उसने ऊँटों को नगर के बाहर एक कुएँ के पास बैठाया। वह साँझ का समय था, जब स्त्रियाँ जल भरने के लिए निकलती हैं।
उत्पत्ति 24:42 - नवीन हिंदी बाइबल इसलिए आज मैंने उस कुएँ के पास आकर कहा, ‘हे यहोवा, मेरे स्वामी अब्राहम के परमेश्वर, यदि तू मेरी इस यात्रा को सफल करे; पवित्र बाइबल “आज मैं इस कुएँ पर आया और मैंने कहा, ‘हे यहोवा मेरे मालिक के परमेश्वर कृपा करके मेरी यात्रा सफल बना। Hindi Holy Bible सो मैं आज उस कुएं के निकट आकर कहने लगा, हे मेरे स्वामी इब्राहीम के परमेश्वर यहोवा, यदि तू मेरी इस यात्रा को सफल करता हो: पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘मैं आज झरने पर पहुँचा और प्रार्थना की, “हे प्रभु, मेरे स्वामी अब्राहम के परमेश्वर, जिस मार्ग पर मैं जा रहा हूँ, उसे तू आज सफल कर। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये मैं आज उस कुएँ के निकट आकर कहने लगा, ‘हे मेरे स्वामी अब्राहम के परमेश्वर यहोवा, यदि तू मेरी इस यात्रा को सफल करता हो; सरल हिन्दी बाइबल “आज जब मैं कुएं के पास पहुंचा, तो मैंने यह प्रार्थना की, ‘याहवेह, मेरे स्वामी अब्राहाम के परमेश्वर, मैं जिस उद्देश्य से यहां आया हूं, वह काम पूरा हो जाये. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए मैं आज उस कुएँ के निकट आकर कहने लगा, ‘हे मेरे स्वामी अब्राहम के परमेश्वर यहोवा, यदि तू मेरी इस यात्रा को सफल करता हो; |
उसने ऊँटों को नगर के बाहर एक कुएँ के पास बैठाया। वह साँझ का समय था, जब स्त्रियाँ जल भरने के लिए निकलती हैं।
“मेरे स्वामी अब्राहम का परमेश्वर यहोवा धन्य है, जिसने अपनी करुणा और सच्चाई को मेरे स्वामी पर से नहीं हटाया। यहोवा ने यात्रा में मेरी अगुवाई की और मुझे मेरे स्वामी के भाई-बंधुओं के घर पहुँचा दिया है।”
उसने कहा, “हे यहोवा की ओर से धन्य पुरुष, भीतर आ। तू बाहर क्यों खड़ा है? मैंने घर, और ऊँटों के लिए स्थान तैयार कर दिया है।”
यूसुफ के स्वामी ने देखा कि यहोवा उसके साथ है, और जो कुछ वह करता है उसे यहोवा उसके हाथ से सफल कर देता है।
हमारे परमेश्वर यहोवा की मनोहरता हम पर प्रकट हो। तू हमारे हाथों के कार्यों को हमारे लिए दृढ़ कर; हाँ, तू हमारे हाथों के कार्यों को दृढ़ कर।
उन्होंने कहा, “शतपति कुरनेलियुस, जो एक धर्मी और परमेश्वर का भय माननेवाला और सारी यहूदी जाति में सुनाम व्यक्ति है, उसे एक पवित्र स्वर्गदूत के द्वारा यह निर्देश मिला है कि तुझे अपने घर बुलाकर तुझसे वचन सुने।”
और सदैव अपनी प्रार्थनाओं में विनती करता हूँ कि किसी प्रकार अब मैं परमेश्वर की इच्छा से तुम्हारे पास आने में सफल हो जाऊँ।