यूहन्ना 3:19 - नवीन हिंदी बाइबल और दोष यह है कि ज्योति जगत में आ चुकी है, परंतु मनुष्यों ने अंधकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना, क्योंकि उनके कार्य बुरे थे। पवित्र बाइबल इस निर्णय का आधार यह है कि ज्योति इस दुनिया में आ चुकी है पर ज्योति के बजाय लोग अंधेरे को अधिक महत्त्व देते हैं। क्योंकि उनके कार्य बुरे हैं। Hindi Holy Bible और दंड की आज्ञा का कारण यह है कि ज्योति जगत में आई है, और मनुष्यों ने अन्धकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना क्योंकि उन के काम बुरे थे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दोषी ठहराने का कारण यह है कि ज्योति संसार में आयी है और मनुष्यों ने ज्योति की अपेक्षा अन्धकार को अधिक पसन्द किया, क्योंकि उनके कार्य बुरे थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और दण्ड की आज्ञा का कारण यह है कि ज्योति जगत में आई है, और मनुष्यों ने अन्धकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना क्योंकि उनके काम बुरे थे। सरल हिन्दी बाइबल अंतिम निर्णय का आधार यह है: ज्योति के संसार में आ जाने पर भी मनुष्यों ने ज्योति की तुलना में अंधकार को प्रिय जाना क्योंकि उनके काम बुरे थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और दण्ड की आज्ञा का कारण यह है कि ज्योति जगत में आई है, और मनुष्यों ने अंधकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना क्योंकि उनके काम बुरे थे। |
याजक उसे जाँचे, और यदि उसकी त्वचा पर सफ़ेद सूजन हो, जिसके कारण रोएँ भी सफ़ेद हो गए हों, और उस सूजन में खुला घाव हो,
वह दास जो अपने स्वामी की इच्छा जानकर भी न तो तैयार रहा और न ही उसकी इच्छा के अनुसार चला, वह बहुत मार खाएगा;
मैं ज्योति हूँ और जगत में आया हूँ, ताकि जो कोई मुझ पर विश्वास करे, वह अंधकार में न रहे।
तुम जो एक दूसरे से आदर पाते हो और वह आदर नहीं चाहते जो एकमात्र परमेश्वर की ओर से है, तो कैसे विश्वास कर सकते हो?
यदि कोई परमेश्वर की इच्छा पर चलना चाहे, तो वह इस शिक्षा के विषय में जान जाएगा कि यह परमेश्वर की ओर से है या मैं अपनी ओर से बोलता हूँ।
संसार तुमसे घृणा नहीं कर सकता; परंतु वह मुझसे घृणा करता है, क्योंकि मैं उसके विरुद्ध साक्षी देता हूँ कि उसके कार्य बुरे हैं।
यीशु ने लोगों से फिर कहा,“जगत की ज्योति मैं हूँ; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह कभी अंधकार में नहीं चलेगा बल्कि जीवन की ज्योति पाएगा।”
यद्यपि वे परमेश्वर की विधि जानते हैं कि ऐसे कार्य करनेवाले मृत्यु के योग्य हैं, फिर भी न केवल वे उन्हें करते हैं बल्कि ऐसा करनेवालों का समर्थन भी करते हैं।
परंतु जो स्वार्थी हैं और सत्य को नहीं मानते बल्कि अधर्म पर चलते हैं, उन पर प्रकोप और क्रोध पड़ेगा।
और “ठोकर का पत्थर और ठेस की चट्टान हो गया।” वे ठोकर खाते हैं क्योंकि वे वचन को नहीं मानते, जिसके लिए वे ठहराए भी गए थे।
सब से पहले तुम यह समझ लो कि अंतिम दिनों में ठट्ठा करनेवाले ठट्ठा करते हुए आएँगे, और अपनी लालसाओं के अनुसार चलेंगे,