पीतल के पचास आँकड़े बनवाना, और उन आँकड़ों को छल्लों में लगवाना तथा तंबू को ऐसा जोड़ देना कि यह मिलकर एक हो जाए।
निर्गमन 26:6 - नवीन हिंदी बाइबल तू सोने के पचास आँकड़े बनवाना और इन परदों को इन्हीं आँकड़ों द्वारा एक दूसरे से ऐसा जोड़ देना कि निवासस्थान मिलकर एक हो जाए। पवित्र बाइबल तब पचास सोने के कड़े छल्लों को एक साथ मिलाने के लिए बनाओ। यह कनातों को इस प्रकार जोड़ेंगे कि पवित्र तम्बू एक ही हो जाएगा।” Hindi Holy Bible और सोने के पचास अंकड़े बनवाना; और परदों के पंचो को अंकड़ों के द्वारा एक दूसरे से ऐसा जुड़वाना कि निवासस्थान मिलकर एक ही हो जाए। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तू सोने के पचास अंकड़े बनाना, और जुड़े हुए परदों को इन अंकड़ों के द्वारा जोड़ देना जिससे पूरा निवास-स्थान एक बन जाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और सोने के पचास अंकड़े बनवाना; और परदों के पंचों को अंकड़ों के द्वारा एक दूसरे से ऐसा जुड़वाना कि निवास–स्थान मिलकर एक हो जाए। सरल हिन्दी बाइबल फिर, सोने के पचास अंकुड़े बनवाना. और उन अंकुड़ों से दोनों पर्दों को मिलाना, जिससे पवित्र स्थान मिलकर एक हो जाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और सोने के पचास अंकड़े बनवाना; और परदों के छल्लों को अंकड़ों के द्वारा एक दूसरे से ऐसा जुड़वाना कि निवास-स्थान मिलकर एक ही हो जाए। |
पीतल के पचास आँकड़े बनवाना, और उन आँकड़ों को छल्लों में लगवाना तथा तंबू को ऐसा जोड़ देना कि यह मिलकर एक हो जाए।
फिर परदे को आँकड़ों द्वारा नीचे लटकाना, और साक्षीपत्र का संदूक परदे के भीतर ले आना, जिससे वह परदा तुम्हारे लिए पवित्रस्थान को परमपवित्रस्थान से अलग रखे।
तू पहले समूह के परदे की छोर पर पचास छल्ले लगवाना, और दूसरे समूह के परदे की छोर पर भी पचास छल्ले लगवाना। ये छल्ले एक दूसरे के आमने-सामने हों।
“निवासस्थान के ऊपर तंबू के रूप में बकरी के बालों के परदे बनवाना; तू उनसे कुल ग्यारह परदे बनवाना।
फिर उसने सोने के पचास आँकड़े बनाए और इन परदों को इन्हीं आँकड़ों द्वारा एक दूसरे से ऐसा जोड़ दिया कि निवासस्थान मिलकर एक हो गया।
तब वे निवासस्थान को तंबू और उसकी सारी वस्तुओं सहित मूसा के पास ले आए : आँकड़े, तख़्ते, छड़ें, खंभे, खांचे;
जिसके द्वारा सारी देह प्रत्येक जोड़ की सहायता से एक साथ जुड़ती और सुगठित होती है, और हर एक अंग के अपनी क्षमता के अनुसार कार्य करने से देह का विकास होता है, और प्रेम में स्वयं उसकी उन्नति होती है।