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याकूब 3:8 - नवीन हिंदी बाइबल

परंतु कोई भी मनुष्य जीभ को वश में नहीं कर सकता। यह ऐसी बुराई है जो शांत नहीं रहती और प्राणनाशक विष से भरी है।

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पवित्र बाइबल

किन्तु जीभ को कोई मनुष्य वश में नहीं कर सकता। यह घातक विष से भरी एक ऐसी बुराई है जो कभी चैन से नहीं रहती।

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Hindi Holy Bible

पर जीभ को मनुष्यों में से कोई वश में नहीं कर सकता; वह एक ऐसी बला है जो कभी रुकती ही नहीं; वह प्राण नाशक विष से भरी हुई है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

किन्‍तु कोई मनुष्‍य अपनी जीभ को वश में नहीं कर सकता। वह एक ऐसी बुराई है, जो कभी शान्‍त नहीं रहती और प्राणघातक विष से भरी हुई है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

पर जीभ को मनुष्यों में से कोई वश में नहीं कर सकता; वह एक ऐसी बला है जो कभी रुकती ही नहीं, वह प्राणनाशक विष से भरी हुई है।

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सरल हिन्दी बाइबल

किंतु जीभ को कोई भी वश में नहीं कर सकता. यह एक विद्रोही और हानिकारक है, जो प्राणनाशक विष से छलक रही है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

पर जीभ को मनुष्यों में से कोई वश में नहीं कर सकता; वह एक ऐसी बला है जो कभी रुकती ही नहीं; वह प्राणनाशक विष से भरी हुई है। (भज. 140:3)

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याकूब 3:8
13 क्रॉस रेफरेंस  

उनका बोलना सर्प के काटने जैसा है; उनके होंठों के नीचे साँप का सा विष रहता है। सेला।


उसकी बातें तो मक्खन सी चिकनी थीं परंतु उसके मन में लड़ाई थी; उसकी बातें तेल से अधिक नरम थीं पर वास्तव में वे नंगी तलवारें थीं।


मेरा प्राण सिंहों के बीच में है। मुझे उन लोगों के बीच लेटना पड़ता है जो मनुष्यों को निगल जाते हैं, अर्थात् ऐसे मनुष्यों के बीच जिनके दाँत भाले और तीर के समान हैं और जिनकी जीभ तेज़ तलवार है।


उनमें सर्प का सा विष है, वे बहरे नाग के समान हैं, जो अपने कान बंद कर लेता है;


देख, वे अपने मुँह से जहर उगलते हैं, उनके मुँह के भीतर तलवारें हैं। वे कहते हैं, “कौन सुनता है?”


कुटिल मनवाला व्यक्‍ति सुख-समृद्धि नहीं पाता; और जो अपनी बात से पलट जाता है, वह विपत्ति में पड़ता है।


यदि सपेरे द्वारा मंत्र-मुग्ध किए जाने से पहले ही साँप डस ले तो उसे कोई लाभ नहीं।


उनका गला खुली हुई कब्र है, वे अपनी जीभ से धोखा देते हैं, उनके होंठों पर साँपों का विष है।


जीभ एक आग है। जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक संसार है, जो सारी देह को कलंकित करती और जीवन की गति में आग लगा देती है, तथा स्वयं नरक की आग से जलाई जाती है।


क्योंकि हर प्रकार के वन-पशु और पक्षी, रेंगनेवाले जंतु और समुद्री जीव मनुष्यजाति के वश में किए जा सकते हैं और वश में कर भी दिए गए हैं,


और उस बड़े अजगर को अर्थात् उस पुराने साँप को, जो इब्लीस और शैतान कहलाता है और समस्त संसार को भरमाता है, पृथ्वी पर फेंक दिया गया, और उसके साथ उसके दूतों को भी फेंक दिया गया।