जब अब्राम निन्यानवे वर्ष का हुआ, तो यहोवा ने उसे दर्शन देकर कहा, “मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर हूँ। तू मेरे सम्मुख चल और सिद्ध होता जा।
प्रकाशितवाक्य 4:8 - नवीन हिंदी बाइबल चारों प्राणियों के छः-छः पंख थे, और उनके चारों ओर तथा भीतर आँखें ही आँखें थीं; और वे दिन और रात बिना विश्राम किए यह कहते रहते हैं : पवित्र, पवित्र, पवित्र, सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, जो था, जो है और जो आने वाला है। पवित्र बाइबल इन चारों ही प्राणियों के छह छह पंख थे। उनके चारों ओर तथा भीतर आँखें ही आँखें भरी पड़ीं थीं। दिन रात वे निरन्तर कहते रहते थे: “सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर पवित्र है, पवित्र है, पवित्र है, जो था, जो है और जो आनेवाला है।” Hindi Holy Bible और चारों प्राणियों के छ: छ: पंख हैं, और चारों ओर, और भीतर आंखे ही आंखे हैं; और वे रात दिन बिना विश्राम लिए यह कहते रहते हैं, कि पवित्र, पवित्र, पवित्र प्रभु परमेश्वर, सर्वशक्तिमान, जो था, और जो है, और जो आने वाला है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) चारों प्राणियों के छह-छह पंख हैं; वे भीतर-बाहर आँखों से भरे हुए हैं और रात-दिन निरन्तर यह कहते रहते हैं। “पवित्र, पवित्र, पवित्र सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर! जो था, जो है और जो आनेवाला है।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) चारों प्राणियों के छ: छ: पंख हैं, और चारों ओर और भीतर आँखें ही आँखें हैं; और वे रात दिन बिना विश्राम लिये यह कहते रहते हैं, “पवित्र, पवित्र, पवित्र प्रभु परमेश्वर, सर्वशक्तिमान, जो था और जो है और जो आनेवाला है।” सरल हिन्दी बाइबल इन चारों प्राणियों में प्रत्येक के छः-छः पंख थे. उनके अंदर की ओर तथा बाहर की ओर आंखें ही आंखें थी. दिन-रात उनकी बिना रुके स्तुति-प्रशंसा यह थी: “पवित्र, पवित्र, पवित्र, प्रभु सर्वशक्तिमान परमेश्वर! जो थे, जो हैं और जो आनेवाले हैं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और चारों प्राणियों के छः छः पंख हैं, और चारों ओर, और भीतर आँखें ही आँखें हैं; और वे रात-दिन बिना विश्राम लिए यह कहते रहते हैं, (यशा. 6:2,3) “पवित्र, पवित्र, पवित्र प्रभु परमेश्वर, सर्वशक्तिमान, जो था, और जो है, और जो आनेवाला है।” |
जब अब्राम निन्यानवे वर्ष का हुआ, तो यहोवा ने उसे दर्शन देकर कहा, “मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर हूँ। तू मेरे सम्मुख चल और सिद्ध होता जा।
हे यहोवा, देवताओं में तेरे तुल्य कौन है? तेरे जैसा पवित्रता में महाप्रतापी, स्तुति में भययोग्य, और अद्भुत कार्य करनेवाला कौन है?
परमेश्वर ने मूसा से कहा, “मैं जो हूँ सो हूँ।” फिर उसने कहा, “तू इस्राएलियों से यह कहना किमैं हूँ ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।”
इसलिए जागृत रहो, और स्मरण करो कि मैंने तीन वर्ष तक रात और दिन आँसू बहाते हुए हर एक को चेतावनी देना नहीं छोड़ा।
और मैं तुम्हारा पिता होऊँगा, और तुम मेरे पुत्र और पुत्रियाँ होगे। सर्वशक्तिमान प्रभु यह कहता है।
हे भाइयो, तुम्हें हमारे परिश्रम और कष्टों का तो स्मरण होगा कि हमने रात और दिन काम करते हुए तुम्हारे बीच परमेश्वर का सुसमाचार प्रचार किया ताकि हम तुममें से किसी पर बोझ न बनें।
तू अपने और अपनी शिक्षा के प्रति सजग रह। उन्हीं बातों पर स्थिर रह, क्योंकि ऐसा करने से तू अपने और अपने सुननेवालों के उद्धार का कारण होगा।
वचन का प्रचार कर, समय-असमय तैयार रह, बड़े धैर्य से शिक्षा देते हुए समझा, डाँट और प्रोत्साहित कर।
यूहन्ना द्वारा आसिया की सातों कलीसियाओं के नाम : तुम्हें उसकी ओर से अनुग्रह और शांति मिले, जो है, जो था और जो आने वाला है; तथा सातों आत्माओं की ओर से जो उसके सिंहासन के सामने हैं;
