चय ही उसके द्वारा परमेश्‍वर के क्रोध से भी बच जाएँगे।


अतः अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दंड की आज्ञा नहीं; [वे शरीर के अनुसार नहीं बल्कि आत्मा के अनुसार चलते हैं।]


परंतु जितने व्यवस्था के कार्यों पर निर्भर रहते हैं, वे शाप के अधीन हैं, क्योंकि लिखा है : शापित है वह जो व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हुई सब बातों का पालन नहीं करता।


कोई तुम्हें व्यर्थ बातों से धोखा न दे, क्योंकि इन्हीं कार्यों के कारण परमेश्‍वर का प्रकोप आज्ञा न माननेवालों पर पड़ता है।


और उसके पुत्र अर्थात् यीशु के स्वर्ग से आने की प्रतीक्षा करो, जिसे उसने मृतकों में से जिलाया और जो हमें आने वाले प्रकोप से बचाता है।


क्योंकि परमेश्‍वर ने हमें प्रकोप के लिए नहीं बल्कि हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा उद्धार प्राप्‍त करने के लिए ठहराया है,


तो तुम्हीं सोचो कि वह कितने कठोर दंड के योग्य होगा, जिसने परमेश्‍वर के पुत्र को पैरों से रौंदा, और वाचा के उस लहू को अपवित्र समझा जिससे वह पवित्र किया गया था, और अनुग्रह के आत्मा का अपमान किया?


तो हम ऐसे महान उद्धार की उपेक्षा करके कैसे बच सकते हैं? इस उद्धार का वर्णन सर्वप्रथम प्रभु के द्वारा किया गया, और सुननेवालों के द्वारा हमारे सामने इसकी पुष्‍टि हुई।


और उसने किनसे शपथ खाई कि तुम मेरे विश्राम में कभी प्रवेश नहीं करोगे? क्या उनसे नहीं जिन्होंने आज्ञा नहीं मानी?


अतः हम देखते हैं कि अविश्‍वास के कारण वे प्रवेश न कर सके।


परंतु डरपोकों, अविश्‍वासियों, घृणितों, हत्यारों, व्यभिचारियों, जादू-टोना करनेवालों, मूर्तिपूजकों और सब झूठों का भाग आग और गंधक से जलती हुई झील में होगा, जो दूसरी मृत्यु है।”


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