तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा, और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूँक दिया; और आदम जीवित प्राणी बन गया।
उत्पत्ति 6:17 - नवीन हिंदी बाइबल और सुन, मैं उन सब प्राणियों का नाश करने के लिए, जो आकाश के नीचे हैं और जिनमें जीवन का श्वास है, पृथ्वी पर जलप्रलय भेजूँगा; तथा वे सब जो पृथ्वी पर हैं मर जाएँगे। पवित्र बाइबल “तुम्हें जो बता रहा हूँ उसे समझो। मैं पृथ्वी पर बड़ा भारी जल का बाढ़ लाऊँगा। आकाश के नीचे सभी जीवों को मैं नष्ट कर दूँगा। पृथ्वी के सभी जीव मर जायेंगे। Hindi Holy Bible और सुन, मैं आप पृथ्वी पर जलप्रलय करके सब प्राणियों को, जिन में जीवन की आत्मा है, आकाश के नीचे से नाश करने पर हूं: और सब जो पृथ्वी पर हैं मर जाएंगे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं आकाश के नीचे उन सब प्राणियों को, जिनमें जीवन का श्वास है, नष्ट करने के लिए पृथ्वी पर जल-प्रलय करूंगा। पृथ्वी के सब प्राणी मर जाएंगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और सुन, मैं आप पृथ्वी पर जल–प्रलय करके सब प्राणियों को, जिनमें जीवन का प्राण है, आकाश के नीचे से नष्ट करने पर हूँ; और सब जो पृथ्वी पर हैं मर जाएँगे। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि मैं पृथ्वी को जलप्रलय से नाश कर दूंगा और कोई न बचेगा; सबको जिनमें जीवन की आत्मा है, आकाश के नीचे से मैं नाश करनेवाला हूं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और सुन, मैं आप पृथ्वी पर जल-प्रलय करके सब प्राणियों को, जिनमें जीवन का श्वास है, आकाश के नीचे से नाश करने पर हूँ; और सब जो पृथ्वी पर हैं मर जाएँगे। |
तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा, और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूँक दिया; और आदम जीवित प्राणी बन गया।
तब परमेश्वर ने नूह से कहा, “मैंने सब प्राणियों का अंत करने का निश्चय किया है, क्योंकि उनके कारण पृथ्वी उपद्रव से भर गई है; देख, मैं उन्हें पृथ्वी समेत नष्ट करने पर हूँ।
जहाज़ में एक खिड़की बनाना और उसके एक हाथ ऊपर से छत डालना; और जहाज़ के एक ओर द्वार रखना। और जहाज़ में नीचे का, बीच का, और सब से ऊपर का तल बनाना।
फिर यहोवा ने कहा, “मैं मनुष्य को जिसे मैंने रचा है पृथ्वी पर से मिटा डालूँगा, बल्कि मनुष्य के साथ-साथ पशुओं, रेंगनेवाले जंतुओं और आकाश के पक्षियों को भी; क्योंकि मैं उन्हें बनाकर खेदित हुआ हूँ।”
इस प्रकार सब प्राणियों ने जिनमें जीवन का श्वास था, दो-दो करके नूह के साथ जहाज़ में प्रवेश किया।
पृथ्वी पर चालीस दिन तक जलप्रलय होता रहा, जिसके कारण जल बहुत बढ़ता गया, और जहाज़ ऊपर उठने लगा; और वह पृथ्वी की सतह से ऊँचा उठ गया।
क्योंकि सात दिन के बाद मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूँगा, और मैं प्रत्येक प्राणी को जिसे मैंने रचा है, पृथ्वी पर से मिटा डालूँगा।”
देख, मैं स्वयं मिस्रियों के मन को कठोर करूँगा, और वे उनका पीछा करेंगे। तब फ़िरौन, और उसकी सारी सेना, और रथों, और घुड़सवारों के द्वारा मेरी महिमा होगी।
तो मैं भी क्रोधित होकर तुम्हारे विरुद्ध चलूँगा, और तुम्हारे पापों के कारण तुम्हें सातगुणा दंड दूँगा।
और उन्हें तब तक कुछ समझ नहीं आया जब तक जलप्रलय आकर सब कुछ बहा न ले गया; वैसे ही मनुष्य के पुत्र के आगमन पर भी होगा।
जिस दिन तक नूह ने जहाज़ में प्रवेश न किया, लोग खाते, पीते, विवाह करते, और विवाह में दिए जाते रहे; तब जलप्रलय ने आकर सब को नष्ट कर दिया।
ताकि जिस प्रकार पाप ने मृत्यु में राज्य किया, उसी प्रकार अनुग्रह भी धार्मिकता से हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा अनंत जीवन के लिए राज्य करे।
क्योंकि पाप की मज़दूरी तो मृत्यु है, परंतु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनंत जीवन है।
विश्वास ही से नूह ने उन बातों के विषय में, जो दिखाई नहीं देती थीं, चेतावनी पाकर भक्तिपूर्ण भय के साथ अपने परिवार के बचाव के लिए जहाज़ बनाया, जिसके द्वारा उसने संसार को दोषी ठहराया, और उस धार्मिकता का उत्तराधिकारी हुआ जो विश्वास के अनुसार है।
जो उस समय आज्ञा न माननेवाले थे, जब परमेश्वर नूह के दिनों में धीरज से प्रतीक्षा कर रहा था और जहाज़ बनाया जा रहा था। उस जहाज़ में थोड़े ही लोग अर्थात् आठ लोग पानी से बचाए गए।
और उसने प्राचीन काल के संसार को भी न छोड़ा बल्कि भक्तिहीनों के संसार पर जलप्रलय भेजा, पर धार्मिकता के प्रचारक नूह समेत आठ मनुष्यों को बचा लिया;