“फिर बबूल की लकड़ी की एक मेज़ बनवाना; उसकी लंबाई दो हाथ, चौड़ाई एक हाथ और ऊँचाई डेढ़ हाथ की हो।
इब्रानियों 9:2 - नवीन हिंदी बाइबल एक तंबू बनाया गया, जिसके बाहरी भाग में जो पवित्र स्थान कहलाता था, दीवट, मेज़ और भेंट की रोटियाँ होती थीं। पवित्र बाइबल एक तम्बू बनाया गया था जिसके पहले कक्ष में दीपाधार थे, मेज़ थी और भेंट की रोटी थी। इसे पवित्र स्थान कहा जाता था। Hindi Holy Bible अर्थात एक तम्बू बनाया गया, पहिले तम्बू में दीवट, और मेज, और भेंट की रोटियां थी; और वह पवित्रस्थान कहलाता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) एक शिविर खड़ा कर दिया गया। उसके अगले कक्ष में दीपाधार था, मेज थी और भेंट की रोटियाँ थीं। यह पवित्र-स्थान कहलाता था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि एक तम्बू बनाया गया, पहले तम्बू में दीवट, और मेज, और भेंट की रोटियाँ थीं; और वह पवित्रस्थान कहलाता है। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि एक तंबू बनाया गया था, जिसके बाहरी कमरे में दीपस्तंभ, चौकी तथा पवित्र रोटी रखी जाती थी. यह तंबू पवित्र स्थान कहलाता था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अर्थात् एक तम्बू बनाया गया, पहले तम्बू में दीवट, और मेज, और भेंट की रोटियाँ थीं; और वह पवित्रस्थान कहलाता है। (निर्ग. 25:23-30, निर्ग. 26:1-30) |
“फिर बबूल की लकड़ी की एक मेज़ बनवाना; उसकी लंबाई दो हाथ, चौड़ाई एक हाथ और ऊँचाई डेढ़ हाथ की हो।
“फिर तू शुद्ध सोने की एक दीवट बनवाना। वह दीवट सोने से ढलवाकर बनाई जाए; उसके पाये, उसकी डंडी, उसके पुष्पकोष, उसकी गाँठ और उसके फूल, सब एक ही टुकड़े के बने हों।
“तू निवासस्थान को दस परदों से बनवाना; ये परदे बटे हुए महीन मलमल और नीले, बैंजनी तथा लाल रंग के कपड़ों के बने हों, और उन पर करूबों के चित्रों की कढ़ाई करवाना।
फिर परदे को आँकड़ों द्वारा नीचे लटकाना, और साक्षीपत्र का संदूक परदे के भीतर ले आना, जिससे वह परदा तुम्हारे लिए पवित्रस्थान को परमपवित्रस्थान से अलग रखे।
परदे के बाहर निवासस्थान के उत्तरी भाग में मेज़ को रखना, और उसके दक्षिणी भाग में मेज़ के सामने दीवट को रखना।
“अब उन्हें पवित्र करने के लिए जो कार्य तुझे उनके संबंध में करना है कि वे मेरे लिए याजक के रूप में कार्य करें, वह यह है : एक निर्दोष बछड़ा और दो निर्दोष मेढ़े लेना;
“तू हारून और उसके पुत्रों के साथ वह सब करना जिसकी मैंने तुझे आज्ञा दी है, तू सात दिन तक उनका अभिषेक करते रहना।
तू मेज़ को भीतर ले जाना और उसकी वस्तुओं को उस पर सजाना; तब तू दीवट को भीतर ले जाना और उसके दीपकों को उस पर लगा देना।
वह किस प्रकार परमेश्वर के भवन में गया, और उन्होंने भेंट की रोटियाँ खाईं, जिन्हें खाना न तो उसके लिए और न ही उसके साथियों के लिए, पर केवल याजकों के लिए उचित था?
लोग दीपक जलाकर टोकरी के नीचे नहीं बल्कि दीवट पर रखते हैं, और वह उस घर में सब लोगों को प्रकाश देता है।
इसलिए नहीं कि वह अपने आपको बार-बार चढ़ाए—जिस प्रकार महायाजक प्रतिवर्ष दूसरे का लहू लेकर पवित्र स्थान में प्रवेश करता है—