हे मेरे मन, तू निराश क्यों है? तू भीतर ही भीतर व्याकुल क्यों है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह; मैं तो उसकी स्तुति करूँगा जो मेरा उद्धारकर्ता और मेरा परमेश्वर है।
भजन संहिता 131:2 - नवीन हिंदी बाइबल निश्चय ही मैंने अपने मन को दूध छुड़ाए हुए उस बच्चे के समान शांत और स्थिर किया है जो अपनी माँ की गोद में रहता है। हाँ, मेरा मन मेरे भीतर दूध छुड़ाए बच्चे के समान रहता है। पवित्र बाइबल मैं निश्चल हूँ, मेरी आत्मा शांत है। मेरी आत्मा शांत और अचल है, जैसे कोई शिशु अपनी माता की गोद में तृप्त होता है। Hindi Holy Bible निश्चय मैं ने अपने मन को शान्त और चुप कर दिया है, जैसे दूध छुड़ाया हुआ लड़का अपनी मां की गोद में रहता है, वैसे ही दूध छुड़ाए हुए लड़के के समान मेरा मन भी रहता है॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु मैंने अपनी अभिलाषाओं को स्थिर और शान्त किया है; मां की गोद में दूध पीकर शान्त लेटे हुए शिशु के सदृश, शान्त शिशु के सदृश मेरा प्राण मुझमें शान्त है! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) निश्चय मैं ने अपने मन को शान्त और चुप कर दिया है, जैसा दूध छुड़ाया हुआ लड़का अपनी माँ की गोद में रहता है, वैसे ही दूध छुड़ाए हुए लड़के के समान मेरा मन भी रहता है। सरल हिन्दी बाइबल मैंने अपने प्राणों को शांत और चुप कर लिया है, जैसे माता की गोद में तृप्त शिशु; मेरा प्राण अब ऐसे ही शिशु-समान शांत है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 निश्चय मैंने अपने मन को शान्त और चुप कर दिया है, जैसे दूध छुड़ाया हुआ बच्चा अपनी माँ की गोद में रहता है, वैसे ही दूध छुड़ाए हुए बच्चे के समान मेरा मन भी रहता है। |
हे मेरे मन, तू निराश क्यों है? तू भीतर ही भीतर व्याकुल क्यों है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह; मैं तो उसकी स्तुति करूँगा जो मेरा उद्धारकर्ता और मेरा परमेश्वर है।
हे मेरे मन, तू निराश क्यों है? तू भीतर ही भीतर व्याकुल क्यों है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह; मैं तो उसकी स्तुति करूँगा जो मेरा उद्धारकर्ता और मेरा परमेश्वर है।
हे मेरे मन, तू निराश क्यों है? तू भीतर ही भीतर व्याकुल क्यों है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह; मैं तो उसकी स्तुति करूँगा जो मेरा उद्धारकर्ता और मेरा परमेश्वर है।
मैं तुमसे सच कहता हूँ, जो कोई परमेश्वर के राज्य को एक बच्चे के समान स्वीकार नहीं करता, वह उसमें कभी प्रवेश नहीं करेगा।”
हे भाइयो, अपनी समझ में बच्चे न रहो; बुराई में तो शिशु बने रहो परंतु समझ में परिपक्व हो जाओ।