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फिलिप्पियों 4:8 - नवीन हिंदी बाइबल

अंततः हे भाइयो, जो बातें सच्‍ची हैं, जो आदरणीय हैं, जो न्यायसंगत हैं, जो पवित्र हैं, जो सुहावनी हैं, जो सराहनीय हैं, यदि कोई सद्गुण या प्रशंसायोग्य बातें हैं, तो उन पर ध्यान लगाया करो।

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पवित्र बाइबल

हे भाईयों, उन बातों का ध्यान करो जो सत्य हैं, जो भव्य है, जो उचित है, जो पवित्र है, जो आनन्द दायी है, जो सराहने योग्य है या कोई भी अन्य गुण या कोई प्रशंसा

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Hindi Holy Bible

निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्हीं पर ध्यान लगाया करो।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

भाइयो और बहिनो! अन्‍त में यह : जो कुछ सच है, आदरणीय है; जो कुछ न्‍यायसंगत है, निर्दोष है; जो कुछ प्रीतिकर है, मनोहर है, जो कुछ भी उत्तम है, प्रशंसनीय है : ऐसी बातों का मनन किया करें।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

इसलिये हे भाइयो, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, अर्थात् जो भी सद्गुण और प्रशंसा की बातें हैं उन पर ध्यान लगाया करो।

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सरल हिन्दी बाइबल

अंत में प्रिय भाई बहनो, जो सच है, जो निर्दोष है, जो धर्मी है, जो निर्मल है, जो सुंदर है, जो प्रशंसनीय है अर्थात् जो उत्तम और सराहनीय गुण हैं, उन्हीं पर तुम्हारा मन लगा रहे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

इसलिए, हे भाइयों, जो-जो बातें सत्य हैं, और जो-जो बातें आदरणीय हैं, और जो-जो बातें उचित हैं, और जो-जो बातें पवित्र हैं, और जो-जो बातें सुहावनी हैं, और जो-जो बातें मनभावनी हैं, अर्थात्, जो भी सद्गुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्हीं पर ध्यान लगाया करो।

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फिलिप्पियों 4:8
67 क्रॉस रेफरेंस  

क्योंकि मैं उसे जानता हूँ कि वह अपने बच्‍चों और घराने को जो उसके पीछे रह जाएँगे, आज्ञा देगा कि वे यहोवा के मार्ग पर दृढ़ बने रहें, तथा धार्मिकता और न्याय के कार्य करते रहें; ताकि जो प्रतिज्ञा यहोवा ने अब्राहम से की है वह उसे पूरा करे।”


“तुम कब तक अनुचित रीति से न्याय करते और दुष्‍टों का पक्ष लेते रहोगे? सेला।


यहोवा को खोटे तराजू से घृणा है, परंतु वह सही नाप-तौल से प्रसन्‍न‍ होता है।


गुणी पत्‍नी अपने पति का मुकुट है, परंतु निर्लज्‍ज पत्‍नी उसकी हड्डियों की सड़ाहट के समान है।


सच्‍चा तराजू और पलड़े यहोवा ही के हैं; थैली के सब बाट उसी के बनाए हुए हैं।


धर्मी जन खराई से चलता है; और उसके साथ उसकी संतान भी धन्य होती है।


गुणी पत्‍नी कौन पा सकता है? उसका मूल्य तो रत्‍नों से भी बहुत अधिक है।


“बहुत सी स्‍त्रियाँ भले कार्य करती हैं, पर तू उन सब से श्रेष्‍‍ठ है।”


उसके परिश्रम का फल उसे दो, और सब स्थानों में उसके कार्यों से उसकी प्रशंसा हो।


फिर उन्होंने अपने शिष्यों को हेरोदियों के साथ उसके पास यह कहने को भेजा, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू सच्‍चा है और परमेश्‍वर का मार्ग सच्‍चाई से सिखाता है, और तू किसी की भी परवाह नहीं करता, क्योंकि तू किसी का पक्षपात नहीं करता।


क्योंकि हेरोदेस यूहन्‍ना को एक धर्मी और पवित्र व्यक्‍ति जानकर उससे डरता और उसकी रक्षा करता था। वह उसकी बातें सुनकर बहुत घबराता था फिर भी आनंद से उसकी सुनता था।


तब यीशु ने उनसे कहा :“तुम अपने आपको मनुष्यों के सामने धर्मी ठहराते हो, परंतु परमेश्‍वर तुम्हारे मनों को जानता है; क्योंकि जो मनुष्यों में सम्मानित है वह परमेश्‍वर की दृष्‍टि में घृणित है।


