मत्ती 6:25 - नवीन हिंदी बाइबल “इसलिए मैं तुमसे कहता हूँ, अपने प्राण के लिए चिंता मत करो कि क्या खाएँगे या क्या पीएँगे, और न ही अपनी देह के लिए कि क्या पहनेंगे; क्या प्राण भोजन से और देह वस्त्र से बढ़कर नहीं? पवित्र बाइबल “मैं तुमसे कहता हूँ अपने जीने के लिये खाने-पीने की चिंता छोड़ दो। अपने शरीर के लिये वस्त्रों की चिंता छोड़ दो। निश्चय ही जीवन भोजन से और शरीर कपड़ों से अधिक महत्वपूर्ण हैं। Hindi Holy Bible इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि अपने प्राण के लिये यह चिन्ता न करना कि हम क्या खाएंगे? और क्या पीएंगे? और न अपने शरीर के लिये कि क्या पहिनेंगे? क्या प्राण भोजन से, और शरीर वस्त्र से बढ़कर नहीं? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “मैं तुम लोगों से कहता हूँ, चिन्ता मत करो − न अपने जीवन-निर्वाह की, कि हम क्या खायें अथवा क्या पीयें और न अपने शरीर की, कि हम क्या पहनें। क्या जीवन भोजन से बढ़ कर नहीं? और क्या शरीर कपड़े से बढ़ कर नहीं? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये मैं तुम से कहता हूँ कि अपने प्राण के लिये यह चिन्ता न करना कि हम क्या खाएँगे और क्या पीएँगे; और न अपने शरीर के लिये कि क्या पहिनेंगे। क्या प्राण भोजन से, और शरीर वस्त्र से बढ़कर नहीं? सरल हिन्दी बाइबल “यही कारण है कि मैं तुमसे कहता हूं कि अपने जीवन के विषय में चिंता न करो कि तुम क्या खाओगे और क्या पिओगे; और न ही शरीर के विषय में कि क्या पहनोगे. क्या जीवन आहार से और शरीर वस्त्रों से अधिक कीमती नहीं? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, कि अपने प्राण के लिये यह चिन्ता न करना कि हम क्या खाएँगे, और क्या पीएँगे, और न अपने शरीर के लिये कि क्या पहनेंगे, क्या प्राण भोजन से, और शरीर वस्त्र से बढ़कर नहीं? |
परंतु जब वे तुम्हें पकड़वाएँ, तो चिंता न करना कि कैसे और क्या कहेंगे; क्योंकि उसी समय तुम्हें बता दिया जाएगा कि क्या कहना है;
कँटीली झाड़ियों में बोया गया बीज वह है, जो वचन सुनता है परंतु संसार की चिंता और धन का धोखा उस वचन को दबा देता है, और वह बिना फल के ही रह जाता है।
अतः कल की चिंता न करो, क्योंकि कल अपनी चिंता आप करेगा; आज के लिए आज ही का दुःख बहुत है।
जब वे तुम्हें पकड़कर ले जाएँ, तो तुम पहले से चिंता मत करना कि क्या कहोगे, परंतु उस समय जो कुछ तुम्हें बताया जाए, वही कहना; क्योंकि बोलनेवाले तुम नहीं बल्कि पवित्र आत्मा है।
परंतु संसार की चिंताएँ, धन का धोखा और अन्य वस्तुओं की लालसाएँ आकर वचन को दबा देती हैं और वे बिना फल के ही रह जाते हैं।
“जब लोग तुम्हें आराधनालयों, शासकों और अधिकारियों के सामने ले जाएँ, तो तुम चिंता न करना कि अपने बचाव में कैसे और क्या उत्तर दोगे या क्या कहोगे;
कँटीली झाड़ियों में गिरनेवाले बीज वे हैं, जो सुनते तो हैं, परंतु आगे चलकर चिंताओं, धन और जीवन की लालसाओं से दब जाते हैं, और उनका फल नहीं पकता।
जिसने अपने पुत्र को भी न रख छोड़ा, बल्कि उसे हम सब के लिए दे दिया, तो वह उसके साथ हमें सब कुछ उदारता से क्यों न देगा?
मैं चाहता हूँ कि तुम चिंतामुक्त रहो। अविवाहित पुरुष प्रभु की बातों की चिंता करता है कि वह प्रभु को कैसे प्रसन्न रखे।
किसी भी बात की चिंता मत करो, बल्कि प्रत्येक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सामने प्रस्तुत किए जाएँ।
सैनिक के रूप में कार्य करनेवाला कोई भी व्यक्ति अपने आपको दैनिक जीवन के झंझटों में इसलिए नहीं फँसाता कि वह अपने भरती करनेवाले को प्रसन्न कर सके।