ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




नीतिवचन 12:5 - नवीन हिंदी बाइबल

धर्मियों के विचार न्यायसंगत होते हैं, परंतु दुष्‍टों की युक्‍तियाँ कपटपूर्ण होती हैं।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

धर्मी की योजनाएँ न्याय संगत होती हैं जबकि दुष्ट की सलाह कपटपूर्ण रहती है।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

धर्मियों की कल्पनाएं न्याय ही की होती हैं, परन्तु दुष्टों की युक्तियां छल की हैं।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

धार्मिक मनुष्‍य के विचार न्‍यायसंगत होते हैं पर दुर्जन सदा छल-कपट की बातें सोचता है।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

धर्मियों की कल्पनाएँ न्याय ही की होती हैं, परन्तु दुष्‍टों की युक्‍तियाँ छल की हैं।

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

धर्मी की धारणाएं न्याय संगत होती हैं, किंतु दुष्ट व्यक्ति के परामर्श छल-कपट पूर्ण होते हैं.

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

धर्मियों की कल्पनाएँ न्याय ही की होती हैं, परन्तु दुष्टों की युक्तियाँ छल की हैं।

अध्याय देखें



नीतिवचन 12:5
20 क्रॉस रेफरेंस  

मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूँगा, और तेरे मार्गों की ओर दृष्‍टि लगाए रहूँगा।


हे परमेश्‍वर, मुझे जाँच और मेरे मन को जान ले! मुझे परख और मेरी चिंताओं को जान ले!


धर्मियों की अभिलाषा का परिणाम तो भलाई, परंतु दुष्‍टों की आशा का परिणाम प्रकोप होता है।


गुणी पत्‍नी अपने पति का मुकुट है, परंतु निर्लज्‍ज पत्‍नी उसकी हड्डियों की सड़ाहट के समान है।


दुष्‍टों के शब्द प्राणघातक होते हैं, परंतु सीधे लोगों की बातें लोगों की रक्षा करती हैं।


समझदार मनुष्य की बुद्धिमानी अपनी चाल को पहचानना है, परंतु मूर्खों की मूर्खता उन्हीं को धोखा देती है।


मूर्खतापूर्ण योजना बनाना पाप है, और ठट्ठा करनेवाले से लोग घृणा करते हैं।


जब हेरोदेस ने देखा कि उन विद्वानों ने उसे धोखा दिया है, तो वह अत्यंत क्रोधित हुआ, और उसने लोगों को भेजकर उस समय के अनुसार जो उसने उन विद्वानों द्वारा पता लगाया था, बैतलहम और उसके आस-पास के सभी क्षेत्रों के दो वर्ष और उससे छोटे सब लड़कों को मरवा डाला।


और वे मिलकर यीशु को छल से पकड़ने और मार डालने की योजना बनाने लगे;


इसलिए समय से पहले अर्थात् जब तक प्रभु न आ जाए, किसी बात का न्याय मत करो। वही अंधकार में छिपी बातों को प्रकाशित करेगा और मनों के उद्देश्यों को प्रकट करेगा। तब परमेश्‍वर की ओर से प्रत्येक की प्रशंसा होगी।


हमने लज्‍जा के गुप्‍त कार्यों को त्याग दिया; और हम न तो चतुराई से चलते हैं और न ही परमेश्‍वर के वचन में मिलावट करते हैं, बल्कि सत्य को प्रकट करने के द्वारा हम परमेश्‍वर के सामने प्रत्येक मनुष्य के विवेक में अपने आपको योग्य प्रस्तुत करते हैं।