और देखो, यरूशलेम में शिमोन नामक एक मनुष्य था। वह धर्मी और भक्‍त मनुष्य था और इस्राएल की शांति की प्रतीक्षा कर रहा था, तथा पवित्र आत्मा उस पर था;


और देखो, यूसुफ नामक महासभा का एक सदस्य था जो भला और धर्मी मनुष्य था


जो अपनी ओर से बोलता है वह अपनी प्रशंसा चाहता है, परंतु जो अपने भेजनेवाले की प्रशंसा चाहता है वह सच्‍चा है, और उसमें कोई अधर्म नहीं।


उन्होंने कहा, “शतपति कुरनेलियुस, जो एक धर्मी और परमेश्‍वर का भय माननेवाला और सारी यहूदी जाति में सुनाम व्यक्‍ति है, उसे एक पवित्र स्वर्गदूत के द्वारा यह निर्देश मिला है कि तुझे अपने घर बुलाकर तुझसे वचन सुने।”


तब हनन्याह नामक एक मनुष्य, जो व्यवस्था के अनुसार भक्‍त था और वहाँ रहनेवाले सब यहूदियों में सुनाम था,


इसलिए, हे भाइयो, अपने में से सात सुनाम पुरुषों को चुन लो जो पवित्र आत्मा और बुद्धि से परिपूर्ण हों, कि उन्हें हम इस कार्य के लिए नियुक्‍त करें।


जैसे दिन को शोभा देता है हम वैसी ही चाल चलें, न कि रंगरेलियों और मतवालेपन में, न अनैतिक यौनाचार और कामुकता में, और न ही झगड़े और ईर्ष्या में;


शासक अच्छे कार्य के लिए नहीं परंतु बुरे कार्य के लिए भय का कारण होते हैं। यदि तू अधिकारी से निर्भय रहना चाहता है तो वही कर जो अच्छा है, और उसकी ओर से तेरी प्रशंसा होगी;


जो इस प्रकार मसीह की सेवा करता है वह परमेश्‍वर को भावता है और मनुष्यों को ग्रहणयोग्य होता है।


परंतु यहूदी वही है जो मन से यहूदी है, और ख़तना वही है जो आत्मा के द्वारा हृदय का है न कि लेख का। ऐसे व्यक्‍ति की प्रशंसा मनुष्यों की ओर से नहीं बल्कि परमेश्‍वर की ओर से होती है।


इसलिए समय से पहले अर्थात् जब तक प्रभु न आ जाए, किसी बात का न्याय मत करो। वही अंधकार में छिपी बातों को प्रकाशित करेगा और मनों के उद्देश्यों को प्रकट करेगा। तब परमेश्‍वर की ओर से प्रत्येक की प्रशंसा होगी।


अब हम परमेश्‍वर से प्रार्थना करते हैं कि तुम कोई बुराई न करो; इसलिए नहीं कि हम खरे दिखाई दें बल्कि इसलिए कि तुम वही करो जो अच्छा है, भले ही हम निकम्मे क्यों न ठहरें।


आदर और निरादर में, बदनामी और सम्मान में अपने आपको प्रस्तुत करते हैं। हम भरमानेवाले समझे जाते हैं फिर भी सच्‍चे हैं,


हम उसके साथ उस भाई को भेज रहे हैं जिसकी प्रशंसा सुसमाचार प्रचार के संबंध में सब कलीसियाओं में की जाती है,


क्योंकि हम उन बातों पर ध्यान देते हैं जो केवल प्रभु की दृष्‍टि में ही नहीं बल्कि मनुष्यों की दृष्‍टि में भी भली हैं।


परंतु आत्मा का फल प्रेम, आनंद, शांति, धैर्य, कृपा, भलाई, विश्‍वासयोग्यता,


इसलिए झूठ को छोड़कर प्रत्येक अपने पड़ोसी से सच बोले क्योंकि हम आपस में एक ही देह के अंग हैं।


—ज्योति का फल हर प्रकार की भलाई और धार्मिकता और सत्य है—


अतः सत्य से अपनी कमर कसकर, और धार्मिकता का कवच पहनकर,


अंततः हे मेरे भाइयो, प्रभु में आनंदित रहो। वही बातें तुम्हें बार-बार लिखने में मुझे कोई कष्‍ट नहीं, क्योंकि इसमें तुम्हारी सुरक्षा है।


