ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




मत्ती 6:31 - नवीन हिंदी बाइबल

इसलिए यह कहकर चिंता न करो, ‘हम क्या खाएँगे?’ या ‘क्या पीएँगे?’ या फिर ‘क्या पहनेंगे?’

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

“इसलिये चिंता करते हुए यह मत कहो कि ‘हम क्या खायेंगे या हम क्या पीयेंगे या क्या पहनेंगे?’

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

इसलिये तुम चिन्ता करके यह न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएंगे, या क्या पहिनेंगे?

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

“इसलिए चिन्‍ता मत करो। यह मत कहो कि हम क्‍या खाएँगे, क्‍या पियेंगे, क्‍या पहनेंगे।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

“इसलिये तुम चिन्ता करके यह न कहना कि हम क्या खाएँगे, या क्या पीएँगे, या क्या पहिनेंगे।

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

इसलिए इस विषय में चिंता न करो, ‘हम क्या खाएंगे या क्या पिएंगे’ या ‘हमारे वस्त्रों का प्रबंध कैसे होगा?’

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

“इसलिए तुम चिन्ता करके यह न कहना, कि हम क्या खाएँगे, या क्या पीएँगे, या क्या पहनेंगे?

अध्याय देखें



मत्ती 6:31
16 क्रॉस रेफरेंस  

उसने अपने भय माननेवालों को भोजन प्रदान किया है; वह अपनी वाचा को सदा स्मरण रखता है।


यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर। देश में बसा रह और विश्‍वासयोग्य रह।


अपना बोझ यहोवा पर डाल दे और वही तुझे संभालेगा; वह धर्मी को कभी टलने नहीं देगा।


शिष्यों ने उससे कहा, “जंगल में इतनी बड़ी भीड़ को तृप्‍त करने के लिए हम इतनी रोटियाँ कहाँ से लाएँ?”


इस पर यीशु ने कहा,“लिखा है : मनुष्य केवल रोटी से नहीं, परंतु परमेश्‍वर के मुँह से निकलनेवाले हर एक वचन से जीवित रहेगा।”


“इसलिए मैं तुमसे कहता हूँ, अपने प्राण के लिए चिंता मत करो कि क्या खाएँगे या क्या पीएँगे, और न ही अपनी देह के लिए कि क्या पहनेंगे; क्या प्राण भोजन से और देह वस्‍त्र से बढ़कर नहीं?


तुममें से कौन है जो चिंता करके अपनी आयु में एक घड़ीभी बढ़ा सकता है?


इस पर प्रभु ने उससे कहा,“मार्था, मार्था, तू बहुत सी बातों की चिंता करती है और घबरा जाती है,


“जब लोग तुम्हें आराधनालयों, शासकों और अधिकारियों के सामने ले जाएँ, तो तुम चिंता न करना कि अपने बचाव में कैसे और क्या उत्तर दोगे या क्या कहोगे;


फिर उसने अपने शिष्यों से कहा :“इसलिए मैं तुमसे कहता हूँ, अपने प्राण के लिए चिंता मत करो कि क्या खाएँगे, और न ही अपनी देह के लिए कि क्या पहनेंगे।


इसलिए तुम इसकी खोज में मत रहो कि क्या खाएँगे और क्या पीएँगे, और न ही संदेह करो;


किसी भी बात की चिंता मत करो, बल्कि प्रत्येक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्‍वर के सामने प्रस्तुत किए जाएँ।


अपनी सारी चिंता उसी पर डाल दो, क्योंकि वह तुम्हारा ध्यान रखता है।