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भजन संहिता 27:4 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

4 एक वर मैं ने यहोवा से माँगा है, उसी के यत्न में लगा रहूँगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊँ, जिससे यहोवा की मनोहरता पर दृष्‍टि लगाए रहूँ, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूँ।

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पवित्र बाइबल

4 मैं यहोवा से केवल एक वर माँगना चाहता हूँ, “मैं अपने जीवन भर यहोवा के मन्दिर में बैठा रहूँ, ताकि मैं यहोवा की सुन्दरता को देखूँ, और उसके मन्दिर में ध्यान करुँ।”

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Hindi Holy Bible

4 एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

4 मैंने केवल एक वरदान प्रभु से मांगा है; मैं जीवन पर्यन्‍त प्रभु के घर में निवास करूँ, और प्रभु के सौन्‍दर्य को निहार सकूँ; उसके भवन में दर्शन करूँ। मैं इसी वरदान की खोज करूँगा।

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नवीन हिंदी बाइबल

4 मैंने यहोवा से एक वर माँगा है, मैं उसी के यत्‍न में लगा रहूँगा : कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में ही वास करूँ, जिससे यहोवा की मनोहरता को निहारता रहूँ और उसके मंदिर में उसका ध्यान करता रहूँ।

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सरल हिन्दी बाइबल

4 याहवेह से मैंने एक ही प्रार्थना की है, यही मेरी आकांक्षा है: मैं आजीवन याहवेह के आवास में निवास कर सकूं, कि याहवेह के सौंदर्य को देखता रहूं और उनके मंदिर में मनन करता रहूं.

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भजन संहिता 27:4
30 क्रॉस रेफरेंस  

हे यहोवा, मैं तेरे धाम से तेरी महिमा के निवास–स्थान से प्रीति रखता हूँ।


निश्‍चय भलाई और करुणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूँगा।


क्या ही धन्य है वह; जिसको तू चुनकर अपने समीप आने देता है, कि वह तेरे आँगनों में वास करे! हम तेरे भवन के, अर्थात् तेरे पवित्र मन्दिर के उत्तम उत्तम पदार्थों से तृप्‍त होंगे।


क्या ही धन्य हैं वे, जो तेरे भवन में रहते हैं; वे तेरी स्तुति निरन्तर करते रहेंगे। (सेला)


क्योंकि तेरे आँगनों में का एक दिन और कहीं के हज़ार दिन से उत्तम है। दुष्‍टों के डेरों में वास करने से अपने परमेश्‍वर के भवन की डेवढ़ी पर खड़ा रहना ही मुझे अधिक भावता है।


परन्तु एक बात अवश्य है, और उस उत्तम भाग को मरियम ने चुन लिया है जो उससे छीना न जाएगा।”


तू ने कहा है, “मेरे दर्शन के खोजी हो।” इसलिये मेरा मन तुझ से कहता है, “हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूँगा।”


इसलिये पहले तुम परमेश्‍वर के राज्य और उसके धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएँ भी तुम्हें मिल जाएँगी।


तुम मुझे ढूँढ़ोगे और पाओगे भी; क्योंकि तुम अपने सम्पूर्ण मन से मेरे पास आओगे।


हे भाइयो, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूँ; परन्तु केवल यह एक काम करता हूँ कि जो बातें पीछे रह गई हैं उनको भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ,


और विश्‍वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है; क्योंकि परमेश्‍वर के पास आनेवाले को विश्‍वास करना चाहिए कि वह है, और अपने खोजनेवालों को प्रतिफल देता है।


हमारे परमेश्‍वर यहोवा की मनोहरता हम पर प्रगट हो, तू हमारे हाथों का काम हमारे लिये दृढ़ कर, हमारे हाथों के काम को दृढ़ कर।


परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्वी रूप में अंश अंश करके बदलते जाते हैं।


वह चौरासी वर्ष से विधवा थी : और मन्दिर को नहीं छोड़ती थी, पर उपवास और प्रार्थना कर करके रात–दिन उपासना किया करती थी।


तब मैं अपना मुख प्रभु परमेश्‍वर की ओर करके गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना करने लगा, और उपवास कर, टाट पहिन, राख में बैठकर वरदान माँगने लगा।


सिय्योन से, जो परम सुन्दर है, परमेश्‍वर ने अपना तेज दिखाया है।


फिर उसने इसके विषय में कि नित्य प्रार्थना करना और हियाव न छोड़ना चाहिए, उनसे यह दृष्‍टान्त कहा :


इसलिये कि परमेश्‍वर ही है, जिसने कहा, “अन्धकार में से ज्योति चमके,” और वही हमारे हृदयों में चमका कि परमेश्‍वर की महिमा की पहिचान की ज्योति यीशु मसीह के चेहरे से प्रकाशमान हो।


“सकेत द्वार से प्रवेश करने का यत्न करो, क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ कि बहुत से प्रवेश करना चाहेंगे, और न कर सकेंगे।


जो सचमुच विधवा है, और उसका कोई नहीं, वह परमेश्‍वर पर आशा रखती है, और रात दिन विनती और प्रार्थना में लौलीन रहती है;


हे सिय्योन बहुत ही मगन हो! हे यरूशलेम, जयजयकार कर! क्योंकि तेरा राजा तेरे पास आएगा; वह धर्मी और उद्धार पाया हुआ है, वह दीन है, और गदहे पर वरन् गदही के बच्‍चे पर चढ़ा हुआ आएगा।


मैं अपने हाथों को निर्दोषता के जल से धोऊँगा, तब हे यहोवा मैं तेरी वेदी की प्रदक्षिणा करूँगा।


दाऊद के दिनों में लगातार तीन वर्ष तक अकाल पड़ा; तो दाऊद ने यहोवा से प्रार्थना की। यहोवा ने कहा, “यह शाऊल और उसके खूनी घराने के कारण हुआ, क्योंकि उसने गिबोनियों को मरवा डाला था।”


और उसने यह मन्नत मानी, “हे सेनाओं के यहोवा, यदि तू अपनी दासी के दु:ख पर सचमुच दृष्‍टि करे, और मेरी सुधि ले, और अपनी दासी को भूल न जाए, और अपनी दासी को पुत्र दे, तो मैं उसे उसके जीवन भर के लिये यहोवा को अर्पण करूँगी, और उसके सिर पर छुरा फिरने न पाएगा।”


और दाऊद ने यहोवा से पूछा, “क्या मैं इस दल का पीछा करूँ? क्या उसको जा पकड़ूँगा?” उसने उससे कहा, “पीछा कर; क्योंकि तू निश्‍चय उसको पकड़ेगा, और नि:सन्देह सब कुछ छुड़ा लाएगा।”


और उसने उसके लिये यहोवा से पूछा, और उसे भोजन वस्तु दी, और पलिश्ती गोलियत की तलवार भी दी।”


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