प्रेरितों के काम 5:5 - नवीन हिंदी बाइबल इन शब्दों को सुनते ही हनन्याह गिर पड़ा और दम तोड़ दिया; और सब सुननेवालों पर बड़ा भय छा गया। पवित्र बाइबल हनन्याह ने जब ये शब्द सुने तो वह पछाड़ खाकर गिर पड़ा और दम तोड़ दिया। जिस किसी ने भी इस विषय में सुना, सब पर गहरा भय छा गया। फिर जवान लोगों ने उठ कर उसे कफ़न में लपेटा और बाहर ले जाकर गाड़ दिया। Hindi Holy Bible ये बातें सुनते ही हनन्याह गिर पड़ा, और प्राण छोड़ दिए; और सब सुनने वालों पर बड़ा भय छा गया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हनन्याह ये बातें सुन कर गिर पड़ा और उसके प्राण निकल गये। सब सुनने वालों पर बड़ा भय छा गया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ये बातें सुनते ही हनन्याह गिर पड़ा और प्राण छोड़ दिए, और सब सुननेवालों पर बड़ा भय छा गया। सरल हिन्दी बाइबल यह शब्द सुनते ही हननयाह भूमि पर गिर पड़ा और उसकी मृत्यु हो गई. जितनों ने भी इस घटना के विषय में सुना उन सब पर आतंक छा गया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ये बातें सुनते ही हनन्याह गिर पड़ा, और प्राण छोड़ दिए; और सब सुननेवालों पर बड़ा भय छा गया। |
तब सब लोग डर जाएँगे और परमेश्वर के कार्य का वर्णन करेंगे, और जो कुछ उसने किया है उस पर ध्यान देंगे।
तब मूसा ने हारून से कहा, “यहोवा ने यही बात कही थी कि जो मेरे निकट आए वह मुझे पवित्र जाने, और सब लोगों के सामने मेरी महिमा हो।” इस पर हारून चुप रहा।
अब देख प्रभु का हाथ तेरे विरुद्ध है, और तू अंधा हो जाएगा तथा कुछ समय तक सूर्य को न देखेगा।” तब तुरंत उस पर धुँधलापन और अंधकार छा गया, और वह इधर-उधर टटोलने लगा कि कोई हाथ पकड़कर उसे ले चले।
प्रत्येक के मन में भय छाया रहता था, और प्रेरितों के द्वारा बहुत से अद्भुत कार्य और चिह्न होते थे।
यद्यपि औरों में से किसी को उनमें सम्मिलित होने का साहस नहीं होता था, फिर भी लोग उनकी बड़ाई करते थे;
तुम क्या चाहते हो? क्या मैं छड़ी लेकर तुम्हारे पास आऊँ, या प्रेम और नम्रता की आत्मा के साथ?
इस कारण अनुपस्थित होते हुए भी मैं ये बातें लिख रहा हूँ, ताकि जब मैं तुम्हारे पास आऊँ तो मुझे उस अधिकार का प्रयोग कठोरता से न करना पड़े जिसे प्रभु ने मुझे तुम्हारे विनाश के लिए नहीं बल्कि उन्नति के लिए दिया है।
जब मैं दूसरी बार तुम्हारे मध्य था तो मैंने तुमसे कहा था, और अब जबकि मैं अनुपस्थित हूँ तो उनसे जिन्होंने पहले पाप किया था और बाकी सब लोगों से भी कह देता हूँ कि यदि मैं फिर से आऊँ तो किसी को न छोड़ूँगा।
अतः देखो, यह दुःख जो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार हुआ उससे तुममें कितना उत्साह, अपने को निर्दोष सिद्ध करने की कितनी अभिलाषा, कितना रोष, कितना भय, कितनी लालसा, कितनी धुन और न्याय चुकाने की कितनी इच्छा उत्पन्न हुई है। तुमने हर बात में अपने आपको निर्दोष प्रस्तुत किया है।
उसी समय एक बड़ा भूकंप हुआ, और नगर का दसवाँ भाग गिर पड़ा। उस भूकंप में सात हज़ार लोग मारे गए, और बाकी लोगों ने भयभीत होकर स्वर्ग के परमेश्वर की महिमा की।
यदि कोई उन्हें हानि पहुँचाना चाहता है तो उनके मुँह से आग निकलती है और उनके शत्रुओं को भस्म कर देती है। अतः यदि कोई उन्हें हानि पहुँचाना चाहे तो उसका इसी प्रकार से मारा जाना अवश्य है।