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नीतिवचन 14:6 - नवीन हिंदी बाइबल

ठट्ठा करनेवाला व्यक्‍ति बुद्धि को ढूँढ़ता है, पर नहीं पाता; परंतु समझदार व्यक्‍ति सहजता से ज्ञान प्राप्‍त करता है।

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पवित्र बाइबल

उच्छृंखल बुद्धि को खोजता रहता है फिर भी नहीं पाता है; किन्तु भले—बुरे का बोध जिसको रहता है, उसके पास ज्ञान सहज में ही आता है।

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Hindi Holy Bible

ठट्ठा करने वाला बुद्धि को ढूंढ़ता, परन्तु नहीं पाता, परन्तु समझ वाले को ज्ञान सहज से मिलता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

हर बात को हंसी में उड़ानेवाला व्यक्‍ति व्‍यर्थ ही ज्ञान की तलाश करता है; पर समझदार मनुष्‍य के लिए ज्ञान सहज ही प्राप्‍त हो जाता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

ठट्ठा करनेवाला बुद्धि को ढूँढ़ता, परन्तु नहीं पाता, परन्तु समझवाले को ज्ञान सहज से मिलता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

छिछोरा व्यक्ति ज्ञान की खोज कर सकता है, किंतु उसे प्राप्‍त नहीं कर पाता, हां, जिसमें समझ होती है, उसे ज्ञान की उपलब्धि सरलतापूर्वक हो जाती है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

ठट्ठा करनेवाला बुद्धि को ढूँढ़ता, परन्तु नहीं पाता, परन्तु समझवाले को ज्ञान सहज से मिलता है। (नीति. 17:24)

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नीतिवचन 14:6
24 क्रॉस रेफरेंस  

मेरी आँखें खोल दे कि मैं तेरी व्यवस्था की अद्भुत बातों को देख सकूँ।


बुद्धिमान इन्हें सुनकर अपना ज्ञान बढ़ाए, और समझदार व्यक्‍ति मार्गदर्शन प्राप्‍त करे,


सच्‍चा गवाह झूठ नहीं बोलता, परंतु झूठा गवाह झूठी बातें बोलता है।


मूर्ख से अलग हो जा, नहीं तो तू ज्ञान की बातों को समझ नहीं पाएगा।


ठट्ठा करनेवाला अपने डाँटनेवाले से प्रेम नहीं करता, और न ही वह बुद्धिमानों के पास जाता है।


जब मूर्ख बुद्धि को चाहता ही नहीं तो उसने उसे खरीदने के लिए अपने हाथ में दाम क्यों ले रखा है?


बुद्धि समझदार मनुष्य के सम्मुख रहती है, परंतु मूर्ख की आँखें पृथ्वी की छोर तक भटकती रहती हैं।


मूर्ख तो समझदारी की बातों से नहीं, बल्कि अपने ही मन की बातों को प्रकट करने से प्रसन्‍न होता है।


बुद्धि तो मूर्ख की पहुँच से परे है; सभा में उसके पास बोलने के लिए कुछ नहीं होता।


क्या तू ऐसे मनुष्य को देखता है जो अपनी ही दृष्‍टि में बुद्धिमान है? उससे बढ़कर आशा तो मूर्ख के लिए है।


मेरे मुँह की सब बातें धार्मिकता की होती हैं, उनमें से कोई टेढ़ी या कुटिल बात नहीं होती।


समझदार के लिए वे सब सहज, और ज्ञान प्राप्‍त करनेवालों के लिए खरी हैं।


यदि कोई सोचता है कि वह कुछ जानता है, तो जैसा उसे जानना चाहिए वैसा अब तक उसने नहीं जाना।


तुममें से यदि किसी को बुद्धि की कमी हो तो वह परमेश्‍वर से माँगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है, और वह उसे दी जाएगी।