प्रभु परमेश्वर, जो है, जो था, जो आने वाला है, और जो सर्वशक्तिमान है, यह कहता है,“मैं ही अल्फ़ा और ओमेगाहूँ।”
हे सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर! जो है और जो था, हम तेरा धन्यवाद करते हैं, क्योंकि तूने अपने बड़े सामर्थ्य के द्वारा राज्य किया है।
उनकी पीड़ा का धुआँ युगानुयुग उठता रहेगा, और जो उस पशु की और उसकी मूर्ति की पूजा करते हैं और उसके नाम की छाप लगवाते हैं, उन्हें दिन और रात विश्राम न मिलेगा।”
वे सिंहासन, चारों प्राणियों और प्रवरों के सामने एक नया गीत गा रहे थे; परंतु उस गीत को उन एक लाख चौवालीस हज़ार लोगों को छोड़, जो पृथ्वी पर से छुड़ा लिए गए थे, कोई और नहीं सीख सकता था।
वे परमेश्वर के दास मूसा का गीत और मेमने का गीत गा रहे थे : “हे सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर! तेरे कार्य महान और अद्भुत हैं। हे जाति-जाति के राजा! तेरे मार्ग न्यायसंगत और सच्चे हैं।
तब उन चारों प्राणियों में से एक ने उन सातों स्वर्गदूतों को युगानुयुग जीवित परमेश्वर के प्रकोप से भरे सोने के सात कटोरे दिए।
ये चिह्न दिखानेवाली वे दुष्टात्माएँ हैं, जो समस्त संसार के राजाओं के पास जाकर उन्हें सर्वशक्तिमान परमेश्वर के महान दिन के युद्ध के लिए इकट्ठा करती हैं।
फिर मैंने वेदी में से किसी को यह कहते हुए सुना : हाँ, हे सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर! तेरे निर्णय सच्चे और न्यायसंगत हैं।
उसके मुँह से एक तेज़ धारवाली तलवार निकल रही थी, कि वह उससे जाति-जाति पर प्रहार करे। वह लोहे के राजदंड से उन पर शासन करेगा, और वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर के भयंकर प्रकोप की मदिरा के रसकुंड में दाख रौंदेगा;
तब चौबीसों प्रवरों और चारों प्राणियों ने परमेश्वर को, जो सिंहासन पर विराजमान था, गिरकर दंडवत् किया और कहा: आमीन! हाल्लेलूय्याह!
मैंने उसमें कोई मंदिर नहीं देखा, क्योंकि सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर और मेमना ही उसका मंदिर है।
“फिलादेलफिया की कलीसिया के दूत को यह लिख : “जो पवित्र और सच्चा है, जिसके पास दाऊद की कुंजी है, जिसके खोले हुए को कोई बंद नहीं कर सकता और बंद किए हुए को कोई खोल नहीं सकता, वह यह कहता है :
उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन थे, और उन सिंहासनों पर चौबीस प्रवर श्वेत वस्त्र पहने हुए बैठे थे, और उनके सिरों पर सोने के मुकुट थे।
सिंहासन के सामने बिल्लौर के समान काँच जैसा समुद्र था, और सिंहासन के मध्य और सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी थे जिनके आगे और पीछे आँखें ही आँखें थीं।
जब-जब वे प्राणी उसे जो सिंहासन पर विराजमान और युगानुयुग जीवित है, महिमा, आदर और धन्यवाद देते,
तब मैंने सिंहासन और उन चार प्राणियों तथा प्रवरों के मध्य, मानो एक वध किया हुआ मेमना खड़ा देखा। उसके सात सींग और सात आँखें थीं, ये परमेश्वर की सात आत्माएँ हैं, जो संपूर्ण पृथ्वी पर भेजी गई थीं।
तब मैंने देखा कि मेमने ने सात मुहरों में से एक को खोला; और मैंने उन चार प्राणियों में से एक को गर्जन जैसी आवाज़ में यह कहते हुए सुना, “आ।”
फिर मैंने चारों प्राणियों के बीच में से मानो एक आवाज़ को यह कहते हुए सुना, “एक दीनार का एक किलो गेहूँ और एक दीनार का तीन किलो जौ, परंतु तेल और दाखरस की हानि न करना।”
तब सारे स्वर्गदूत जो उस सिंहासन, प्रवरों और चारों प्राणियों के चारों ओर खड़े थे, सिंहासन के सामने मुँह के बल गिर पड़े, और परमेश्वर को दंडवत् करके कहने लगे :
इसी कारण वे परमेश्वर के सिंहासन के सामने हैं, और उसके मंदिर में दिन और रात उसकी सेवा करते हैं, और वह जो सिंहासन पर विराजमान है, उन्हें अपनी शरण में ले लेगा।