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यूहन्ना 6:51 - नवीन हिंदी बाइबल

जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी, मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खाएगा, वह अनंत काल तक जीवित रहेगा; और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिए दूँगा, वह मेरा मांस है।”

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पवित्र बाइबल

मैं ही वह जीवित रोटी हूँ जो स्वर्ग से उतरी है। यदि कोई इस रोटी को खाता है तो वह अमर हो जायेगा। और वह रोटी जिसे मैं दूँगा, मेरा शरीर है। इसी से संसार जीवित रहेगा।”

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Hindi Holy Bible

जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूं। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूंगा, वह मेरा मांस है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

स्‍वर्ग से उतरी हुई वह जीवन्‍त रोटी मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खायेगा, तो वह सदा जीवित रहेगा। और जो रोटी मैं दूँगा, वह मेरी देह है जो मैं संसार के जीवन के लिए अर्पित करूँगा।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी, मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा; और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूँगा, वह मेरा मांस है।”

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सरल हिन्दी बाइबल

स्वर्ग से उतरी जीवन की रोटी मैं ही हूं. जो कोई यह रोटी खाता है, वह हमेशा जीवित रहेगा. जो रोटी मैं दूंगा, वह संसार के जीवन के लिए भेंट मेरा शरीर है.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा; और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूँगा, वह मेरा माँस है।”

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यूहन्ना 6:51
30 क्रॉस रेफरेंस  

जैसे कि मनुष्य का पुत्र सेवा कराने नहीं बल्कि सेवा करने और बहुतों की छुड़ौती के लिए अपना प्राण देने आया।”


फिर उसने रोटी ली, धन्यवाद देकर तोड़ी और यह कहते हुए उन्हें दी,“यह मेरी देह है जो तुम्हारे लिए दी जाती है; मेरे स्मरण में यही किया करो।”


वचन देहधारी हुआ और हमारे बीच में डेरा किया। हमने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। वह अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण था।


अगले दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते हुए देखकर कहा, “देखो, परमेश्‍वर का मेमना, जो जगत का पाप उठा ले जाता है।


और जो जीवित है और मुझ पर विश्‍वास करता है, वह अनंत काल तक कभी नहीं मरेगा। क्या तू यह विश्‍वास करती है?”


कोई भी स्वर्ग पर नहीं चढ़ा, केवल वही जो स्वर्ग से उतरा, अर्थात् मनुष्य का पुत्र।


जिस प्रकार मूसा ने जंगल में साँप को ऊँचे पर चढ़ाया, उसी प्रकार मनुष्य के पुत्र का ऊँचे पर चढ़ाया जाना अवश्य है,


“क्योंकि परमेश्‍वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्‍वास करे वह नाश न हो, परंतु अनंत जीवन पाए।


जो पुत्र पर विश्‍वास करता है, अनंत जीवन उसका है। परंतु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, बल्कि परमेश्‍वर का प्रकोप उस पर बना रहता है।


“मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ कि जो मेरे वचन को सुनता और मेरे भेजनेवाले पर विश्‍वास करता है, अनंत जीवन उसका है, और उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, बल्कि वह मृत्यु में से निकलकर जीवन में प्रवेश कर चुका है।


क्योंकि परमेश्‍वर की रोटी वह है जो स्वर्ग से उतरकर जगत को जीवन देती है।”


यीशु ने उनसे कहा,“जीवन की रोटी मैं हूँ। जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा नहीं होगा, और जो मुझ पर विश्‍वास करेगा वह फिर कभी प्यासा नहीं होगा।


अतः यहूदी उसके विषय में कुड़कुड़ाने लगे क्योंकि उसने कहा,“वह रोटी जो स्वर्ग से उतरी, मैं हूँ।”


मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ, जोविश्‍वास करता है, अनंत जीवन उसका है।


जीवन की रोटी मैं हूँ।


यह वह रोटी है जो स्वर्ग से उतरी है, ताकि जो कोई इसमें से खाए, वह न मरे।


जो मुझ पर विश्‍वास करता है, जैसा पवित्रशास्‍त्र कहता है, उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियाँ बह निकलेंगी।”


अर्थात् परमेश्‍वर ने मसीह में होकर संसार का अपने साथ मेल-मिलाप कर लिया और उनके अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया, और मेल-मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।


वह जो पाप से अनजान था, उसे परमेश्‍वर ने हमारे लिए पाप ठहराया कि हम उसमें परमेश्‍वर की धार्मिकता बन जाएँ।


और प्रेम में चलो, जैसे मसीह ने भी हमसे प्रेम रखा और एक मधुर सुगंध के लिए परमेश्‍वर के सामने भेंट और बलिदान के रूप में अपने आपको हमारे स्थान पर अर्पित कर दिया।


हे पतियो, अपनी-अपनी पत्‍नियों से वैसा ही प्रेम रखो जैसा मसीह ने भी कलीसिया से प्रेम रखा, और अपने आपको उसके लिए दे दिया


जिसने अपने आपको हमारे लिए दे दिया ताकि हर प्रकार के अधर्म से हमें छुड़ा ले, और शुद्ध करके अपने लिए एक ऐसी निज प्रजा बना ले जो भले कार्यों को करने में उत्साही हो।


जिसे उसने परदे अर्थात् अपनी देह के द्वारा हमारे लिए खोला है,


उस जीवित पत्थर के पास आकर—जिसे मनुष्यों ने तो ठुकरा दिया था परंतु परमेश्‍वर के लिए वह चुना हुआ और बहुमूल्य है—


वही हमारे पापों का प्रायश्‍चित्त है, और न केवल हमारे बल्कि संपूर्ण जगत के पापों का भी।


प्रेम इसमें नहीं कि हमने परमेश्‍वर से प्रेम रखा, बल्कि इसमें है कि परमेश्‍वर ने हमसे प्रेम रखा और अपने पुत्र को हमारे पापों के प्रायश्‍चित्त के लिए भेजा।


हमने देखा और साक्षी देते हैं कि पिता ने पुत्र को जगत का उद्धारकर्ता होने के लिए भेजा।