उसने उससे फिर कहा, “यदि वहाँ चालीस ही मिलें तो?” उसने कहा, “तो मैं चालीस लोगों के मिलने पर भी ऐसा नहीं करूँगा।”
उत्पत्ति 18:30 - नवीन हिंदी बाइबल तब उसने कहा, “हे प्रभु, तू क्रोधित न हो तो मैं कुछ और कहूँ; यदि वहाँ तीस मिलें तो?” उसने कहा, “यदि मुझे वहाँ तीस ही मिलें, तो भी मैं ऐसा नहीं करूँगा।” पवित्र बाइबल तब इब्राहीम ने कहा, “हे यहोवा कृपा करके मुझ पर नाराज़ न हो। मुझे यह पूछने दे कि यदि नगर में केवल तीस अच्छे लोग हो तो क्या तू नगर को नष्ट करेगा?” यहोवा ने कहा, “यदि मुझे तीस अच्छे लोग वहाँ मिले तो मैं नगर को नष्ट नहीं करूँगा।” Hindi Holy Bible फिर उसने कहा, हे प्रभु, क्रोध न कर, तो मैं कुछ और कहूं: कदाचित वहां तीस मिलें। उसने कहा यदि मुझे वहां तीस भी मिलें, तौभी ऐसा न करूंगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अब्राहम ने पुन: कहा, ‘यदि स्वामी क्रोध न करे तो मैं कहूँगा। मान ले, वहाँ तीस ही मिलें?’ उसने उत्तर दिया, ‘यदि मुझे वहाँ तीस मिलेंगे, तो मैं उसे नष्ट नहीं करूँगा।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर उसने कहा, “हे प्रभु, क्रोध न कर तो मैं कुछ और कहूँ। कदाचित् वहाँ तीस मिलें।” उसने कहा, “यदि मुझे वहाँ तीस भी मिलें, तौभी ऐसा न करूँगा।” सरल हिन्दी बाइबल तब अब्राहाम ने कहा, “प्रभु, आप मुझ पर नाराज न होएं, पर मुझे बोलने दें. यदि वहां तीस ही धर्मी पाए जाएं तो?” याहवेह ने उत्तर दिया, “यदि मुझे वहां तीस भी मिल जाएं, तो मैं नाश न करूंगा.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर उसने कहा, “हे प्रभु, क्रोध न कर, तो मैं कुछ और कहूँ: कदाचित् वहाँ तीस मिलें।” उसने कहा, “यदि मुझे वहाँ तीस भी मिलें, तो भी ऐसा न करूँगा।” |
उसने उससे फिर कहा, “यदि वहाँ चालीस ही मिलें तो?” उसने कहा, “तो मैं चालीस लोगों के मिलने पर भी ऐसा नहीं करूँगा।”
फिर अब्राहम ने कहा, “देख, मैं तो अपने प्रभु से बात करने का साहस कर रहा हूँ। यदि वहाँ बीस ही मिलें तो?” उसने कहा, “तो मैं उन बीस लोगों के मिलने पर भी उसे नष्ट नहीं करूँगा।”
तब यहूदा ने उसके पास जाकर कहा, “हे मेरे स्वामी, तेरे दास को अपने स्वामी से अकेले में एक बात कहने की अनुमति दे, और तेरा क्रोध तेरे दास पर न भड़के, क्योंकि तू तो फ़िरौन के तुल्य है।
हे यहोवा, तूने नम्र लोगों की इच्छा सुनी है; तू उनके मन को दृढ़ करेगा और अपने कान उनकी ओर लगाएगा,
परमेश्वर पवित्र लोगों की सभा में अत्यंत भययोग्य है; और जो उसके चारों ओर हैं उनमें वही सब से अधिक आदर के योग्य है।