निश्चय भलाई और करुणा जीवन भर मेरे साथ-साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के घर में सर्वदा वास करूँगा।
भजन संहिता 27:4 - नवीन हिंदी बाइबल मैंने यहोवा से एक वर माँगा है, मैं उसी के यत्न में लगा रहूँगा : कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में ही वास करूँ, जिससे यहोवा की मनोहरता को निहारता रहूँ और उसके मंदिर में उसका ध्यान करता रहूँ। पवित्र बाइबल मैं यहोवा से केवल एक वर माँगना चाहता हूँ, “मैं अपने जीवन भर यहोवा के मन्दिर में बैठा रहूँ, ताकि मैं यहोवा की सुन्दरता को देखूँ, और उसके मन्दिर में ध्यान करुँ।” Hindi Holy Bible एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैंने केवल एक वरदान प्रभु से मांगा है; मैं जीवन पर्यन्त प्रभु के घर में निवास करूँ, और प्रभु के सौन्दर्य को निहार सकूँ; उसके भवन में दर्शन करूँ। मैं इसी वरदान की खोज करूँगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) एक वर मैं ने यहोवा से माँगा है, उसी के यत्न में लगा रहूँगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊँ, जिससे यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूँ, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूँ। सरल हिन्दी बाइबल याहवेह से मैंने एक ही प्रार्थना की है, यही मेरी आकांक्षा है: मैं आजीवन याहवेह के आवास में निवास कर सकूं, कि याहवेह के सौंदर्य को देखता रहूं और उनके मंदिर में मनन करता रहूं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 एक वर मैंने यहोवा से माँगा है, उसी के यत्न में लगा रहूँगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊँ, जिससे यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूँ, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूँ। (भज. 6:8, भज. 23:6, फिलि. 3:13) |
निश्चय भलाई और करुणा जीवन भर मेरे साथ-साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के घर में सर्वदा वास करूँगा।
तूने कहा है, “मेरे दर्शन के खोजी हो।” तब मेरे मन ने तुझसे कहा, “हे यहोवा, मैं तेरे दर्शन का खोजी रहूँगा।”
क्या ही धन्य है वह जिसे तू चुनकर अपने निकट लाता है कि तेरे आँगनों में वास करे! हम तेरे भवन के, अर्थात् तेरे पवित्र मंदिर के उत्तम पदार्थों से तृप्त होंगे।
तेरे आँगनों में एक दिन बिताना कहीं और के हज़ार दिनों से उत्तम है। दुष्टों के डेरों में वास करने की अपेक्षा अपने परमेश्वर के भवन के द्वार पर खड़ा रहना मुझे अधिक प्रिय है।
क्या ही धन्य हैं वे जो तेरे भवन में वास करते हैं! वे निरंतर तेरी स्तुति करते रहते हैं। सेला।
हमारे परमेश्वर यहोवा की मनोहरता हम पर प्रकट हो। तू हमारे हाथों के कार्यों को हमारे लिए दृढ़ कर; हाँ, तू हमारे हाथों के कार्यों को दृढ़ कर।
इसलिए पहले परमेश्वर के राज्य और उसकी धार्मिकता की खोज करो, और ये सब वस्तुएँ तुम्हें मिल जाएँगी।
परंतु एक बात आवश्यक है; और मरियम ने उस उत्तम भाग को चुन लिया है जो उससे छीना नहीं जाएगा।”
“सकरे द्वारसे प्रवेश करने का प्रयत्न करो, क्योंकि मैं तुमसे कहता हूँ कि बहुत से लोग प्रवेश करना चाहेंगे पर न कर सकेंगे।
फिर यीशु ने उनसे इस विषय में कि सदा प्रार्थना करना और निराश न होना कितना आवश्यक है, एक दृष्टांत कहा :
और अब चौरासी वर्ष की विधवा थी। वह मंदिर को नहीं छोड़ती थी बल्कि दिन-रात उपवास और प्रार्थना के साथ सेवा करती रहती थी।
हम सब उघाड़े मुँह से प्रभु का तेज मानो दर्पण में देखते हुए प्रभु अर्थात् आत्मा के द्वारा उसी तेजस्वी रूप में अंश-अंश करके बदलते जाते हैं।
इसलिए कि परमेश्वर जिसने कहा, “अंधकार में से ज्योति चमके,” वह स्वयं हमारे हृदयों में चमका कि हमें परमेश्वर की महिमा के ज्ञान का प्रकाश प्रदान करे जो यीशु मसीह के चेहरे में है।
हे भाइयो, मैं यह नहीं समझता कि मैं प्राप्त कर चुका हूँ; परंतु एक कार्य करता हूँ, जो बातें पीछे रह गई हैं, उन्हें भूलकर आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ,
जो वास्तव में विधवा है और अकेली है, वह परमेश्वर पर ही आशा रखती है, तथा रात और दिन प्रार्थना और विनती में लगी रहती है;
विश्वास के बिना उसे प्रसन्न करना असंभव है, क्योंकि जो कोई परमेश्वर के पास आता है उसके लिए यह विश्वास करना आवश्यक है कि परमेश्वर है; और जो उसे खोजते हैं उनको वह प्रतिफल देता है।