तब लूत ने निकलकर अपने दामादों से, जिनके साथ उसकी बेटियों की मँगनी हो गई थी, कहा, “उठो, इस स्थान से निकल चलो; क्योंकि यहोवा इस नगर को नष्ट करने पर है।” परंतु उसके दामादों को लगा कि वह मज़ाक कर रहा है।
निर्गमन 32:1 - नवीन हिंदी बाइबल जब लोगों ने देखा कि मूसा को पर्वत से उतरने में विलंब हो रहा है, तो वे हारून के चारों ओर इकट्ठे होकर उससे कहने लगे, “अब हमारे लिए देवता बना जो हमारे आगे-आगे चले, क्योंकि हम नहीं जानते कि उस पुरुष मूसा का क्या हुआ जो हमें मिस्र देश से निकाल लाया है!” पवित्र बाइबल लोगों ने देखा कि लम्बा समय निकल गया और मूसा पर्वत से नीचे नहीं उतरा। इसलिए लोग हारून के चारों ओर इकट्ठा हुए। उन्होंने उससे कहा, “देखो, मूसा ने हमें मिस्र देश से बाहर निकाला। किन्तु हम यह नहीं जानते कि उसके साथ क्या घटित हुआ है। इसलिए कोई देवता हमारे आगे चलने और हमें आगे ले चलने वाला बनाओ।” Hindi Holy Bible जब लोगों ने देखा कि मूसा को पर्वत से उतरने में विलम्ब हो रहा है, तब वे हारून के पास इकट्ठे हो कर कहने लगे, अब हमारे लिये देवता बना, जो हमारे आगे आगे चले; क्योंकि उस पुरूष मूसा को जो हमें मिस्र देश से निकाल ले आया है, हम नहीं जानते कि उसे क्या हुआ? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब लोगों ने देखा कि मूसा पहाड़ से उतरने में विलम्ब कर रहे हैं तब वे हारून के पास एकत्र हुए। उन्होंने कहा, ‘उठिए! हमारे लिए ऐसा देवता बनाइए, जो हमारे आगे-आगे चले; क्योंकि हम नहीं जानते हैं कि इस पुरुष मूसा को, जो हमें मिस्र देश से निकाल लाया है, क्या हुआ?’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब लोगों ने देखा कि मूसा को पर्वत से उतरने में विलम्ब हो रहा है, तब वे हारून के पास इकट्ठे होकर कहने लगे, “अब हमारे लिये देवता बना, जो हमारे आगे आगे चले; क्योंकि उस पुरुष मूसा को जो हमें मिस्र देश से निकाल ले आया है, हम नहीं जानते कि क्या हुआ?” सरल हिन्दी बाइबल जब लोगों ने देखा कि पर्वत से आने में मोशेह विलम्ब कर रहे हैं, तब लोगों ने अहरोन के पास जाकर उनसे कहा, “हमारे लिए एक देवता बनाइए जो हमारे आगे-आगे चलकर हमारी अगुवाई करे, क्योंकि मोशेह हमें मिस्र से तो निकालकर ले आये, परंतु अब मोशेह का कोई पता नहीं. अब आगे क्या होगा नहीं मालूम.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब लोगों ने देखा कि मूसा को पर्वत से उतरने में विलम्ब हो रहा है, तब वे हारून के पास इकट्ठे होकर कहने लगे, “अब हमारे लिये देवता बना, जो हमारे आगे-आगे चले; क्योंकि उस पुरुष मूसा को जो हमें मिस्र देश से निकाल ले आया है, हम नहीं जानते कि उसे क्या हुआ?” |
तब लूत ने निकलकर अपने दामादों से, जिनके साथ उसकी बेटियों की मँगनी हो गई थी, कहा, “उठो, इस स्थान से निकल चलो; क्योंकि यहोवा इस नगर को नष्ट करने पर है।” परंतु उसके दामादों को लगा कि वह मज़ाक कर रहा है।
तब अबीमेलेक ने कहा, “मैं नहीं जानता कि यह काम किसने किया है। तूने न तो मुझे कुछ बताया, और न मैंने आज से पहले इसके विषय में कुछ सुना था।”
पर उसने इनकार करते हुए अपने स्वामी की पत्नी से कहा, “सुन, मेरे रहते मेरे स्वामी को इस घर की किसी भी वस्तु की चिंता नहीं रहती, और उसने अपना सब कुछ मेरे हाथ में सौंप दिया है।
यूसुफ ने उनसे कहा, “तुमने यह क्या किया है? क्या तुम्हें पता नहीं था कि मुझ जैसा मनुष्य शुभ-अशुभ विचार सकता है?”
