इफिसियों 5:4 - नवीन हिंदी बाइबल और न निर्लज्जता और मूर्खता की बातें या भद्दे मज़ाक हों जो शोभा नहीं देते, बल्कि धन्यवाद ही दिया जाए। पवित्र बाइबल तुममें न तो अश्लील भाषा का प्रयोग होना चाहिए, न मूर्खतापूर्ण बातें या भद्दा हँसी ठट्टा। ये तुम्हारी अनुकूल नहीं हैं। बल्कि तुम्हारे बीच धन्यवाद ही दिये जायें। Hindi Holy Bible और न निर्लज्ज़ता, न मूढ़ता की बातचीत की, न ठट्ठे की, क्योंकि ये बातें सोहती नहीं, वरन धन्यवाद ही सुना जाएं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और न भद्दी, मूर्खतापूर्ण या अश्लील बातचीत; क्योंकि यह अशोभनीय है-बल्कि आप परमेश्वर को धन्यवाद दिया करें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और न निर्लज्जता, न मूढ़ता की बातचीत की, न ठट्ठे की; क्योंकि ये बातें शोभा नहीं देतीं, वरन् धन्यवाद ही सुना जाए। सरल हिन्दी बाइबल और न ही तुम्हारे बीच निर्लज्जता और मूर्खता भरी बातचीत या अश्लील मज़ाक हो, जो हमेशा ही व्यर्थ है परंतु तुम्हारे बीच धन्यवाद ही सुना जाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और न निर्लज्जता, न मूर्खता की बातचीत की, न उपहास किया, क्योंकि ये बातें शोभा नहीं देती, वरन् धन्यवाद ही सुना जाए। |
समझदार मनुष्य ज्ञान को छिपाए रखता है, परंतु मूर्ख अपने मन की मूर्खता का प्रदर्शन करता है।
बुद्धिमानों की जीभ ज्ञान का उचित प्रयोग करती है, परंतु मूर्खों का मुँह मूर्खता ही उगलता है।
वैसा ही वह मनुष्य होता है जो अपने पड़ोसी को धोखा देकर कहता है, “अरे, मैं तो मज़ाक कर रहा था।”
परस्त्रीगमन, लोभ, दुष्टता, छल, कामुकता, कुदृष्टि, निंदा, अहंकार और मूर्खता निकलती हैं।
तब कुछ नावें तिबिरियास से उस स्थान के निकट आईं जहाँ प्रभु के धन्यवाद देने के बाद लोगों ने रोटी खाई थी।
जब उन्होंने परमेश्वर को पहचानना न चाहा, तब परमेश्वर ने उन्हें उनके भ्रष्ट मन के वश में छोड़ दिया कि वे अनुचित कार्य करें।
और तुम भी अपनी प्रार्थनाओं द्वारा हमारी सहायता करते रहोगे, ताकि हमारी ओर से बहुत से लोग उस अनुग्रह के लिए धन्यवाद करें जो बहुतों की प्रार्थनाओं द्वारा हमें मिला है।
कोई अपशब्द तुम्हारे मुँह से न निकले, बल्कि वही निकले जो आवश्यकता के अनुसार दूसरों की उन्नति के लिए उत्तम हो, ताकि सुननेवालों पर अनुग्रह हो।
किसी भी बात की चिंता मत करो, बल्कि प्रत्येक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सामने प्रस्तुत किए जाएँ।
परंतु अब तुम इन सब बातों को अर्थात् क्रोध, रोष, बुराई, निंदा और गालियाँ जो तुम्हारे मुँह से निकलती हैं, छोड़ दो।
हम उस संपूर्ण आनंद के बदले में जो तुम्हारे विषय में है परमेश्वर का धन्यवाद कैसे करें? हम तुम्हारे कारण अपने परमेश्वर के सामने आनंदित होते हैं,
अतः हम उसके द्वारा परमेश्वर को स्तुति रूपी बलिदान निरंतर चढ़ाते रहें, अर्थात् उन होंठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं।
वे घमंड की व्यर्थ बातें बोलने और शारीरिक अभिलाषाओं और लुचपन के द्वारा उन लोगों को फँसा लेते हैं जो भटके हुओं में से अभी निकल ही रहे हैं।
परंतु ये लोग जिन बातों को समझते नहीं उनकी निंदा करते हैं और बुद्धिहीन पशुओं के समान जिन बातों को वे स्वाभाविक रूप से जानते हैं उन्हीं के द्वारा नष्ट हो जाते हैं।
ये समुद्र की तूफ़ानी लहरें हैं जो अपनी ही लज्जा का झाग उछालती हैं। ये भटके हुए तारे हैं जिनके लिए घोर अंधकार सदा काल तक रखा गया है।