भजन संहिता 65:9 - नवीन हिंदी बाइबल तू भूमि की सुधि लेकर उसे सींचता है, तू उसे बहुत उपजाऊ बनाता है। परमेश्वर की नदी जल से भरी रहती है। तू पृथ्वी को तैयार करके मनुष्यों के लिए अन्न उपजाता है। पवित्र बाइबल पृथ्वी की सारी रखवाली तू करता है। तू ही इसे सींचता और तू ही इससे बहुत सारी वस्तुएं उपजाता है। हे परमेश्वर, नदियों को पानी से तू ही भरता है। तू ही फसलों की बढ़वार करता है। तू यह इस विधि से करता है। Hindi Holy Bible तू भूमि की सुधि लेकर उसको सींचता हैं, तू उसको बहुत फलदायक करता है; परमेश्वर की नहर जल से भरी रहती है; तू पृथ्वी को तैयार करके मनुष्यों के लिये अन्न को तैयार करता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तूने भूमि की सुधि ली और उसे सींचा है; तू उसे बहुत उपजाऊ बनाता है। तेरी नहर जल से भरी है; तू मनुष्यों के लिए अनाज तैयार करता है; क्योंकि इसी के लिए तूने उसे तैयार किया है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू भूमि की सुधि लेकर उसको सींचता है, तू उसको बहुत फलदायक करता है; परमेश्वर की नदी जल से भरी रहती है; तू पृथ्वी को तैयार करके मनुष्यों के लिये अन्न को तैयार करता है। सरल हिन्दी बाइबल आप भूमि का ध्यान रख उसकी सिंचाई का प्रबंध करते हैं; आप उसे अत्यंत उपजाऊ बनाते हैं; परमेश्वर के जल प्रवाह कभी नहीं सूखते. क्योंकि परमेश्वर, आपने यह निर्धारित किया है, कि मनुष्यों के आहार के लिए अन्न सदैव उपलब्ध रहे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तू भूमि की सुधि लेकर उसको सींचता है, तू उसको बहुत फलदायक करता है; परमेश्वर की नदी जल से भरी रहती है; तू पृथ्वी को तैयार करके मनुष्यों के लिये अन्न को तैयार करता है। |
एक नदी है जिसकी धाराएँ परमेश्वर के नगर को, अर्थात् परमप्रधान के पवित्र निवासस्थान को आनंदित करती हैं।
हे परमेश्वर, तू मेरा परमेश्वर है, मैं तुझे यत्न से ढूँढ़ूँगा; सूखी, उजाड़ और निर्जल भूमि पर मेरा प्राण तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है।
तो मैं तुम्हारे लिए उपयुक्त समय पर वर्षा भेजूँगा, और भूमि अपनी उपज उत्पन्न करेगी, तथा भूमि के वृक्ष अपना फल देंगे।
फिर भी उसने अपने आपको बिना साक्षी के नहीं छोड़ा बल्कि भलाई करता रहा, और आकाश से वर्षा तथा फलदायक ऋतुओं को दे देकर तुम्हारे मनों को भोजन और आनंद से तृप्त करता रहा।”
तब स्वर्गदूत ने मुझे बिल्लौर के समान चमकती हुई जीवन के जल की नदी दिखाई, जो परमेश्वर और मेमने के सिंहासन से निकलती थी।