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उत्पत्ति 6:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

17 मैं आकाश के नीचे उन सब प्राणियों को, जिनमें जीवन का श्‍वास है, नष्‍ट करने के लिए पृथ्‍वी पर जल-प्रलय करूंगा। पृथ्‍वी के सब प्राणी मर जाएंगे।

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पवित्र बाइबल

17 “तुम्हें जो बता रहा हूँ उसे समझो। मैं पृथ्वी पर बड़ा भारी जल का बाढ़ लाऊँगा। आकाश के नीचे सभी जीवों को मैं नष्ट कर दूँगा। पृथ्वी के सभी जीव मर जायेंगे।

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Hindi Holy Bible

17 और सुन, मैं आप पृथ्वी पर जलप्रलय करके सब प्राणियों को, जिन में जीवन की आत्मा है, आकाश के नीचे से नाश करने पर हूं: और सब जो पृथ्वी पर हैं मर जाएंगे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

17 और सुन, मैं आप पृथ्वी पर जल–प्रलय करके सब प्राणियों को, जिनमें जीवन का प्राण है, आकाश के नीचे से नष्‍ट करने पर हूँ; और सब जो पृथ्वी पर हैं मर जाएँगे।

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नवीन हिंदी बाइबल

17 और सुन, मैं उन सब प्राणियों का नाश करने के लिए, जो आकाश के नीचे हैं और जिनमें जीवन का श्‍वास है, पृथ्वी पर जलप्रलय भेजूँगा; तथा वे सब जो पृथ्वी पर हैं मर जाएँगे।

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सरल हिन्दी बाइबल

17 क्योंकि मैं पृथ्वी को जलप्रलय से नाश कर दूंगा और कोई न बचेगा; सबको जिनमें जीवन की आत्मा है, आकाश के नीचे से मैं नाश करनेवाला हूं.

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उत्पत्ति 6:17
33 क्रॉस रेफरेंस  

तब प्रभु परमेश्‍वर ने मनुष्‍य को भूमि की मिट्टी से गढ़ा तथा उसके नथुनों में जीवन का श्‍वास फूँका और मनुष्‍य एक जीवित प्राणी बन गया।


परमेश्‍वर ने नूह से कहा, ‘मैंने समस्‍त प्राणियों का अन्‍त करने का निश्‍चय किया है। उनके कारण पृथ्‍वी हिंसा से भर गई है। मैं पृथ्‍वी सहित उनको नष्‍ट करूंगा।


जलयान में एक झरोखा बनाना और उसके आधा मीटर ऊपर छत बनाना। जलयान में एक ओर द्वार रखना। तू जलयान को तीन खण्‍डों का बनाना : निचला खण्‍ड, बिचला खण्‍ड और उपरला खण्‍ड।


प्रभु ने कहा, ‘मैं मनुष्‍य को पृथ्‍वी की सतह से मिटा दूंगा, जिसको मैंने रचा था। मैं मनुष्‍यों को, पशुओं को, रेंगनेवाले जन्‍तुओं और आकाश के पक्षियों को नष्‍ट करूंगा; क्‍योंकि मुझे इस बात का दु:ख है कि मैंने उन्‍हें बनाया।’


समस्‍त प्राणियों में से दो-दो प्राणी, जिनमें जीवन का श्‍वास था, नूह के साथ जलयान में गए।


पृथ्‍वी पर चालीस दिन तक प्रलय होता रहा। जल बढ़ता गया। उससे जलयान ऊपर उठने लगा। वह पृथ्‍वीतल से ऊंचा उठ गया।


मैं सात दिन के पश्‍चात् चालीस दिन और चालीस रात तक पृथ्‍वी पर वर्षा करूंगा, और उन सब प्राणियों को भूमि की सतह से मिटा दूंगा, जिन्‍हें मैंने बनाया था।’


‘मैं तुम्‍हारे और तुम्‍हारे पश्‍चात् होने वाली तुम्‍हारी सन्‍तान के साथ


वे अपने नियत समय से पहले उठा लिये गए, उनकी नींव तक बह गई।


वहां के निवासियों की दुष्‍टता के कारण फलवन्‍त भूमि को लोनी मिट्टी में बदल डालता है।


प्रभु जल-प्रवाह पर विराजमान है; राजाधिराज प्रभु युग-युगांत सिंहासनारूढ़ है।


मैं मिस्र-निवासियों का हृदय हठीला कर दूंगा जिससे वे इस्राएलियों का पीछा करते हुए समुद्र के मध्‍य जाएँ। तब मैं फरओ, उसकी समस्‍त सेना, उसके रथों और घुड़सवारों को पराजित कर अपनी महिमा करूंगा।


प्रभु कहता है : ‘मैं, मैं ही वह हूं, जो तुझे शांति देता है। तब तू नश्‍वर मनुष्‍य से, घास के समान तत्‍काल सूख जानेवाले इन्‍सान से क्‍यों डरता है?