अभी वे नगर से बहुत दूर भी न गए थे कि यूसुफ ने अपने घर के प्रबंधक से कहा, “उन लोगों का पीछा कर, और जब वे तुझे मिल जाएँ तो उनसे यह कह, ‘तुमने भलाई के बदले बुराई क्यों की है?
यहोवा उन्हें मार्ग दिखाने के लिए दिन को बादल के खंभे में, और उन्हें उजियाला देने के लिए रात को आग के खंभे में उनके आगे-आगे चलता था, ताकि वे दिन और रात दोनों में चल सकें।
तब उन्होंने मूसा से कहा, “क्या मिस्र में कब्रें न थीं जो तू हमें मरने के लिए जंगल में ले आया है? हमें मिस्र से बाहर निकालकर तूने हमारे साथ यह क्या किया है?
इस्राएलियों ने उनसे कहा, “भला होता हम यहोवा के हाथ से मिस्र देश में ही मार डाले जाते जब हम मांस की हाँड़ियों के पास बैठकर भरपेट भोजन करते थे, पर तुम हमें इस जंगल में इसलिए निकाल ले आए हो कि इस सारी मंडली को भूखा मार डालो।”
तुम मेरे अतिरिक्त किसी को ईश्वर करके न मानना, अर्थात् अपने लिए चाँदी या सोने से देवताओं को न गढ़ना।
यहोवा ने मूसा से कहा, “मेरे पास पहाड़ पर चढ़ आ, और वहीं रुक। मैं तुझे व्यवस्था और आज्ञा के साथ पत्थर की पटियाएँ दूँगा, जिन्हें मैंने इन लोगों को सिखाने के लिए लिखा है।”
तब मूसा बादल में प्रवेश करके पर्वत के ऊपर तक चढ़ गया। मूसा चालीस दिन और चालीस रात पर्वत पर रहा।
फिर मूसा ने यह कहते हुए अपने परमेश्वर यहोवा से विनती की, “हे यहोवा, तेरा प्रकोप अपनी प्रजा पर क्यों भड़का है जिसे तू बड़े सामर्थ्य और बलवंत हाथ के द्वारा मिस्र देश से निकाल लाया है?
हारून ने उत्तर दिया, “मेरे प्रभु का क्रोध न भड़के; तू तो इन लोगों को जानता है कि इनके मन में बुराई ही रहती है।
उन्होंने मुझसे कहा, ‘हमारे लिए देवता बना जो हमारे आगे-आगे चले, क्योंकि हम नहीं जानते कि उस पुरुष मूसा का क्या हुआ जो हमें मिस्र देश से निकाल लाया है!’
तब यहोवा ने मूसा से कहा, “तुरंत नीचे उतर जा, क्योंकि तेरे लोग जिन्हें तू मिस्र देश से निकाल लाया है, वे बिगड़ गए हैं।
तुम लोग उस देश को जाओ जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं। परंतु मैं तुम्हारे बीच में होकर नहीं चलूँगा, क्योंकि तुम हठीले लोग हो, कहीं ऐसा न हो कि मैं मार्ग में तुम्हें नष्ट कर डालूँ।”
परंतु यह जान लो कि यदि घर का स्वामी जानता कि चोर किस पहर आएगा, तो वह जागता रहता और अपने घर में सेंध लगने नहीं देता।
इसलिए परमेश्वर की संतान होकर हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि परमेश्वर सोने या चाँदी या पत्थर के समान है जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़ा गया हो।
तुम देखते और सुनते हो कि न केवल इफिसुस में बल्कि लगभग सारे आसिया में इस पौलुस ने बहुत से लोगों को समझा बुझाकर बहका दिया है कि जो हाथों के बने हैं, वे ईश्वर नहीं।
उन्होंने हारून से कहा : हमारे लिए ऐसे देवता बना जो हमारे आगे-आगे चलें; क्योंकि हम नहीं जानते कि उस मूसा का क्या हुआ जो हमें मिस्र देश से निकाल लाया था।
और कहेंगे, “उसके आने की प्रतिज्ञा कहाँ गई? क्योंकि जब से हमारे पूर्वज सो गए हैं तब से सब कुछ वैसा ही बना हुआ है जैसा सृष्टि के आरंभ से था।”