यद्यपि यहोवा महान है, फिर भी वह नम्र मनुष्य की ओर दृष्टि करता है; परंतु अहंकारी मनुष्य को दूर से ही पहचानता है।
इफिसियों 4:2 - नवीन हिंदी बाइबल संपूर्ण दीनता और नम्रता के साथ धैर्य रखते हुए प्रेम में एक दूसरे की सह लो, पवित्र बाइबल सदा नम्रता और कोमलता के साथ, धैर्यपूर्वक आचरण करो। एक दूसरे की प्रेम से सहते रहो। Hindi Holy Bible अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आप पूर्ण रूप से विनम्र, सौम्य तथा सहनशील बनें, प्रेम से एक दूसरे को सहन करें पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अर्थात् सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो; सरल हिन्दी बाइबल तुममें विशुद्ध विनम्रता, सौम्यता तथा धीरज के साथ आपस में प्रेम में सहने का भाव भर जाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अर्थात् सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो, |
यद्यपि यहोवा महान है, फिर भी वह नम्र मनुष्य की ओर दृष्टि करता है; परंतु अहंकारी मनुष्य को दूर से ही पहचानता है।
तू सत्य, नम्रता, और धार्मिकता के लिए अपने प्रताप पर सवार होकर विजयपूर्वक आगे बढ़। तेरा दाहिना हाथ तुझे भयानक कार्य सिखाए।
मेरा जुआ अपने ऊपर उठाओ और मुझसे सीखो, क्योंकि मैं नम्र और मन का दीन हूँ, और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे;
इस पर यीशु ने उनसे कहा,“हे अविश्वासी पीढ़ी! कब तक मैं तुम्हारे साथ रहूँगा? कब तक तुम्हारी सहूँगा? उसे मेरे पास लाओ।”
अर्थात् पूरी दीनता से और आँसू बहाते हुए और उन परीक्षाओं में जो यहूदियों के षड्यंत्रों के कारण मुझ पर आईं, मैं प्रभु की सेवा करता रहा;
अब हम बलवानों को चाहिए कि निर्बलों की निर्बलताओं को सहें, न कि अपने आपको प्रसन्न करें।
वह सब बातों को सहता है, सब बातों का विश्वास करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है।
उसने हमें जगत की उत्पत्ति से पहले उसमें चुन लिया कि हम उसके सामने प्रेम में पवित्र और निर्दोष रहें,
और उसकी महिमा की शक्ति के अनुसार हर प्रकार के सामर्थ्य से बलवंत होते जाओ ताकि तुम हर प्रकार का धीरज और सहनशीलता प्राप्त करो, और आनंद के साथ
परंतु हे परमेश्वर के जन, तू इन बातों से भाग; और धार्मिकता, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज और नम्रता का पीछा कर।
और नम्रता से विरोधियों को समझानेवाला हो। संभव है कि परमेश्वर उन्हें पश्चात्ताप का अवसर दे कि वे सत्य को जान सकें
इसलिए सारी मलिनता और समस्त बुराई को छोड़कर उस वचन को नम्रता से ग्रहण कर लो जो तुममें रोपा गया है और तुम्हारे प्राणों को बचा सकता है।
पर अपने मन में मसीह को प्रभु जानकर आदर दो; और जो तुम्हारी आशा के विषय में तुमसे कुछ पूछे, उसे नम्रता और आदर के साथ उत्तर देने को हर समय तैयार रहो;