उसने कहा, “लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न ही उसे कोई हानि पहुँचा। मैं अब जान गया हूँ कि तू परमेश्वर का भय मानता है, क्योंकि तूने अपने पुत्र अर्थात् अपने एकलौते पुत्र को भी मुझे देने से इनकार नहीं किया।”
प्रकाशितवाक्य 14:7 - नवीन हिंदी बाइबल उसने ऊँची आवाज़ से कहा, “परमेश्वर का भय मानो और उसकी महिमा करो, क्योंकि उसके न्याय करने का समय आ पहुँचा है। उसकी आराधना करो जिसने आकाश, पृथ्वी, समुद्र और जल के सोतों को बनाया है।” पवित्र बाइबल ऊँचे स्वर में वह बोला, “परमेश्वर से डरो और उसकी स्तुति करो। क्योंकि उसके न्याय करने का समय आ गया है। उसकी उपासना करो, जिसने आकाश, पृथ्वी, सागर और जल-स्रोतों की रचना की है।” Hindi Holy Bible और उस ने बड़े शब्द से कहा; परमेश्वर से डरो; और उस की महिमा करो; क्योंकि उसके न्याय करने का समय आ पहुंचा है, और उसका भजन करो, जिस ने स्वर्ग और पृथ्वी और समुद्र और जल के सोते बनाए॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह ऊंचे स्वर से यह कह रहा था, “परमेश्वर पर श्रद्धा रखो! उसकी स्तुति करो! क्योंकि उसके न्याय का दिन आ गया है। जिसने स्वर्ग और पृथ्वी, समुद्र और जलस्रोतों की रचना की, उसकी आराधना करो।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने बड़े शब्द से कहा, “परमेश्वर से डरो, और उसकी महिमा करो, क्योंकि उसके न्याय करने का समय आ पहुँचा है; और उसका भजन करो, जिसने स्वर्ग और पृथ्वी और समुद्र और जल के सोते बनाए।” सरल हिन्दी बाइबल उसने ऊंचे शब्द में कहा, “परमेश्वर से डरो. उनकी महिमा करो क्योंकि न्याय का समय आ पहुंचा है. आराधना उनकी करो, जिन्होंने स्वर्ग, पृथ्वी, समुद्र तथा जल के सोतों को बनाया है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उसने बड़े शब्द से कहा, “परमेश्वर से डरो, और उसकी महिमा करो, क्योंकि उसके न्याय करने का समय आ पहुँचा है; और उसकी आराधना करो, जिसने स्वर्ग और पृथ्वी और समुद्र और जल के सोते बनाए।” (नहे. 9:6, प्रका. 4:11) |
उसने कहा, “लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न ही उसे कोई हानि पहुँचा। मैं अब जान गया हूँ कि तू परमेश्वर का भय मानता है, क्योंकि तूने अपने पुत्र अर्थात् अपने एकलौते पुत्र को भी मुझे देने से इनकार नहीं किया।”
आकाशमंडल की रचना यहोवा के वचन से, और उसके सारे गणों की रचना उसी के मुँह की श्वास से हुई है।
दुष्ट जन का अपराध मेरे मन के भीतर यह कहता है : उसकी दृष्टि में परमेश्वर का कोई भय नहीं है।
परमेश्वर पवित्र लोगों की सभा में अत्यंत भययोग्य है; और जो उसके चारों ओर हैं उनमें वही सब से अधिक आदर के योग्य है।
क्योंकि यहोवा ने छः दिन में आकाश और पृथ्वी, और समुद्र, और जो कुछ उनमें है, सब को बनाया, तथा सातवें दिन विश्राम किया; इस कारण यहोवा ने विश्रामदिन को आशिष दी और उसे पवित्र ठहराया।
और कहा, “हे लोगो, तुम ये क्यों कर रहे हो? हम भी तुम्हारे समान मनुष्य हैं, और तुम्हें सुसमाचार सुनाते हैं कि तुम इन व्यर्थ वस्तुओं को छोड़कर उस जीवित परमेश्वर की ओर फिरो जिसने आकाश और पृथ्वी और समुद्र और जो कुछ उनमें है सब को बनाया।
उसी समय एक बड़ा भूकंप हुआ, और नगर का दसवाँ भाग गिर पड़ा। उस भूकंप में सात हज़ार लोग मारे गए, और बाकी लोगों ने भयभीत होकर स्वर्ग के परमेश्वर की महिमा की।
जाति-जाति के लोग क्रोधित हुए, पर तेरा प्रकोप भड़क उठा। वह समय आ पहुँचा है कि मरे हुओं का न्याय किया जाए तथा तेरे दासों, भविष्यवक्ताओं, और पवित्र लोगों को तथा तेरे नाम का भय माननेवाले छोटे और बड़ों को, प्रतिफल दिया जाए, और पृथ्वी को नष्ट करनेवालों का नाश किया जाए।
हे प्रभु! कौन तुझसे न डरेगा और तेरे नाम की महिमा न करेगा? क्योंकि केवल तू ही पवित्र है। सब जातियाँ आएँगी और तेरे सामने दंडवत् करेंगी, क्योंकि तेरे न्याय के कार्य प्रकट हो गए हैं।”
तब मनुष्य भयंकर गर्मी से झुलस गए, और उन्होंने इन विपत्तियों पर अधिकार रखनेवाले परमेश्वर के नाम की निंदा की, परंतु पश्चात्ताप नहीं किया कि उसे महिमा दें।
वे उसकी पीड़ा से भयभीत होकर दूर ही खड़े रहेंगे और कहेंगे : हाय! हाय! हे महानगरी, हे शक्तिशाली नगरी बेबीलोन! घड़ी भर में ही तुझे दंड मिल गया।
घड़ी भर में ही उसका ऐसा बड़ा वैभव नष्ट हो गया। “प्रत्येक कप्तान और प्रत्येक यात्री तथा नाविक और जितने समुद्र से व्यापार करते हैं, वे दूर खड़े रहे,
उन्होंने अपने सिरों पर धूल डाली और चिल्लाते, रोते और विलाप करते हुए कहा: हाय! हाय! यह महानगरी, जिसके धन से समुद्र के सब जहाज़वाले धनवान हो गए थे, वह घड़ी भर में ही नष्ट हो गई।
तब सिंहासन में से एक आवाज़ आई जो यह कह रही थी: उसके सब दासो, तुम जो उसका भय मानते हो, चाहे छोटे हो या बड़े, हमारे परमेश्वर की स्तुति करो।
हे हमारे प्रभु और परमेश्वर! तू ही महिमा, आदर और सामर्थ्य के योग्य है, क्योंकि तूने ही सब वस्तुओं को सृजा है, और तेरी ही इच्छा से वे सृजी गईं और अस्तित्व में हैं।
जब-जब वे प्राणी उसे जो सिंहासन पर विराजमान और युगानुयुग जीवित है, महिमा, आदर और धन्यवाद देते,
तीसरे स्वर्गदूत ने जब तुरही फूँकी, तो एक विशाल तारा मशाल के सदृश्य जलता हुआ आकाश में से टूटा, और एक-तिहाई नदियों और जल के सोतों पर जा गिरा।