इस प्रकार जब परमेश्वर ने उस तराई के नगरों को नष्ट किया, तो उसने अब्राहम को याद किया, और जब वह उन नगरों को नाश कर रहा था तो लूत को उनमें से निकाल लाया जिनमें वह रहता था।
यूहन्ना 9:31 - नवीन हिंदी बाइबल हम जानते हैं कि परमेश्वर पापियों की नहीं सुनता, परंतु यदि कोई परमेश्वर का भक्त हो और उसकी इच्छा पर चलता हो, तो वह उसकी सुनता है। पवित्र बाइबल हम जानते हैं कि परमेश्वर पापियों की नहीं सुनता बल्कि वह तो उनकी सुनता है जो समर्पित हैं और वही करते हैं जो परमेश्वर की इच्छा है। Hindi Holy Bible हम जानते हैं कि परमेश्वर पापियों की नहीं सुनता परन्तु यदि कोई परमेश्वर का भक्त हो, और उस की इच्छा पर चलता है, तो वह उस की सुनता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हम जानते हैं कि परमेश्वर पापियों की नहीं सुनता। वह उन लोगों की सुनता है, जो उसके भक्त हैं और उसकी इच्छा पूरी करते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हम जानते हैं कि परमेश्वर पापियों की नहीं सुनता, परन्तु यदि कोई परमेश्वर का भक्त हो और उसकी इच्छा पर चलता है, तो वह उसकी सुनता है। सरल हिन्दी बाइबल हम सभी जानते हैं कि परमेश्वर पापियों की नहीं सुनते—वह उसकी सुनते हैं, जो परमेश्वर के भक्त है तथा उनकी इच्छा पूरी करते है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हम जानते हैं कि परमेश्वर पापियों की नहीं सुनता परन्तु यदि कोई परमेश्वर का भक्त हो, और उसकी इच्छा पर चलता है, तो वह उसकी सुनता है। (नीति. 15:29) |
इस प्रकार जब परमेश्वर ने उस तराई के नगरों को नष्ट किया, तो उसने अब्राहम को याद किया, और जब वह उन नगरों को नाश कर रहा था तो लूत को उनमें से निकाल लाया जिनमें वह रहता था।
अतः अब तू उस पुरुष की पत्नी को उसे लौटा दे, क्योंकि वह नबी है। वह तेरे लिए प्रार्थना करेगा और तू जीवित रहेगा। परंतु यदि तू उसे न लौटाए तो जान ले कि तू और जितने भी तेरे लोग हैं वे सब निश्चय ही मर जाएँगे।”
इसलिए उसने कहा कि वह उनका सत्यानाश कर डालता, यदि उसका चुना हुआ जन मूसा उसके उस कोप को ठंडा करने के लिए उसके सामने आकर बीच में खड़ा न होता, जो उन्हें नष्ट कर देता।
मुझे सिखा कि मैं तेरी इच्छा कैसे पूरी करूँ, क्योंकि तू मेरा परमेश्वर है। तेरा भला आत्मा मुझे सीधे मार्ग पर ले चले।
उन्होंने दुहाई तो दी परंतु उन्हें कोई बचानेवाला न मिला; उन्होंने यहोवा की भी दुहाई दी, परंतु उसने भी उन्हें उत्तर न दिया।
हे मेरे परमेश्वर, मैं तेरी इच्छा पूरी करने से प्रसन्न होता हूँ। तेरी व्यवस्था मेरे हृदय में बसी है।”
मूसा और हारून उसके याजकों में से थे, और शमूएल उससे प्रार्थना करनेवालों में से था। वे यहोवा से प्रार्थना करते और वह उन्हें उत्तर देता था।
तुमने मुझे नहीं चुना, बल्कि मैंने तुम्हें चुना और तुम्हें नियुक्त किया कि तुम जाकर फल लाओ और तुम्हारा फल बना रहे, ताकि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से माँगो, वह तुम्हें दे।
यीशु ने उनसे कहा,“मेरा भोजन यह है कि मैं अपने भेजनेवाले की इच्छा पर चलूँ और उसका कार्य पूरा करूँ।
यदि कोई परमेश्वर की इच्छा पर चलना चाहे, तो वह इस शिक्षा के विषय में जान जाएगा कि यह परमेश्वर की ओर से है या मैं अपनी ओर से बोलता हूँ।
इस पर उस मनुष्य ने उनसे कहा, “यह तो सचमुच आश्चर्य की बात है कि तुम नहीं जानते कि वह कहाँ का है, फिर भी उसने मेरी आँखें खोल दीं।
तब मैंने कहा, “देख, मैं आया हूँ, पवित्रशास्त्र में मेरे विषय में लिखा हुआ है, ताकि हे परमेश्वर, तेरी इच्छा पूरी करूँ।”