उसमें से सुबह तक कुछ भी न रहने देना, और यदि सुबह तक कुछ रह भी जाए, तो उसे आग में जला देना।
निर्गमन 23:18 - नवीन हिंदी बाइबल “मेरे बलिपशु का लहू ख़मीरी रोटी के साथ न चढ़ाना, और न मेरे पर्व में चढ़ाई हुई चरबी में से कुछ सवेरे तक रहने देना। पवित्र बाइबल “जब तुम किसी जानवर को मारो और इसका ख़ून बलि के रूप में भेंट चढ़ाओ तब ऐसी रोटी भेंट नहीं करो जिसमें खमीर हो। और जब तुम इस बलि के माँस को खाओ तब तुम्हें एक ही दिन में वह सारा माँस खा लेना चाहिए। अगले दिन के लिए कुछ भी माँस न बचाओ। Hindi Holy Bible मेरे बलिपशु का लोहू खमीरी रोटी के संग न चढ़ाना, और न मेरे पर्ब्ब के उत्तम बलिदान में से कुछ बिहान तक रहने देना। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘तू बलि-पशु का रक्त खमीरी रोटी के साथ मत चढ़ाना। तू पर्व की चर्बी सबेरे तक न छोड़ना। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “मेरे बलिपशु का लहू ख़मीरी रोटी के संग न चढ़ाना, और न मेरे पर्व के उत्तम बलिदान में से कुछ सबेरे तक रहने देना। सरल हिन्दी बाइबल “किसी भी बलि पशु को खमीर वाली रोटी के साथ याहवेह को भेंट न चढ़ाना. “और न भेंट की वस्तु दूसरे दिन के लिए बचाना. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “मेरे बलिपशु का लहू ख़मीरी रोटी के संग न चढ़ाना, और न मेरे पर्व के उत्तम बलिदान में से कुछ सवेरे तक रहने देना। |
उसमें से सुबह तक कुछ भी न रहने देना, और यदि सुबह तक कुछ रह भी जाए, तो उसे आग में जला देना।
“तुम सात दिन तक अख़मीरी रोटी खाना, और पहले ही दिन अपने घरों में से ख़मीर हटा देना, क्योंकि जो कोई पहले दिन से लेकर सातवें दिन तक कोई भी ख़मीरी वस्तु खाए, उस व्यक्ति को इस्राएलियों में से नष्ट किया जाए।
यदि अभिषेकवाले मांस या रोटी में से कुछ सुबह तक बच जाए, तो उस बचे हुए भाग को आग में जलाना। उसे खाया न जाए, क्योंकि वह पवित्र है।
“मेरे लिए किए गए बलिदान के लहू को ख़मीर के साथ न चढ़ाना, और न फसह के पर्व के बलिदान में से सुबह तक कुछ छोड़ना।
“यहोवा के लिए चढ़ाई जानेवाली कोई भी अन्नबलि ख़मीर मिलाकर न बनाई जाए; तुम यहोवा के लिए अग्नि में अर्पित बलि में ख़मीर और मधु को न जलाना।
यदि कोई व्यक्ति उसे धन्यवाद के लिए चढ़ाता है, तो धन्यवाद की बलि के साथ तेल से सनी हुई अख़मीरी पूरियाँ, तेल से चुपड़े हुए अख़मीरी पापड़, और तेल से सने तथा गुँधे हुए मैदे की पूरियाँ चढ़ाए।
धन्यवाद के लिए उसकी मेलबलि का मांस बलिदान चढ़ाने के दिन ही खाया जाए; उसमें से कुछ भी भोर तक बचा न रहे।