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प्रकाशितवाक्य 4:4 - नवीन हिंदी बाइबल

4 उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन थे, और उन सिंहासनों पर चौबीस प्रवर श्‍वेत वस्‍त्र पहने हुए बैठे थे, और उनके सिरों पर सोने के मुकुट थे।

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पवित्र बाइबल

4 उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन और थे, जिन पर चौबीस प्राचीन बैठे हुए थे। उन्होंने श्वेत वस्त्र पहने थे। उनके सिर पर सोने के मुकुट थे।

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Hindi Holy Bible

4 और उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन है; और इन सिंहासनों पर चौबीस प्राचीन श्वेत वस्त्र पहिने हुए बैठें हैं, और उन के सिरों पर सोने के मुकुट हैं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

4 सिंहासन के चारों ओर चौबीस धर्मवृद्ध विराजमान हैं। वे उजले वस्‍त्र पहने हैं और उनके सिर पर सोने के मुकुट हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

4 उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन हैं; और इन सिंहासनों पर चौबीस प्राचीन श्‍वेत वस्त्र पहिने हुए बैठे हैं, और उनके सिरों पर सोने के मुकुट हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

4 उस सिंहासन के चारों ओर गोलाई में चौबीस सिंहासन थे. उन सिंहासनों पर सफ़ेद वस्त्रों में, सोने का मुकुट धारण किए हुए चौबीस प्राचीन बैठे थे.

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प्रकाशितवाक्य 4:4
24 क्रॉस रेफरेंस  

तू उत्तम आशिषों के साथ उससे मिलता है, और उसके सिर पर कुंदन का मुकुट पहनाता है।


यीशु ने उनसे कहा,“मैं तुमसे सच कहता हूँ कि उस नई सृष्‍टि में जब मनुष्य का पुत्र अपने महिमामय सिंहासन पर बैठेगा, तो तुम भी जो मेरे पीछे हो लिए हो, बारह सिंहासनों पर बैठकर इस्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करोगे।


कि तुम मेरे राज्य में मेरी मेज़ पर खाओ-पीओ, और सिंहासनों पर बैठकर इस्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करो।


भविष्य में मेरे लिए धार्मिकता का मुकुट रखा हुआ है जिसे प्रभु, जो धार्मिकता से न्याय करनेवाला है, मुझे उस दिन देगा और केवल मुझे ही नहीं बल्कि उन सब को भी जो उसके प्रकट होने को प्रिय समझते हैं।


तब चौबीसों प्रवर जो परमेश्‍वर के सामने अपने सिंहासनों पर बैठे हुए थे, मुँह के बल गिर पड़े, और उन्होंने यह कहते हुए परमेश्‍वर को दंडवत् किया:


वे सिंहासन, चारों प्राणियों और प्रवरों के सामने एक नया गीत गा रहे थे; परंतु उस गीत को उन एक लाख चौवालीस हज़ार लोगों को छोड़, जो पृथ्वी पर से छुड़ा लिए गए थे, कोई और नहीं सीख सकता था।


स्वर्ग की सेनाएँ मलमल के स्वच्छ और श्‍वेत वस्‍त्र पहने श्‍वेत घोड़ों पर उसके पीछे-पीछे चल रही थीं।


तब चौबीसों प्रवरों और चारों प्राणियों ने परमेश्‍वर को, जो सिंहासन पर विराजमान था, गिरकर दंडवत् किया और कहा: आमीन! हाल्‍लेलूय्याह!


जिन दुःखों को तू भोगने वाला है उनसे मत डर। देख, शैतान तुममें से कुछ को बंदीगृह में डालने पर है कि तुम परखे जाओ; और तुम्हें दस दिन तक क्लेश उठाना होगा। मृत्यु तक विश्‍वासयोग्य बना रह, तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूँगा।


फिर मैंने सिंहासन देखे और उन पर लोग बैठ गए और उन्हें न्याय करने का अधिकार दिया गया। फिर मैंने उन लोगों की आत्माओं को भी देखा जिनके सिर यीशु की गवाही देने और परमेश्‍वर के वचन के कारण काट दिए गए थे, और जिन्होंने न तो उस पशु की और न ही उसकी मूर्ति की पूजा की थी और न अपने माथे और हाथों पर उसकी छाप लगवाई थी। फिर वे जीवित हो गए और उन्होंने एक हज़ार वर्ष तक मसीह के साथ राज्य किया।


मैं तुझे सलाह देता हूँ कि तू आग में ताया हुआ सोना मुझसे खरीद ले कि तू धनी हो जाए, और श्‍वेत वस्‍त्र ले ले कि उन्हें पहनकर तेरे नंगेपन की लज्‍जा प्रकट न हो, और सुरमा ले ले कि अपनी आँखों में लगाकर देख सके।


तब-तब चौबीसों प्रवर उसके सामने जो सिंहासन पर विराजमान है, गिर पड़ते और जो युगानुयुग जीवित है उसे दंडवत् करते, और अपने मुकुट सिंहासन के सामने यह कहते हुए रख देते हैं :


सिंहासन के सामने बिल्‍लौर के समान काँच जैसा समुद्र था, और सिंहासन के मध्य और सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी थे जिनके आगे और पीछे आँखें ही आँखें थीं।


फिर मैंने देखा, और मैंने सिंहासन, प्राणियों और उन प्रवरों के चारों ओर बहुत से स्वर्गदूतों की आवाज़ सुनी—उनकी संख्या लाखों-करोड़ों में थी।


तब चारों प्राणियों ने कहा, “आमीन।” और प्रवरों ने गिरकर उसे दंडवत् किया।


तब मैंने सिंहासन और उन चार प्राणियों तथा प्रवरों के मध्य, मानो एक वध किया हुआ मेमना खड़ा देखा। उसके सात सींग और सात आँखें थीं, ये परमेश्‍वर की सात आत्माएँ हैं, जो संपूर्ण पृथ्वी पर भेजी गई थीं।


जब उसने पुस्तक ले ली, तो वे चारों प्राणी और चौबीसों प्रवर उस मेमने के सामने गिर पड़े। उनमें से प्रत्येक के पास वीणा, और धूप अर्थात् पवित्र लोगों की प्रार्थनाओं से भरे सोने के कटोरे थे।


उनमें से प्रत्येक को श्‍वेत वस्‍त्र दिया गया, और उनसे थोड़ी देर और विश्राम करने के लिए कहा गया, जब तक कि उनके संगी दासों और भाइयों की, जो उन्हीं के समान वध होने वाले हैं, गिनती पूरी न हो जाए।


तब सारे स्वर्गदूत जो उस सिंहासन, प्रवरों और चारों प्राणियों के चारों ओर खड़े थे, सिंहासन के सामने मुँह के बल गिर पड़े, और परमेश्‍वर को दंडवत् करके कहने लगे :


इन बातों के बाद मैंने दृष्‍टि की, और देखो, प्रत्येक जाति, कुल, राष्‍‍ट्र और भाषा बोलनेवालों की एक बड़ी भीड़, जिसे कोई गिन नहीं सकता था, श्‍वेत वस्‍त्र पहने और अपने हाथों में खजूर की डालियाँ लिए हुए सिंहासन और मेमने के सामने खड़ी थी।


उन टिड्डियों का स्वरूप युद्ध के लिए तैयार किए गए घोड़ों के समान था, और उनके सिर पर मानो सोने के मुकुट थे, और उनके मुख मनुष्यों के मुख के समान थे।


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