इफिसियों 6:1 - नवीन हिंदी बाइबल हे बच्चो, प्रभु में अपने माता-पिता की आज्ञा मानो, क्योंकि यह उचित है। पवित्र बाइबल हे बालकों, प्रभु में आस्था रखते हुए माता-पिता की आज्ञा का पालन करो क्योंकि यही उचित है। Hindi Holy Bible हे बालकों, प्रभु में अपने माता पिता के आज्ञाकारी बनो, क्योंकि यह उचित है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) बच्चो! प्रभु में अपने माता-पिता की आज्ञा मानो, क्योंकि यह उचित है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे बालको, प्रभु में अपने माता–पिता के आज्ञाकारी बनो, क्योंकि यह उचित है। सरल हिन्दी बाइबल हे बालको, प्रभु में अपने माता-पिता का आज्ञापालन करें क्योंकि उचित यही है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे बच्चों, प्रभु में अपने माता-पिता के आज्ञाकारी बनो, क्योंकि यह उचित है। |
तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, “तेरे भाई शकेम में भेड़-बकरियाँ चरा रहे हैं। देख, मैं तुझे उनके पास भेजता हूँ,” और उसने उससे कहा, “जो आज्ञा।”
तब यूसुफ ने उन्हें अपने पिता के घुटनों के बीच से हटाया, और अपने मुँह के बल भूमि पर गिरकर दंडवत् की।
इसलिए मैं तेरे सब उपदेशों को हर विषय में ठीक मानता हूँ, और प्रत्येक झूठे मार्ग से घृणा करता हूँ।
हे यहोवा, मैं जानता हूँ कि तेरे नियम धर्ममय हैं, और तूने अपनी सच्चाई के अनुसार मुझे दुःख दिया है।
यहोवा के उपदेश सच्चे हैं, जो हृदय को आनंदित कर देते हैं। यहोवा की आज्ञा शुद्ध है, वह आँखों में ज्योति ले आती है।
अपने पिता की सुनना जिसने तुझे उत्पन्न किया है, और जब तेरी माता बूढ़ी हो जाए तो उसे तुच्छ न जानना।
जो आँख अपने पिता की हँसी उड़ाती है, और माता की आज्ञा मानने को तुच्छ जानती है, उस आँख को तराई के कौए नोच नोचकर निकालेंगे, और गिद्ध के बच्चे खा जाएँगे।
तुममें से प्रत्येक अपने माता-पिता का आदर करे, और मेरे विश्रामदिनों को माने; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।
फिर वह उनके साथ गया और नासरत में आया, तथा उनके अधीन रहा। उसकी माता ने इन सब बातों को अपने मन में रखा।
इस संसार के सदृश्य न बनो, बल्कि अपने मन के नए हो जाने के द्वारा तुम परिवर्तित होते जाओ, जिससे तुम परमेश्वर की इच्छा को पहचान सको, जो भली, ग्रहणयोग्य और सिद्ध है।
कि तुम उसका प्रभु में वैसे ही स्वागत करो जैसे पवित्र लोगों का करते हो; और जिस किसी बात में उसे तुम्हारी आवश्यकता हो उसकी सहायता करो, क्योंकि वह भी बहुतों की और स्वयं मेरी सहायक रही है।
इसलिए हे मेरे प्रिय भाइयो, दृढ़ और अटल रहो तथा प्रभु के कार्य में सदैव बढ़ते जाओ, क्योंकि तुम जानते हो कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है।
यदि किसी विधवा के बच्चे या नाती-पोते हों, तो वे पहले अपने परिवार में भक्ति का व्यवहार करना और अपने माता-पिता के उपकारों का बदला चुकाना सीखें; क्योंकि परमेश्वर की दृष्टि में यह ग्रहणयोग्य है।