अवसर का सदुपयोग करते हुए बाहरवालों के साथ बुद्धिमानी से व्यवहार करो।


ताकि बाहरवालों के सामने तुम्हारा चाल-चलन उचित हो, और तुम्हें किसी वस्तु की घटी न हो।


तथा राजाओं और सब अधिकारियों के लिए भी, ताकि हम पूर्ण भक्‍ति और सम्मान के साथ अमन और शांति का जीवन व्यतीत करें।


इसी प्रकार उनकी पत्‍नियाँ भी सम्माननीय हों; दोष लगानेवाली नहीं बल्कि संयमी और सब बातों में विश्‍वासयोग्य हों।


वह अपने घर को अच्छी तरह से संभालता हो, और पूरे सम्मान के साथ बच्‍चों को अनुशासन में रखता हो।


कोई तेरी जवानी को तुच्छ न समझे, बल्कि तू वचन, आचरण, प्रेम, विश्‍वास और पवित्रता में विश्‍वासियों के लिए आदर्श बन।


वह अच्छे कार्यों के लिए जानी जाती हो, अर्थात् जिसने बच्‍चों का पालन-पोषण किया हो, अतिथि सेवा की हो, पवित्र लोगों के पैर धोए हों, दुखियों की सहायता की हो, और जो हर भले कार्य में लगी रही हो।


वृद्ध स्‍त्रियों को माँ जानकर, और जवान स्‍त्रियों को पूरी पवित्रता के साथ बहन जानकर समझा।


बल्कि अतिथि-सत्कार करनेवाला, भलाई का चाहनेवाला, समझदार, न्यायप्रिय, पवित्र और संयमी हो,


जिसने अपने आपको हमारे लिए दे दिया ताकि हर प्रकार के अधर्म से हमें छुड़ा ले, और शुद्ध करके अपने लिए एक ऐसी निज प्रजा बना ले जो भले कार्यों को करने में उत्साही हो।


वृद्ध पुरुष संयमी, सम्माननीय, और समझदार हों, तथा वे विश्‍वास, प्रेम और धैर्य में अटल हों।


तू स्वयं सब बातों में भले कार्यों का आदर्श बन। तेरी शिक्षा में शुद्धता और गंभीरता हो,


हमारे लोग भी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भले कार्य करना सीखें ताकि वे निष्फल न रहें।


इसी के द्वारा पूर्वजों को अच्छी गवाही प्राप्‍त हुई।


हमारे लिए प्रार्थना करते रहो, क्योंकि हमें निश्‍चय है कि हमारा विवेक शुद्ध है, और हम सब बातों में अच्छी चाल चलना चाहते हैं।


हमारे परमेश्‍वर और पिता की दृष्‍टि में शुद्ध और निर्मल भक्‍ति यह है कि अनाथों और विधवाओं के दुःख में उनकी सुधि लें, और अपने आपको इस संसार से निष्कलंक रखें।


परंतु जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहले पवित्र है, फिर शांतिप्रिय, विनम्र, विचारशील, दया और अच्छे फलों से भरा हुआ, पक्षपात-रहित और निष्कपट है;


जब तुमने भाईचारे के निष्कपट प्रेम के लिए अपने मनों को सत्य का पालन करके शुद्ध किया है, तो उत्साहपूर्वक शुद्ध मन से आपस में प्रेम रखो।


अन्य लोगों के बीच तुम्हारा आचरण भला रहे, ताकि वे जिस विषय में तुम्हें कुकर्मी कहकर तुम्हारी निंदा करते हैं, वे कृपादृष्‍टि के दिन तुम्हारे भले कार्यों को देखकर परमेश्‍वर की महिमा करें।


सब से बढ़कर, एक दूसरे के प्रति गहरा प्रेम रखो, क्योंकि प्रेम बहुत से पापों को ढाँप देता है।


हे प्रियो, मैं तुम्हें यह दूसरा पत्र लिख रहा हूँ। इन दोनों पत्रों में मैंने यह स्मरण दिलाकर तुम्हारे सच्‍चे मन को उभारा है,


बच्‍चो, हम अपने शब्द या जीभ से ही नहीं, बल्कि कार्य और सच्‍चाई के द्वारा भी प्रेम रखें।


प्रत्येक जो उस पर यह आशा रखता है, अपने आपको वैसा ही पवित्र करता है, जैसा वह पवित्र है।


हे प्रियो, हर एक आत्मा पर विश्‍वास न करो, बल्कि आत्माओं को परखो कि वे परमेश्‍वर की ओर से हैं या नहीं, क्योंकि बहुत से झूठे भविष्यवक्‍ता जगत में निकल पड़े हैं।