देख, वे अपने मुँह से जहर उगलते हैं, उनके मुँह के भीतर तलवारें हैं। वे कहते हैं, “कौन सुनता है?”
नीतिवचन 15:28 - नवीन हिंदी बाइबल धर्मी मनुष्य अपने मन में सोचता है कि वह क्या उत्तर दे, परंतु दुष्टों का मुँह बुरी बातें उगलता है। पवित्र बाइबल धर्मी जन का मन तौल कर बोलता है किन्तु दुष्ट का मुख, बुरी बात उगलता है। Hindi Holy Bible धर्मी मन में सोचता है कि क्या उत्तर दूं, परन्तु दुष्टों के मुंह से बुरी बातें उबल आती हैं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उत्तर देने के पूर्व धार्मिक मनुष्य अपने मन में विचार करता है; किन्तु दुर्जन का मुंह बुरी बातें ही उगलता रहता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) धर्मी मन में सोचता है कि क्या उत्तर दूँ, परन्तु दुष्टों के मुँह से बुरी बातें उबल आती हैं। सरल हिन्दी बाइबल उत्तर देने के पूर्व धर्मी अपने हृदय में अच्छी रीति से विचार कर लेता है, किंतु दुष्ट के मुख से मात्र दुर्वचन ही निकलते हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 धर्मी मन में सोचता है कि क्या उत्तर दूँ, परन्तु दुष्टों के मुँह से बुरी बातें उबल आती हैं। |
देख, वे अपने मुँह से जहर उगलते हैं, उनके मुँह के भीतर तलवारें हैं। वे कहते हैं, “कौन सुनता है?”
जहाँ बातें बहुत होती हैं, वहाँ पाप भी होता है, परंतु जो अपनी जीभ पर नियंत्रण रखता है, वह बुद्धिमान है।
धर्मी जन ग्रहणयोग्य बातें करना जानता है, परंतु दुष्ट के मुँह से कुटिल बातें निकलती हैं।
प्रत्येक समझदार मनुष्य बुद्धि से कार्य करता है, परंतु मूर्ख अपनी मूर्खता का प्रदर्शन करता है।
बुद्धिमानों की जीभ ज्ञान का उचित प्रयोग करती है, परंतु मूर्खों का मुँह मूर्खता ही उगलता है।
मूर्ख अपने क्रोध को पूरी तरह से प्रकट करता है, परंतु बुद्धिमान अपने क्रोध को शांत कर देता है।
क्या तू बोलने में उतावली करनेवाले व्यक्ति को देखता है? उससे बढ़कर आशा तो मूर्ख के लिए है।
बोलने में जल्दबाज़ी न करना, और न परमेश्वर के सामने अपने मन से कोई बात उतावली में निकालना, क्योंकि परमेश्वर स्वर्ग में है और तू पृथ्वी पर है। अतः तेरे शब्द थोड़े ही हों।
तू अपनी बातों के कारण पाप में न फँसना, और न परमेश्वर के दूत के सामने कहना कि यह भूल से हुआ; परमेश्वर तेरी बातों से क्यों अप्रसन्न हो, और तेरे हाथ के कार्यों को नष्ट करे?
हे साँप के बच्चो, तुम बुरे होकर अच्छी बातें कैसे कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है वही मुँह पर आता है।
पर अपने मन में मसीह को प्रभु जानकर आदर दो; और जो तुम्हारी आशा के विषय में तुमसे कुछ पूछे, उसे नम्रता और आदर के साथ उत्तर देने को हर समय तैयार रहो;
वे घमंड की व्यर्थ बातें बोलने और शारीरिक अभिलाषाओं और लुचपन के द्वारा उन लोगों को फँसा लेते हैं जो भटके हुओं में से अभी निकल ही रहे हैं।