वह याकूब की पुत्री दीना पर मोहित हो गया, और उसने उस लड़की से प्रेम किया तथा उससे मीठी-मीठी बातें की।
उत्पत्ति 50:21 - नवीन हिंदी बाइबल इसलिए अब डरो मत, मैं तुम्हारी और तुम्हारे बाल-बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करता रहूँगा।” इस प्रकार उसने उन्हें शांति दी और उनसे कोमलता से बातें कीं। पवित्र बाइबल इसलिए डरो नहीं। मैं तुम लोगों और तुम्हारे बच्चों की देखभाल करूँगा।” इस प्रकार यूसुफ ने उन्हें सान्त्वना दी और उनसे कोमलता से बातें कीं। Hindi Holy Bible सो अब मत डरो: मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाल-बच्चों का पालन पोषण करता रहूंगा; इस प्रकार उसने उन को समझा बुझाकर शान्ति दी॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अत: तुम मत डरो। मैं तुम्हारा और तुम्हारे छोटे-छोटे बच्चों का पालन-पोषण करता रहूँगा।’ इस प्रकार यूसुफ ने उन्हें आश्वस्त किया और अपनी प्रेमपूर्ण बातों से उनको शान्ति दी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये अब मत डरो; मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाल–बच्चों का पालन–पोषण करता रहूँगा।” इस प्रकार उसने उनको समझा–बुझाकर शान्ति दी। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये भयभीत न हो; मैं स्वयं तुम्हें और तुम्हारे बच्चों को भोजन दूंगा.” इस प्रकार योसेफ़ ने अपने भाइयों को सांत्वना दी और उनसे कोमलता से बातें की. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए अब मत डरो: मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाल-बच्चों का पालन-पोषण करता रहूँगा।” इस प्रकार उसने उनको समझा-बुझाकर शान्ति दी। |
वह याकूब की पुत्री दीना पर मोहित हो गया, और उसने उस लड़की से प्रेम किया तथा उससे मीठी-मीठी बातें की।
अब तुम लोग न तो दुःखी होओ, और न ही अपने आप पर क्रोध करो कि तुमने मुझे यहाँ आनेवालों के हाथ बेच डाला था; क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हारे प्राण बचाने के लिए मुझे तुमसे पहले यहाँ भेज दिया है।
यूसुफ ने अपने पिता, और अपने भाइयों, और अपने पिता के सारे घराने के लिए उनके बाल-बच्चों की गिनती के अनुसार भोजन-सामग्री की व्यवस्था की।
परंतु मैं तुमसे कहता हूँ, अपने शत्रुओं से प्रेम रखो औरजोतुम्हें सताते हैं, उनके लिए प्रार्थना करो,
“क्योंकि यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गिक पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा;
ध्यान रखो कि बुराई के बदले कोई किसी से बुराई न करे, परंतु सदा एक दूसरे और सब लोगों के साथ भलाई करने का प्रयत्न करो।
बुराई के बदले बुराई न करो, और न गाली के बदले गाली दो, परंतु इसके विपरीत आशिष ही दो, क्योंकि तुम इसी लिए बुलाए गए हो कि उत्तराधिकार में आशिष प्राप्त करो।