‘मेरे लिए यह वैसा है जैसा नूह के समय में था: मैंने शपथ ली थी कि जल-प्रलय से पृथ्‍वी पुन: न डूबेगी। वैसी ही शपथ अब मैं पुन: ले रहा हूं : मैं तुझसे नाराज न होऊंगा, मैं तुझे फिर न डांटूंगा।


‘स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : देखो, मैं स्‍वयं अपनी भेड़ों की सुधि लूंगा, और उनको ढूंढ़ने जाऊंगा।


‘इसलिए स्‍वामी-प्रभु उनसे यह कहता है : देखो, मैं स्‍वयं मोटी और दुबली भेड़ों के मध्‍य न्‍याय करूंगा।


अत: सुनो, मैं, स्‍वामी-प्रभु क्‍या कहता हूँ: मैं, हां मैं, तुम्‍हारे विरुद्ध हूँ। मैं इन्‍हीं राष्‍ट्रों के सामने तुम्‍हारे मध्‍य में अपना न्‍याय-निर्णय सुनाऊंगा।


ओ इस्राएल के पहाड़ो! स्‍वामी-प्रभु का यह सन्‍देश सुनो: स्‍वामी-प्रभु पहाड़ों और पहाड़ियों, घाटियों और तराइयों के सम्‍बन्‍ध में यों कहता है: देखो, मैं, हाँ मैं, तुम पर शत्रु की तलवार चलवाऊंगा, और यों मैं तुम्‍हारी पहाड़ी शिखर के पूजागृह नष्‍ट कर दूंगा।


मैं एफ्रइम के लिए एक सिंह हूं; यहूदा प्रदेश के लिए युवा सिंह हूं; मैं, हां मैं, उन्‍हें फाड़ दूंगा, मैं उन्‍हें मुंह में उठाकर ले जाऊंगा। उन्‍हें मुझसे कोई न छुड़ा सकेगा।


तो मैं क्रोध में भर कर तुम्‍हारे विरुद्ध चलूंगा। मैं स्‍वयं क्रोध में भर कर तुम्‍हारे पाप के कारण तुम्‍हें सात गुना ताड़ित करूंगा।


प्रभु ने स्‍वर्ग में अपने उपरले कक्ष बनाए हैं, उसने आकाशमण्‍डल को पृथ्‍वी पर खड़ा किया है। वह सागर के जल को भाप के रूप में बुलाता है, और फिर वर्षा के रूप में उसको पृथ्‍वी की सतह पर उण्‍डेल देता है। उसका नाम प्रभु है।


जब तक जलप्रलय नहीं आया और उसने सब को बहा नहीं दिया, तब तक किसी को इसका कुछ भी पता नहीं था। मानव-पुत्र के आगमन के समय वैसा ही होगा।


नूह के जलयान पर चढ़ने के दिन तक लोग खाते-पीते और शादी-ब्‍याह करते रहे। तब जलप्रलय आया और उसने सब को नष्‍ट कर दिया।


इस प्रकार पाप, मृत्‍यु के माध्‍यम से, राज्‍य करता रहा; किन्‍तु हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा अनुग्रह, धार्मिकता के माध्‍यम से, अपना राज्‍य स्‍थापित करेगा और हमें शाश्‍वत जीवन में ले जायेगा।


क्‍योंकि पाप का वेतन मृत्‍यु है, किन्‍तु परमेश्‍वर का वरदान है हमारे प्रभु येशु मसीह में शाश्‍वत जीवन।


अब मुझे देखो! मैं, हाँ मैं, वही हूँ! मेरे अतिरिक्‍त कोई ईश्‍वर नहीं है। मैं ही प्राण लेता हूँ, मैं ही जीवन देता हूँ। मैं ही घायल करता हूँ, मैं ही स्‍वस्‍थ करता हूँ। मेरे हाथ से छुड़ानेवाला कोई नहीं है।


नूह अपने विश्‍वास के कारण अदृश्‍य घटनाओं से परमेश्‍वर के द्वारा सचेत किया गया। उसने इस चेतावनी का सम्‍मान किया और अपना परिवार बचाने के लिए जलयान का निर्माण किया। उसने अपने विश्‍वास द्वारा संसार को दोषी ठहराया और वह उस धार्मिकता का अधिकारी बना, जो विश्‍वास पर आधारित है।


उन लोगों ने पूर्वकाल में आज्ञा भंग की थी, जब परमेश्‍वर नूह के दिनों में जलयान-निर्माण के समय धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहा था। उस जलयान में प्रवेश कर थोड़े ही अर्थात् आठ व्यक्‍ति जल के द्वारा बचाये गये थे।


उसने पुरातन संसार को भी नहीं बचाया, बल्‍कि विधर्मियों के संसार को जल-प्रलय द्वारा नष्‍ट कर दिया, हालाँकि उसने सात अन्‍य व्यक्‍तियों के साथ धार्मिकता के प्रचारक नूह को सुरक्षित रखा।


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